ताजा ख़बरें

पद के लिए सतीश की जी-हुजूरी

जैसे ही सतीश शर्मा भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष बने वैसे ही जिले के अंदर तमाम उपेक्षित नेताओं की आंखों में संभावनाओं का समंदर दिखाई पड़ने लगा । सतीश शर्मा एक साधारण परिवार से तालुकात रखते हैं ऐसे में माना जा रहा था कि उनके अध्यक्ष बनने के बाद जोश जुलूस जलसा के दर्शन नही होंगे । लेकिन जिस तरीके से उनका सतना जिले के अंदर स्वागत हुआ उससे ऐसा लगा कि उनके पीछे भी तमाम आर्थिक ताकते खड़ी हुई है । जिस तरीके से उनके समर्थन में होल्डिंग बैनर पोस्टर पूरे जिले के अंदर लगाए गए उससे ऐसा लग रहा है कि उन्हें तमाम ऐसे लोग भी समर्थन दे रहे हैं जो आर्थिक रूप से संपन्न है। हालांकि सतीश शर्मा के समर्थन में जितनी भी होर्डिंग सतना शहर के अंदर दिखाई दी उनमें से अधिकांश वही लोग थे जो नरेंद्र त्रिपाठी के कार्यकाल में उपेक्षित या यूं कहें कि नरेंद्र त्रिपाठी ने उनके राजनैतिक परों को कतर दिया था जिसके चलते कई बार विवाद की स्थिति भी निर्मित हुई। बहुत सारे जिले के नेता यह मानकर चल रहे हैं कि सतीश शर्मा के अध्यक्ष बनने के बाद पूरी कार्यकारिणी बदल जाएगी और नए पदाधिकारियों का मनोनयन होगा । लेकिन उच्च पदस्थ राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि एक दो व्यक्तियों का मनोनयन करने के अलावा जो वर्तमान में कार्यकारिणी काम कर रही है उसी से 2023 और 2024 का चुनाव लड़ा जाएगा यदि पूरी बात में सच्चाई है तो बहुत सारे नेताओं के मंसूबों पर पानी फिर जाएगा जिले के तमाम नेता यह मानकर चल रहे हैं कि उन्हें जिला कार्यकारिणी में कोई सम्मानित पद मिल जाएगा जिसके चलते वह अपना जलवा बिखेर सकेंगे लेकिन जलवा बिखेरने की मनसा पालने वाले नेताओं के पीछे भी तमाम नेता लग गए हैं कि उनकी जिले के अंदर पदस्थापना ना हो पाए ऐसे में अब यह देखना है कि सतीश शर्मा के ऊपर जो आर्थिक ताकते उन्हें समर्थन प्रदान कर रही है क्या सतीश शर्मा उनके इशारों पर नाचते हैं या वह स्वयं ऐसा निर्णय लेंगे जिसके चलते भारतीय जनता पार्टी पोलिंग बूथ तक मजबूत हो सके। जिले के अंदर वर्तमान राजनीतिक हालातों पर नजर डाली जाए तो तमाम सर्वे यही कहते हैं कि 7 विधानसभा सीटों में भारतीय जनता पार्टी सिर्फ एक विधानसभा सीट ही जीतने की स्थिति में है ऐसे में सतीश शर्मा पूरे जिले के अंदर ऐसा कौन सा कार्यक्रम चलाकर भारतीय जनता पार्टी को मजबूत बनाने वाले हैं जिससे भारतीय जनता पार्टी कम से कम जिले के अंदर दो 4 सीट जीतने की स्थिति में आ जाए। सतीश शर्मा की जब से भारतीय जनता पार्टी में बतौर अध्यक्ष नियुक्ति हुई है तो पूरे जिले के अंदर एक ही चर्चा है कि कुछ लोगों ने उन्हें हाईजैक करके रखा है । इन चर्चाओं में कितना वजन है और कितनी वास्तविकता है यह तो आने वाला भविष्य बताएगा कि सतीश शर्मा अपने हिसाब से संगठन को चलाते हैं या जिन लोगों ने उन्हें हाईजैक करके रखा है उनके हिसाब से संगठन चलाते हैं । हालांकि अधिकांश लोगों का सतीश शर्मा के संबंध में यह कहना है कि वे जमीनी कार्यकर्ता रहे हैं और उनसे उम्मीद की जाती है कि जमीनी कार्यकर्ताओं को महत्व और तरजीह देंगे ।

Related Articles

Back to top button
Close