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महापौर ने पेश की अनूठी मिशाल

प्रायः राजनीति में लोग सेवा के बहाने पैसा कमाने आते हैं सतना जिले के अंदर तमाम ऐसे राजनीतिज्ञ देखने को मिले जिन्होंने राजनीति में जब प्रवेश लिया था तब उनकी आर्थिक हैसियत क्या थी और आज की तारीख में उनकी आर्थिक हैसियत क्या है यह किसी से छुपा नहीं राजनीति को लोग सेवा का माध्यम तो कहते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि राजनीति सेवा का माध्यम नहीं बल्कि मेवा खाने का माध्यम है । भ्रष्टाचार अराजकता के इस दौर में भी कुछ ऐसे भी नेता है जो वाकई में राजनीति मैं आकर सेवा को ही वरीयता देते हैं सतना जिले के अंदर एक नाम था डॉ लालता खरे ।वे कांग्रेस से विधायक रहे कांग्रेस ने उन्हें योजना राज्यमंत्री भी बनाया था । डॉ लालता खरे राजनीति में धन कमाने नहीं आए थे उन्होंने सतना को ऐसी सौगात दी है जो सतना जिले की किसी नेता ने नहीं दी उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति एक वृद्ध आश्रम बनाने में लगा दी आज उस वृद्ध आश्रम में सैकड़ों वृद्धि बड़े इत्मीनान के साथ रहते हैं सतना जिले के अंदर ऐसा कार्य आज तक किसी भी राजनेता ने नहीं किया । सतना जिले के अंदर दूसरे व्यक्ति है योगेश ताम्रकार जिन्होंने अपनी जमीन पर गरीबों के रहने के लिए मकान बनाने की घोषणा गृहमंत्री की उपस्थिति में की निश्चित तौर पर यह काबिले तारीफ है योगेश ताम्रकार की घोषणा पर निश्चित तौर पर शहर के हर नागरिक को फक्र हुआ होगा कि शहर का महापौर मेडिकल कॉलेज के पास गरीबों के लिए एक ऐसा आशियाना बना कर देने वाला है जिसमें गरीब लोग जब अपने परिजनों का इलाज कराने आएंगे तो उन्हें इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जब महापौर के चुनाव हो रहे थे तो बहुत सारे लोग ऐसा भी कहते सुने गए थे कि जो व्यक्ति गरीब नहीं होता वह गरीब का दर्द क्या समझे लेकिन सच्चाई यह है कि कि जब कोई गरीब व्यक्ति राजनीति में आता है तो सबसे पहले वह अपनी तिजोरी भरने की कोशिश करता है बाद में जनता का ख्याल करता है लेकिन योगेश ताम्रकार के साथ ऐसा नहीं है योगेश ताम्रकार ने बड़ी दरियादिली के साथ गरीबों के रहने के लिए जिस तरीके की घोषणा की है जिले के ही नहीं बल्कि प्रदेश के अन्य नेताओं को भी योगेश ताम्रकार से प्रेरणा लेनी चाहिए सीखना चाहिए।

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