एसडीएम पर भारी सचिव

नेताओं के ऊपर तो भ्रष्टाचार के आरोप बड़ी सहजता के साथ लोग लगा देते हैं लेकिन प्रायः देखने में यह आ रहा है कि जिले के अंदर यदि सर्वाधिक अराजकता का माहौल कोई पैदा कर रहा है तो उसमें सचिव की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण नजर आती है भारतीय जनता पार्टी का काफी कुछ 2023 में खेल बिगाड़ने का काम पंचायतों के सचिव करेंगे । जिस स्तर पर पंचायतों के सचिव मनमानी और भ्रष्टाचार कर रहे हैं उसके चलते आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है। विशाल खबर को नागौर जनपद की चंद कुईया पंचायत से सुरेश कुमार डीमहा और रिचा डिम्हा नामक बालिका ने चर्चा के दौरान बताया चंदकुइया के सचिव राम जियावन वर्मा की वजह से उन्हें राशन नहीं मिल पा रहा है इस बात की शिकायत रिचा नामक बालिका ने जनपद सीईओ से भी की लेकिन जनपद सीईओ आम आदमी की आवाज सुनने की बजाय सचिव के भ्रष्टाचार को ही प्रश्रय दिया। एसडीएम के आदेश को भी सचिव ने सुनने से इनकार कर दिया अब इन सब सारी बातों को सुनने के बाद तो यही लगता है कि सचिव एसडीएम पर भारी है सचिव एसडीएम के आदेश को भी नहीं सुनता सचिव की जो मर्जी पड़े वही करेगा ऐसे में मनमानी करने वाले सचिवों की वजह से 2023 के चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए भारी पड़ने वाले यदि समय रहते मनमानी करने वाले सचिवों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो निश्चित तौर पर आगामी विधानसभा के चुनाव भारतीय जनता पार्टी के अनुकूल नहीं होंगे।




