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विवादों के घेरे में सतना का मेडिकल कालेज

कुछ जगह पर भ्रष्टाचार ऐसे होते हैं जिसे अंधा भी देख सकता है और बहरा भी सुन सकता है भ्रष्टाचार की कहानी । सतना पीआईयूमें कार्यपालन यंत्री बीएल चौरसिया बीते 12 वर्ष पदस्थ हैं। मध्य प्रदेश शासन के नियमों के मुताबिक किसी भी व्यक्ति को कायदे से एक सीट पर 3 वर्षों से अधिक नहीं रखा जाना चाहिए लेकिन बीएल चौरसिया की प्रबंधन क्षमता को दाद देनी पड़ेगी कि इन्होंने सतना ही नहीं संभाग के हर छोटे बड़े नेता को इस तरह मैनेज करके रखा है कि आज तक इनकी किसी ने शिकायत तक नहीं की और यह 12 वर्षों से लगातार प्रभारी कार्यपालन यंत्री बने हुए है । मध्य प्रदेश के अंदर शायद यह पहले अधिकारी होंगे जिन्हें लगातार 12 वर्षों से एक जगह ही पदस्थ रखा गया है । इन 12 वर्षों में जितने कार्य इनकी देखरेख में हुए हैं उनकी गुणवत्ता भी जांच की जाए तो शायद उससे घटिया निर्माण कहीं हुआ ही नहीं । सतना का मेडिकल कॉलेज इनकी देखरेख में ही बना है । मेडिकल कॉलेज में निर्माण की तमाम वस्तुएं पर्दे के पीछे से सत्ताधारी दल से जुड़े हुए नेताओं ने ही सप्लाई की है इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के ही मऊगंज के विधायक प्रदीप पटेल ने मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य में करोड़ों रुपए के फर्जी भुगतान एवं भवन निर्माण में उपयोग की गई सामग्री की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए विधानसभा में प्रश्न लगाया है साथी उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की है । प्रदीप पटेल का यह सवाल कहीं ना कहीं उनकी दिलेरी साबित करता है क्योंकि उन्होंने सवाल लगाकर सतना के स्थानीय नेताओं से सीधे तौर पर पंगा लिया है ऐसा इसलिए भी दावे के साथ कहा जा सकता है कि यदि स्थानीय नेताओं की सह नहीं होती तो बीएल चौरसिया 12 वर्षों से सतना में मलाई नही खा रहे होते । मेडिकल कॉलेज में निर्माण के दौरान बीएल चौरसिया पर आरोप है कि उन्होंने अपनी चहेती फार्म को लाभ पहुंचाया है सूत्रों का कहना है की चहेती फार्म कहीं ना कहीं सत्ताधारी दलों से जुड़े हुए नेताओं से संबंधित है। जन चर्चा के मुताबिक मेडिकल कॉलेज में औसत या घटिया दर्जे की सामग्री का उपयोग किया गया है विधायक प्रदीप पटेल ने बिजली की फिटिंग के उपकरण नल कनेक्शन एवं फर्श पर लगाई गई टाइल्स की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए उपयोगिता प्रमाण पत्र भी मांगी है इसके साथ ही उन्होंने यह भी पूछा है कि किन-किन फर्मों को कब-कब कितना भुगतान किया गया है । ऐसी चर्चा है 23 फरवरी को देश के गृहमंत्री अमित शाह सतना के मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करेंगे । उद्घाटन के पहले सतना के मेडिकल कॉलेज के नामकरण को लेकर अलग-अलग जातियों के लोग जातिवादी सुर अलापने लगे हैं कुछ लोग मेडिकल कॉलेज का नाम ठाकुर रणमत सिंह तथा कुछ लोग मेडिकल कॉलेज का नाम डॉ लालता प्रसाद खरे के नाम पर करने की मांग कर रहे हैं । 2 जातियों के लोग तो अपनी अपनी जाति के नेताओं के नाम पर मेडिकल कॉलेज के नामकरण की मांग कर चुके हैं 23 तारीख के पहले अभी कुछ और जातियों के लोग कुछ नई मांग भी कर सकते हैं अभी ब्राह्मण संप्रदाय के लोगों ने कोई मांग नहीं रखी तथा पटेल संप्रदाय के लोग भी अभी सामने नहीं आए हैं जिस तरीके से मेडिकल कॉलेज के नामकरण की मांग चल रही है उसे देखते हुए कुशवाहा समाज भी शांत बैठेगा उम्मीद कम ही है अब देखना है की मेडिकल कॉलेज किस महापुरुष के नाम से शुरू किया जाता है स्थानीय स्तर पर जिस तरीके से अलग-अलग नाम की मांग की जा रही है उसे देखते हुए बहुत संभव है कि किसी राष्ट्रीय स्तर के महापुरुष के नाम पर मेडिकल कॉलेज का नामकरण हो सकता है ।

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