मप्र में भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों के कामकाज की होगी समीक्षा, कुछ की हो सकती है छुट्टी

भोपाल- मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को अभयदान मिलने के बाद अब प्रदेश पदाधिकारियों के कामकाज की समीक्षा होगी। प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव ने सभी पदाधिकारियों को प्रभार के ज़िलों में नियमित प्रवास करने से लेकर कई अन्य कार्यक्रम सौंपे थे।
पार्टी इसकी समीक्षा करेगी। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश महामंत्री पद के पांच में से दो अपने विधानसभा क्षेत्र में चुनाव की तैयारियों में व्यस्त हैं। एक महिला महामंत्री के प्रभार का संभाग पार्टी ने बदला था लेकिन फिर भी उक्त पदाधिकारी ने प्रभार के संभाग में प्रवास नहीं किया। यही स्थिति ज़िला प्रभारी पदाधिकारियों की है। संभावना जताई जा रही है कि ऐसे कुछ कमजोर प्रदर्शन वाले पदाधिकारियों की छुट्टी हो सकती है।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के प्रदेश भ्रमण के बाद अब संगठन पार्टी के पदाधिकारियों के कामकाज का मूल्यांकन करेगा। रातापानी में हुई बैठक में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के निर्देश के बाद प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश और क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल ने प्रदेश के लगभग सभी जिलों में जाकर कार्यकर्ताओं की बैठक ली और उनसे फीडबैक लिया। इसमें दिग्गज नेताओं ने जमीनी हकीकत तो जानी ही, साथ में उन्होंने संगठन नेताओं के बारे में पार्टी कार्यकर्ताओं की राय भी जानी।
इस आधार पर फिलहाल सतना के जिलाध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी को हटा दिया गया है। अब पार्टी के प्रदेश पदाधकारियों के कामकाज का आकलन होना है। इसमें भी पार्टी नेताओं को जो जानकारी मिली, उसमें प्रदेश महामंत्री शरदेंदु तिवारी अपने प्रभार के संभाग शहडोल में समय देने के बजाए अपने विधानसभा क्षेत्र में चुनावी तैयारियों में व्यस्त हैं।
जबलपुर से हटाकर इनका भी प्रभार पहले बदला गया था। शहडोल संभाग में नगरीय निकाय चुनाव में परिणाम भी भाजपा के प्रतिकूल आए थे। रीवा संभाग के प्रभारी रणवीर सिंह रावत विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा रखते हैं इसलिए वे भी संभागीय मुख्यालय रीवा में प्रवास तो कर रहे हैं लेकिन समय कम दे रहे हैं जबकि विंध्य में भाजपा की हालत अच्छी नही है। राज्यसभा सदस्य कविता पाटीदार पहले भोपाल संभाग की प्रभारी थीं, तब भी इनका प्रवास केवल भोपाल मुख्यालय तक सीमित था।
संगठन ने संभाग बदलकर जबलपुर संभाग का प्रभार सौंपा तो भी वे जबलपुर में भी नियमित प्रवास नहीं कर रही हैं। यही स्थिति अन्य पदाधिकारियों की है। महामंत्री हरिशंकर खटीक चंबल प्रभारी हैं, जतारा से विधायक होने के कारण वे भी अपनी चुनावी तैयारियों में व्यस्त हैं। उपाध्यक्ष पंकज जोशी कालापीपल से चुनाव लड़ना चाहते हैं। जिला प्रभारी और हारी हुई सीटों पर बनाए गए प्रभारी भी प्रवास नहीं कर रहे हैं।
मोर्चा-प्रकोष्ठ भी निष्क्रिय
भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव से पहले संगठन को इतना मजबूत कर देना चाहती है कि हर बूथ पर हर मोर्चा और प्रकोष्ठ की टीम पार्टी का चुनावी मोर्चा संभाल सके, लेकिन अधिकांश मोर्चा-प्रकोष्ठ मंडल और बूथ स्तर पर कार्यसमिति का गठन नहीं कर पाए हैं।
भारतीय जनता युवा मोर्चा से लेकर महिला मोर्चा की मैदानी स्थिति भी कमजोर है। किसान मोर्चा और अनुसूचित जाति व जनजाति मोर्चा की सक्रियता से पार्टी के दिग्गज नाराज हैं। मोर्चा संगठनों की यह स्थिति है कि प्रदेश प्रभारी की कई फटकार के बाद जैसे-तैसे वे कार्यकारिणी का गठन कर पाए




