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पन्ना में रिश्वत लेते महिला TI पकड़ी गई, अब हुई फरार, लोकायुक्त टीम और पुलिस के बीच मारपीट, जानें पूरा मामला

पन्ना- मध्यप्रदेश में लगातार कार्रवाई होने के बाद भी रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारी सक्रिय हैं। लोकायुक्त ने नए साल के पहले दिन अपना खाता खोलते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पन्ना जिले की देवेंद्रनगर थाना प्रभारी ज्योति सिंह सिकरवार रिश्वत लेते हुए ट्रैप हुई हैं। हालांकि टीआई लोकायुक्त के चंगुल से छूटकर फरार हो गई  एफआईआर में नाम काटने के एवज में थाना प्रभारी सिकरवार ने फरियादी से 50 हज़ार की रिश्वत की मांग की थी। लेकिन फरियादी ने इसकी शिकायत सागर लोकायुक्त में कर दी, जिसके बाद टीम ने शिकायत की जांच करवाई और सही पाई जाने पर केमिकल लगे नोट देकर फरियादी को भेजा। जैसे ही थाना प्रभारी ज्योति सिंह सिकरवार हवलदार अमर सिंह के माध्यम से अपने निवास पर घूस ली, उसी दौरान लोकायुक्त ने दबिश देकर टीआई को दबोच लिया।

लोकायुक्त टीम से झड़प की खबर

कार्रवाई को लेकर जब लोकायुक्त पुलिस ने निरीक्षक ज्योति सिंह सिकरवार से पुलिस थाना चलने के लिए कहा तो उसके द्वारा मना करने एवं अभद्र व्यवहार करने पर लोकायुक्त निरीक्षक मंजू सिह द्वारा उसे एक चांटा मार दिया और पुलिस थाना ले आए जिस पर वहां भी विवाद होने आने लगा। इसी बीच मौका पाकर प्रधान आरक्षक अमर सिंह मौके से फरार हो गया, लेकिन निरीक्षक को चांटा मारने की बात जब देवेन्द्र नगर पुलिस स्टाफ को पता चली तो उनके और लोकायुक्त पुलिस में विवाद होने लगा। सूत्रों के अनुसार विवाद इतना बड़ा कि दोनों ही टीमों के बीच हाथापाई की खबर है । इसमें देवेंद्र नगर पुलिस द्वारा लोकायुक्त डीएसपी राकेश खड़के, निरीक्षक मंजू सिह, आरक्षक आशुतोष व्यास सहित अन्य के साथ अभद्रता कर दी गई और घटना के बाद थाना प्रभारी ज्योति सिंह सिकरवार भी वहां से फरार हो गई।

ये है मामला

मामले के बारे में बताया जा रहा है की पन्ना जिले के देवेंद्र नगर के ग्राम दमन टोला में विगत दिवस किसी विवाद पर गोली चलने की घटना घटित हुई थी। जिसमें गोली लगने से 3 लोग घायल हुए थे जिस पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। जिसमें विजय यादव नाम के व्यक्ति को भी आरोपी बनाया गया था। इसमें थाना प्रभारी देवेंद्र नगर ज्योति सिह सिकरवार और हवलदार अमर सिंह द्वारा 1 लाख रुपए की राशि रिश्वत के रूप में नाम काटे जाने को लेकर विजय यादव से की गई थी और मामला 50 हजार रुपए में तय किया गया। जिस पर विजय यादव द्वारा लोकायुक्त पुलिस सागर में शिकायत की गयी थी।

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