ताजा ख़बरें

जब तक भोपाल का नाम भोजपाल नहीं होता, यहां अगली कथा करने नहीं आऊंगा : जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज

भोपाल – राजा भोज की नगरी भोपाल का नाम जब तक भोजपाल नहीं हो जाता, तब तक भोपाल में अगली कथा करने नहीं आऊंगा। पहले इसका नाम भोजपाल था, राजा भोज जिसके पालक थे। वह भोजपाल है। हम फैजाबाद को अयोध्या कर सकते हैं, इलाहाबाद को प्रयागराज कर सकते हैं, होशंगाबाद को नर्मदापुरम कर सकते हैं, तो क्या भोपाल को भोजपाल नहीं कर सकते? मैं अपने अनुज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से कहूंगा कि इस चुनाव के पहले इसका नाम बदल दें। यह बात जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने राजधानी के भेल दशहरा मैदान पर चल रही श्रीराम कथा के पहले दिन कही। दरअसल भोजपाल मेला महोत्सव समिति के पदाधिकारियों ने भोपाल का नाम बदलवाने की मांग जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज से की थी।

सुनाया श्रीराम का अयोध्या वापसी प्रसंग

उन्होंने कहा कि श्रीराम चंद्र कृपाल भजमन की सुमधुर भजन से श्रीराम कथा की शुरुआत करते हुए बताया कि अब तक 1360 कथा कर चुके हैं, यह 1361वीं कथा है। महाराज ने कहा कि मैं एक ही चौपाई पर नौ दिनों तक कथा कहूंगा। यह चौपाई उत्तरकांड के दशवें अध्याय की पांचवी पंक्ति में है। आगे की कथा में बताया कि जब श्रीराम रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त कर विभीषण को राज्य देकर सीता जी और पूरी वानर सेना को पुष्पक विमान से लेकर वापस अयोध्या आए तो वशिष्ठ जी ने सभी ब्राह्मणों को बुलाया और कहा कि सुंदर मुहूर्त आ गया है। देवताओ प्रसन्नता पूर्वक आज्ञा दीजिए कि रामचंद्र बैठहिं सिंहासन।

महंत रामप्रवेशदास ने भी सुनी कथा

भोपाल पहुंचने पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज का विमानतल पर गुफा मंदिर के महंत रामप्रवेश दास महाराज, आयोजन समिति के अध्यक्ष सुनील यादव, संयोजक विकास वीरानी, महामंत्री हरीश कुमार राम, उपाध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी, नारायण सिंह परमार सहित मेला समिति के सभी पदाधिकाारियों और गणमान्य नागरिकों ने फूल माला और रामनामी पहनाकर स्वागत-सत्कार और अगवानी की। कथा सुनने गुफा मंदिर के महंत रामप्रवेशदास भी पहुंचे। जगद्गुरु ने उन्हें सीने से लगाया। गोविंदपुरा के श्रमिक नेता दीपक गुप्ता सहित कई लोगों ने जगद्गुरु को माला पहनाकर उनसे आशीर्वाद लिया। जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज के मुखारविंदु से नौ दिवसीय श्रीराम कथा 31 जनवरी तक की जाएगी।

लव जिहाद के नाम पर हिन्दू बेटियों को फंसाया जा रहा

महाराज ने कहा कि लव जिहाद के नाम पर हिन्दू बेटियों को फंसाया जा रहा है, क्योंकि हमारे युवाओं को सही दिशा और मार्गदर्शन नहीं मिल रहा है। युवाओं को रामचंद्र के पथ पर चलने की जरूरत है। महाराज ने कहा कि किसी को चेहरे से नहीं अपने चरित्र से प्रभावित करो। जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि मैं जो बात कहता हूं, पूरे दम से जिम्मेदारी के साथ कहता हूं और वह पूरी होती है। मैने कहा था रामजन्मभूमि का फैसला हमारे पक्ष में आया। कश्मीर से धारा 370 हटी, तीन तलाक खत्म हो गया। पीओके दुनिया के नक्शे से समाप्त होना चाहिए, यह हमारा है और उसे हम लेकर रहेंगे। महाराज ने कहा कि जिसको राष्ट्र की पूरी अखंडता चाहिए, वह हमारी कथा में आए। त्रेतायुग में विश्वामित्र के बाद 1008 कुंडीय यज्ञ हमने किया। कथा की शुरुआत में जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज के स्वागत में गुफा मंदिर के महंत रामप्रवेश दास महाराज ने गाय का महत्व बताते हुए गैया लगै मोहे प्यारी, जगपालन हारी भजन की प्रस्तुति देकर बताई।

Related Articles

Back to top button
Close