सतना नगर निगम में 200 कर्मचारियों का पकड़ा गया घोटाला

आज हमारी खबर का सिर्फ अंदाज अलग नहीं होगा आज हमारी खबर पूरी देश दुनिया से हटके होगी। आज एक ऐसी खबर है जो पूरे मध्यप्रदेश के इतिहास में भ्रष्टाचार का नया खुलासा करेगी। शायद पूरे मध्यप्रदेश में जिस तरीके का भ्रष्टाचार सतना नगर निगम में हुआ या यूं कहें कि न सिर्फ हुआ बल्कि कई वर्षों से अनवरत जारी कई महापौर आए और बदल गए कई कमिश्नर आए और चले गए। लेकिन किसी ने इस भ्रष्टाचार को पकडऩे की हिम्मत नहीं जुटाई उसके पीछे का कारण यह था कि शायद वह भ्रष्टाचार को पकडऩा नहीं चाहते थे। भ्रष्टाचार पकडऩे के लिए कलेजा चाहिए चाहिए। नीति चाहिए नियत चाहिए। जो सबके अंदर नहीं होती। 32 साल की पत्रकारिता में मैं पहली बार यह महसूस कर रहा हूं कि सतना शहर की जनता नहीं पहली बार नगरीय निकाय के चुनाव में एक ऐसा महापौर चुनाव जिसके पास नीति भी है और नियत भी। संस्कृति भी है और संस्कार भी। कुछ अच्छा करने का माद्दा भी है तो गलत करने वालों का कान ऐठने की क्षमता भी । जब महापौर चुनाव चल रहे थे तब आम आदमियों की जुबान से यह बात सुनी जाती थी कि यार योगेश ताम्रकार को वोट दो शहर के लिए कुछ अच्छा करेगा हालांकि अभी योगेश ताम्रकार को कुर्सी पर बैठकर बहुत दिन नहीं हुई जैसा भी सोचते हैं वैसा अभी कुछ कर भी नहीं पाए लेकिन जनता के बीच छाती ठोक ठोक कर चिल्ला चिल्ला कर अपना संकल्प दोहराते हैं कि साडे 4 साल में सतना को रीवा से बेहतर बना दूंगा। साफ सफाई के मामले में सतना तो इंदौर बनाऊंगा। सच्चाई यह है कि सतना के लिए उन्होंने अभी कुछ किया या नहीं किया लेकिन योगेश ताम्रकार ने इतना कर दिया जो अभी तक किसी ने नहीं किया था। सतना नगर निगम में कई वर्षों से भ्रष्टाचार के भस्मासुर पल रहे थे। जो खबर हम आपको बताने जा रहे हैं वह खबर सुनकर आपके पांव के नीचे से जमीन खिसक जाएगी पूरी खबर सुनने के बाद माथा चकराने लगेगा। कि आखिरकार सतना शहर का विकास क्यों नहीं हो पा रहा था एहोता भी कैसे जब बाड़ ही खेत खाने लगेगी जब सावन ही आग लगाने लगेगा तो आखिरकार आग बुझेगी कैसे। सतना शहर के लोग ही नहीं बल्कि प्रदेश और देश के लोग भी यह सुनकर दंग रह जाएंगे कि सतना नगर नगर निगम के अंदर 200 ऐसे कर्मचारी हैं जो काम नहीं करते और वह वेतन लेते हैं । इस बात का खुलासा सबसे पहले विशाल खबर कर रहा है और जल्दी ही यह 200 कर्मचारी नगर निगम से बाहर कर दिए जाएंगे। नगर निगम इन 200 कर्मचारियों की सूची जारी करेगा । जल्दी ही नगर निगम ऐसे कर्मचारियों के ऊपर एफ आई आर दर्ज करा सकता है जिन लोगों ने काम नहीं किया और वेतन ली । जल्द ही नगर निगम उन लोगों के विरुद्ध भी कोई कार्यवाही कर सकता है जिन लोगों के हस्ताक्षर से इन कर्मचारियों की नियुक्ति की गई। जब इस तरीके की गड़बड़ी सतना के महापौर योगेश ताम्रकार के निगाह में आई तो उन्होंने छह लोगों की जांच सदस्य टीम बना दी इस 6 सदस्यीय जांच टीम के मुखिया र्वाउ नं 3के पार्षद अभिषेक तिवारी उर्फ अंशू है। इस जांच टीम ने करीब करीब 75: काम पूरा भी कर लिया है एक और 2 दिन के अंदर उन 200 लोगों की सूची सतना शहर के सामने नहीं बल्कि इस पूरे देश दुनिया के सामने होगी । सुनिए सतना शहर के महापौर ने एक कार्यक्रम में 200 ऐसे कर्मचारियों की बात कही जो काम नहीं करते और वेतन लेते हैं।