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मिशन 2023… कांग्रेस के वचन पत्र में फिर शामिल होगा ‘स्वास्थ्य का अधिकार’

भोपाल – अगले वर्ष होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने वचन पत्र पर काम शुरू कर दिया है। पिछली बार की तरह इस बार भी ‘स्वास्थ्य का अधिकार” वचन पत्र में प्राथमिकता के साथ रखा जाएगा। इसके अलावा शिक्षा और भोजन के अधिकार को भी शामिल करने की तैयारी है।

कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कहा कि वचन पत्र अद्भुत होगा। बता दें कि ‘स्वास्थ्य का अधिकार” कांग्रेस ने पिछले चुनाव में भी अपने वचन पत्र में रखा था। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद स्वास्थ्य का अधिकार लागू करने के लिए देशभर के स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों को बुलाया गया था। इसमें इस बात पर मंथन किया गया था कि स्वास्थ्य के अधिकार में क्या-क्या शामिल किया जाए। सम्मेलन में नीति आयोग, मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया, गैर सरकारी संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए थे। दो महीने बाद ही दूसरा सम्मेलन भी किया गया। दोनों सम्मेलनों में सभी की राय यही थी कि आयुष्मान योजना सभी के लिए लागू की जाए। गरीबी रेखा के ऊपर के लोगों से कुछ प्रीमियम लिया जा सकता है। अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा हुई थी। इसके बाद भाजपा की सरकार आई तो इस विषय को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब आयुष्मान योजना में घोटाले उजागर होने के बाद कांग्रेस की प्राथमिकता ‘स्वास्थ्य का अधिकार” लागू करने को लेकर बढ़ गई है।

चिन्हित सेवाएं नहीं मिलने पर हर्जाना लगाने की तैयारी
स्वास्थ्य का अधिकार लागू करने के लिए नवंबर 2019 और जनवरी 2020 में दो बड़ी कार्यशाला कराई गई थीं। यहां विशेषज्ञों ने सुझाव दिया था कि ‘स्वास्थ्य का अधिकार” कानून में मरीजों को तय अस्पतालों में चिन्हित सेवाएं नहीं मिलने पर हर्जाने का प्रविधान किया जाना चाहिए। इस अधिकार को लागू करने के लिए हर स्तर पर एक बोर्ड बैठाने की तैयारी भी थी। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने कहा था कि हर स्तर गज सरकारी अस्पताल में उपलब्ध इलाज, जांच, दवाएं आदि की सूची तैयार की जानी चाहिए। इसके मुताबिक मरीजों को हर हाल में इलाज देना जरूरी हो जाता।

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