भाजपा के रास्ते में कांटा क्यों बो रहीं उमा

भारतीय जनता पार्टी में रहकर भारतीय जनता पार्टी की ही मुसीबत बढ़ाने का यदि कोई हुनर सीखना चाहे तो यह हुनर उमा भारती से सीखा जा सकता है उमा भारती पहले शराबबंदी के नाम पर आंदोलन की धमकी देती हैं उसके बाद लोधी समाज के सम्मेलन में अप्रत्यक्ष रूप से यह कह देती है कि आप भारतीय जनता पार्टी से बनी नहीं है आप अपना नफा नुकसान देख कर दीजिए। इतना सब कहने के बाद भी जब उमा भारती का जी नहीं भरा तो वह भाजपा से निष्कासित प्रीतम लोधी से मिलने जा पहुंची । यहां पर यह बताना उल्लेखनीय है कि प्रीतम लोधी ने सवर्णों के खिलाफ टिप्पणी की थी जिसके चलते उन्हें भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था अब उमा भारती प्रीतम लोधी की पीठ पर हाथ रखकर भाजपा को ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रही है । पीतम लोधी से मिलने के बाद उमा भारती ने यह तर्क भी दिया कि जब भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता जयंत मलैया से मिलने जा सकते हैं तुम्हें प्रीतम लोधी से क्यों नहीं मिल सकती । जयंत मलैया का उदाहरण उमा भारती ने इसलिए भेज दिया कि जयंत मलैया के बेटे को भारतीय जनता पार्टी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चक्कर में निष्कासित कर दिया है।उमा भारती ने तो यहां तक कह दिया प्रीतम लोधी को जबसे पार्टी ने निकाला है तब से वे हमसे ज्यादा भी लोकप्रिय हो गए हैं ।