दर्शकों को सुनकर यह आश्चर्य होगा कि जो काम भी नहीं करते और वेतन उनकी वेतन दो एचार ए 10ए000 नहीं है । बल्कि ऐसे लोगों की वेतन ?35000 प्रति माह भी है । सतना नगर निगम में जिस तरीके का भ्रष्टाचार बोया गया जिस तरीके का भ्रष्टाचार उगाया गया जिस तरीके का भ्रष्टाचार काटा गया यह सुनकर उन अधिकारियों और उन नेताओं से घिन छूटने लगी है कि आखिरकार जिस जनता ने जिस संविधान ने आप लोगों के ऊपर भरोसा किया आप लोगों ने उस जनता के विश्वास का इतना घटिया सिला दिया जिसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता था । भ्रष्टाचार करने वालों की हिम्मत को भी दाद देनी पड़ेगी कुछ तो ऐसे कर्मचारी है जो गोवा में रहते हैं उसके बाद भी नगर निगम से वेतन लेते हैं कुछ ऐसे कर्मचारी हैं जो जबलपुर में रहते हैं सतना आते ही नहीं उसके बाद भी वेतन लेते हैं। जब 200 कर्मचारी बिना काम का वेतन लेंगे तो सतना शहर का विकास आखिरकार कैसे होगा । अगर 200 कर्मचारियों की औसत वेतन ?15000 भी मान ली जाए तो नगर निगम में प्रति माह तकरीबन तीस लाख रुपए का फर्जी कर्मचारी घोटाला होता आ रहा है । 200 कर्मचारियों का घोटाला पकड़ में आ चुका है जांच चल रही है अब यह घोटाला कितने रुपए महीने का है कितने लोग इसमें और शामिल है कितने लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज होगी कितने लोग इस भ्रष्टाचार में शामिल है यह सारी चीज एकण्दो दिन के बाद सामने आ जाएगी । मजेदार बात यह है कि इस पूरे घोटाले को शहर के महापौर योगेश ताम्रकार भी बंद कमरे में नहीं बल्कि एक आयोजन में स्वीकार करते हैं उसके बाद भी सतना शहर के लोग उस खबर को संजीदगी के साथ नहीं लेते ऐसा इसलिए भी कि सतना शहर के लोगों को अब भ्रष्टाचार सहने की आदत पड़ गई है भ्रष्टाचार की खबरों से उन्हें कोई तकलीफ नहीं होती वे मानकर चल रहे हैं कि सतना शहर में भ्रष्टाचार कोई अब रोक नहीं सकता इसीलिए महापौर योगेश ताम्रकार की इस स्वीकारोक्ति के बाद भी मीडिया में यह खबर इसलिए नहीं आई कि भ्रष्टाचार से संबंधित खबर थी । यह खबर मीडिया में इसलिए भी नहीं आई किस खबर को किसी ने सोशल मीडिया में प्रचारित और प्रसारित नहीं किया। किसी ने सच ही कहा है कि कोई अच्छा व्यक्ति किसी का भला करें या ना करें बुरा तो नहीं ही करता ।बतौर महापौर योगेश ताम्रकार शहर का भला करें या ना करे लेकिन 200 कर्मचारियों का भ्रष्टाचार पकडक़र सतना शहर का इतना भला तो कर ही दिया कि कम से कम यह 200 ऐसे कर्मचारी जो बिना काम किए वेतन लेते हैं वे कम से कम नगर निगम से बाहर हो जाएंगे। जब इतना कर दिया है तो निश्चित तौर पर अब उम्मीद जागी है आगे भी कुछ ना कुछ और अच्छा करेंगे। विशाल खबर शहर के महापौर योगेश ताम्रकार को साधुवाद देता है कि कम से कम उन्होंने 200 ऐसे कर्मचारियों को नगर निगम से बाहर का रास्ता दिखाने का प्रयास किया है जो बिना काम किए वेतन ले रहे थे।




