मेडिकल सर्टीफिकेट केस में अब जांच में भी फर्जीवाड़े का खेल

ग्वालियर-। फर्जी मेडिकल व एमएलसी का खेल उजागर होने के मामले में अब जांच पड़ताल ही कठघरे में है। फर्जीवड़े में शामिल डाक्टर फार्मासिस्ट नर्स व कर्मचारी के किसी के बयान तक दर्ज नहीं किए गए। तीन सदस्य जाचं कमेटी को पांच दिन का समय मिला था वह भी निकल गया है। कमेटी क्या कर रही है नहीं पता पर इस कांड में शामिल लोग निश्चिंत होकर ड्यूटी जरुर कर रहे हैं। जिससे पूरी जांच की दाल ही काली लग रही है। विभागीय जांच व निलंबन जैसी कोई गंभीर कार्रवाई नहीं की गई। संभवत: इसमें खुद जिले के अधिकारी फर्जी सर्टीफिकेट बनाने वालों को बचाने का खेल खेल रहे हों।
यहां हम आपको बता दें कि एक सप्ताह पहले नईदुनिया टीम ने जिला अस्पताल, थाटीपुर और जयारोग्य अस्पताल के 6 कर्मचारियों ने फर्जी एमएलसी व मेडिकल सर्टीफिकेट बनाने वालों का स्टिंग आपरेशन किया था। जिस में कर्मचारियों से लेकर डाक्टर तक ने फर्जी सटीफिकेट बनाने की बात कही थी। इसके एवज में 5 हजार रुपये का खर्चा भी बताया गया था। जिला अस्पताल के डा एके सिंह ने तो खुद यह कहा था किसी भी नाम से मिलता जुलता एक्सरा लेते आओ वह सर्टीफिकेट बना देंगे। तब नईदुनिया ने शुक्रवार के अंक में अस्पतालों में बिक रहा मेडिकल सर्टिफिकेट शीर्षक से सरकारी अस्पतालों में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट व एमएलसी बनाए जाने के कारोबार का पर्दाफाश किया था। इस स्टोरी में बताया था कि किस तरह चार से पांच हजार रुपये के खर्च में मेडिकल सर्टिफिकेट से लेकर एमएलसी तक बनवाने की गारंटी ली जा रही है। जिस पर तत्कालीन प्रभारी सीएमएचओ डा अशोक खरे ने तीन सदस्य दल का गठन कर मामले की जांच रिपोर्ट पांच दिन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे।
1 थाटीपुर डिस्पेंसरी में पदस्थ आपरेटर विकास, जिसका फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट व एमएलसी बनवाने का नेटवर्क सामने आया। विकास ने कहा था कि डाक्टर फ्रैक्चर लिख देगा,एक्सरे भी करा देंगे,जिसका खर्चा 4 से 5 हजार रुपये खर्च बताया था।
2 जिला अस्पताल में पदस्थ ड्रेसर दिनेश गुप्ता,कहा था कि फर्जी मेडिकल सर्टीफिकेट बन जाएगा। इसके लिए पर्चा बनवा लो, 15 -15 दिन के का मेडिकल बनेगा। प्रति सप्ताह के हिसाब से 500 रुपये देने होंगे।
3 जिला अस्पताल में पदस्थ डा. एके सिंह ने कहा था कि किसी भी टूटी अंगुली वाले को ले आओ या एक्स-रे ले आओ, जिस पर उसका नाम व पता नहीं होना चाहिए। मैं सर्टीफिकेट बनाकर दे दूंगा।
4 थाटीपुर डिस्पेंसरी फार्मासिस्ट संदीप यादव, जो डाक्टर के पास ले गया और बिना फ्रैक्चर के फर्जी सर्टीफिकेट बनाने का काम कराने के लिए कहा।
5 जिला अस्पताल में पदस्थ गौतम भी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के लिए हां कर रहा है और मोबाइल नंबर देते हुए कहा कि शाम को 6 बजे के बाद मिलो, काम हो जाएगा।
6 जेएएच का मेल नर्स पंकज पचौरी मोबाइल पर खुलेआम फर्जी सर्टिफिकेट बनवाने का दावा कर रहा था। जिसमें पंकज ने कहा कि बिना फ्रैक्चर के मेडिकल सर्टिफिकेट और एमएलसी बनाने के लिए तैयार हो गया। उसने कहा कि बाहर से एक्सरे करा लाओ जिससे काम में आसानी होगी।
इनका कहना है-
मुझे जांच संबंधी कोई आदेश नहीं मिला। हो सकता है कि सोमवार को जांच आदेश मिले, आदेश मिलने के बाद ही जांच शुरू करुंगा , यह जांच तो लंबी चलने वाली है।
डा एसके वर्मा, अध्यक्ष जांच कमेटी
फर्जीवाड़े मामले की जांच तीन सदस्य दल कर रहा है। जांच करने में थोड़ा वक्त लगता हैं। दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जांच रिपोर्ट की जानकारी लेता हूं कि विलंब क्याें हो रहा है। जांच के लिए आदेश तत्काल जारी कर दिया गया था। मैं पूरी जानकारी लेता हूं।
डा मनीष शर्मा , सीएमएचओ




