खतरे में शिवराज के 12 मंत्री, चुनाव जीतना मुश्किल, चार सिंधिया समर्थक भी शामिल

भोपाल- भाजपा के अपने सर्वे में पार्टी के 12 मंत्रियों को डेंजर झोन में बताया गया है। सर्वे के अनुसार इनके अपने विधानसभा क्षेत्र में इनकी हालत इतनी खराब है कि उनका चुनाव जीतना मुश्किल नजर आ रहा है। केंद्रीय नेतृत्व द्वारा किए गए सर्वेक्षणों से पता चलता है कि वे मंत्री कामकाज में विफल रहे हैं। इनमें से अधिकांश मंत्री आरएसएस से जुड़े हैं । चूंकि वे जनता से कटे हुए हैं, इसलिए चुनाव के दौरान उन्हें परेशानी हो सकती है।
जिन मंत्रियों की उनके क्षेत्र में स्थिति कमजोर है, उनमें से दो आदिवासी इलाकों के हैं। इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए 4 मंत्रियों की स्थिति भी अपने-अपने क्षेत्र में कमजोर है। उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोग इन मंत्रियों से नाराज हैं, क्योंकि उन्होंने मतदाताओं से दूरी बना ली है। वे लोगों के कल्याण के लिए काम नहीं कर पाए हैं। साथ ही अपने समर्थकों का अहंकार भी इन मंत्रियों के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है। वहीं बीजेपी के कई नेता ऐसे भी हैं जो लंबे समय से जमीनी स्तर से जुड़े हुए हैं। इनमें गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलावट, प्रद्युम्न सिंह तोमर, ओमप्रकाश सकलेचा और विश्वास सारंग जैसे मंत्री शामिल हैं।
इन मंत्रियों हालत खराब
जिन मंत्रियों की उनके क्षेत्र में हालत खराब है उनमें बिसाहूलाल सिंह (अनूपपुर), मीना सिंह (मानपुर), महेंद्र सिंह सिसोदिया (बम्होरी), जगदीश देवड़ा (मल्हारगढ़), मोहन यादव (उज्जैन दक्षिण), उषा ठाकुर (महू), ब्रजेंद्र प्रताप सिंह (पन्ना), भरत सिंह कुशवाहा (ग्वालियर ग्रामीण), इंदर सिंह परमार (शुजालपुर), रामखेलावन पटेल (अमरपाटन), ओपीएस भदौरिया (मेहगांव), सुरेश धाकड़ (पोहरी) शामिल हैं।




