कैसे जीतेगी भाजपा 200 सीट

लोग कहते हैं कि टारगेट बड़ा लीजिए तो 1 मिनट भी बड़ा होगा । शायद इसीलिए भारतीय जनता पार्टी 200 सीटों का टारगेट लेकर चल रही है पिछली बार भी भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता अबकी बार 200 के पार का नारा बुलंद करते थे लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया दलबदल नहीं करते तो भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में बैठी होती । लोग यदि कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी कैडर बेस पार्टी यहां कार्यकर्ताओं का निर्माण किया जाता है । इस तरीके की बातें सुनकर एक राजनीतिक समीक्षक ने कहा अब भारतीय जनता पार्टी में कार्यकर्ताओं का निर्माण कम दलालों का निर्माण ज्यादा किया जाता है यदि कोई भी व्यक्ति पद प्रतिष्ठा पा जाता है तो दो चार साल में वह साधारण व्यक्ति से करोड़पति अरबपति जरूर बन जाता है । अब सवाल यह उठता है कि भारतीय जनता पार्टी 200 सीट किसके सहारे जीतेगी और कैसे जीतेगी । अगर हम भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन पर नजर डालें तो बीडी शर्मा ने जितने भी पदाधिकारी बना रखे हैं कायदे से कहने के लिए तो वह प्रदेश के पदाधिकारी है लेकिन उनमें से अधिकांश पदाधिकारी अपनी विधानसभा और लोकसभा तक सीमित है ऐसे में पार्टी 200 सीट कैसे जीतेगी यह अपने आप में बड़ा सवाल है। पार्टी के प्रदेश महामंत्री हैं शरदेंदु तिवारी सीधी जिले की चुरहट विधानसभा से अजय सिंह राहुल को हराकर विधायक बने अब इन्हें संगठन से ज्यादा अपने विधानसभा की चिंता है क्योंकि यह अगला चुनाव अजय सिंह राहुल से लड़ना है जो इतना आसान नहीं होगा । यदि शरदेंदु तिवारी संगठन में अपनी सक्रियता बढ़ाते हैं तो आम जनता से कटेंगे और आम जनता से कटेंगे तो इसका फायदा अजय सिंह राहुल उठाने में कोई चूक नहीं करेंगे अब ऐसी स्थिति में शरदेंदु तिवारी के सामने बड़ी पशोपेश की स्थिति है यदि विधानसभा का चुनाव लड़ना है तो उन्हें प्रदेश महामंत्री पद छोड़ना होगा क्योंकि अभी हाल ही में भाजपा के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने स्पष्ट तौर पर यह कह दिया है कि जो लोग प्रवास नहीं करते हैं पार्टी का काम नहीं करते हैं वे पद छोड़ दे । रीवा संभाग के प्रभारी भी रणवीर सिंह रावत विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा के कारण रीवा संभाग को पर्याप्त समय नहीं दे पाते दिखावे के लिए समय तो देते हैं लेकिन वाकई में जितनी आवश्यकता पार्टी को है इतना समय देने में कोताही बरतते हैं । विंध्य के अंदर भारतीय जनता पार्टी कागजों में भले मजबूत दिखाई दे लेकिन 2023 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की हालत बहुत अच्छी नहीं रहने वाली है ऐसा राजनीतिक समीक्षकों का कहना है। भारतीय जनता पार्टी की राज्यसभा सदस्य कविता पाटीदार भी महत्वपूर्ण पदाधिकारी है पहले कविता पाटीदार भोपाल संभाग की प्रभारी थी तो इनकी भूमिका सिर्फ भोपाल मुख्यालय तक ही सीमित थी भोपाल के मैदानी इलाकों में कभी उन्होंने कोई दौरा नहीं किया इसी कमी को देखते हुए संगठन ने इन्हें जबलपुर का प्रभार दे दिया लेकिन जबलपुर के स्थानीय लोगों का कहना है कि कविता पाटीदार नियमित रूप से जबलपुर का प्रवास नहीं करती। इसके अलावा एक महामंत्री हरिशंकर खटीक जो चंबल के प्रभारी इनके साथ भी शरदेंदु तिवारी वाली स्थिति है । हरिशंकर खटीक जतारा से विधायक है यदि संगठन को समय देते हैं तो क्षेत्र की जनता को समय नहीं दे पाएंगे ऐसे में यदि हरिशंकर खटीक जतारा की जनता से कटने पाए तो चुनावी मैदान में उन्हें भी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा । यह तो मैंने आपको कुछ नाम नमूने के तौर पर बताएं कमोबेश यही स्थिति न सिर्फ पूरे संगठन की है बल्कि भारतीय जनता पार्टी के अन्य मोर्चा का भी यही आलम है न युवा मोर्चा में कहीं कोई दम नजर आता है और नहीं महिला मोर्चा में । हम पूरे प्रदेश की बात नहीं करते हम सतना की ही बात कर ले तो जबसे सौभाग्य केसरी युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने हैं तब से जिले के अंदर युवा मोर्चा ने कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किया बल्कि इतना जरूर हुआ है कि युवा मोर्चा के अध्यक्ष सौभाग्य केसरी शहर के सटोरियों के साथ फोटो खिंचवाते जरूर घूम रहे है।