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अब चंदकुइया पंचायत का भ्रष्टाचार

सतना। सतना जिले के अंदर नागौद जनपद में पंचायत स्तर पर जिस तरीके का भ्रष्टाचार पसरा हुआ है उसे देखते हुए तो ऐसा लगता है कि यदि पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले में यदि किसी जनपद को स्वर्ण पदक मिल सकता है तो उसमें नागौद का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है। नागौद जनपद के अंदर रहिकवारा की अपनी कहानी है पनगरा की अपनी कहानी है दुरेहा की अपनी कहानी है। इन पंचायतों की भ्रष्टाचार की तमाम कहानियां हम आपको पहले भी बता चुके हैं आज हम आपको एक नई पंचायत चंदकुईया के भ्रष्टाचार की कहानी बता रहे हैं। इस पंचायत में रोजगार सहायक योगेश मिश्रा के ऊपर मोना सिंह के बेटे भूपेंद्र सिंह ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है भूपेंद्र सिंह ने भ्रष्टाचार के प्रमाण में योगेश मिश्रा को 6000 जो फोन पे के माध्यम से भुगतान किया था उसका भी प्रमाण पेश किया इसके अलावा उन्होंने अपने बयान में यह कहा कि चनकुइया के रोजगार सहायक ने 10,000 नगर एवं 6000 फोन पर के माध्यम से लिए उसके बाद भी प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि स्वीकृत नहीं की। नागौद जनपद में जिस स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है उस स्तर पर आखिरकार जनपद सीईओ के विरुद्ध सरकार कोई कदम क्यों नहीं उठाती क्योंकि जनपद सीईओ की सहमति के बिना रहिकवारा पंधरा दुरिहा में भ्रष्टाचार हुआ नहीं हो सकता था 3 पंचायतों की बड़ी कहानियां विशाल खबर आपके सामने रख चुका है भ्रष्टाचार की यह नागौर जनपद की चौथी कहानी है जिसमें रोजगार सहायक योगेश मिश्रा के ऊपर आरोप लग रहे हैं सुनिए भूपेंद्र सिंह ने योगेश मिश्रा के बारे में क्या कहा। जब इस संबंध में रोजगार सहायक योगेश मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे खाते में जबरदस्ती पैसा डाल दिया गया था मैंने वापस कर दिया है एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी योगेश मिश्रा जिस तरीके से रिश्वत लेने के बाद सफाई दे रहे हैं सुनिए योगेश मिश्रा ने क्या कहा। अब इसके बाद विशाल खबर आपको वह ऑडियो सुना रहा है जिसमें भूपेंद्र सिंह ने योगेश मिश्रा को पेमेंट करने के बाद मोबाइल पर बात की और इस बातचीत से यह बात साबित होती है कि योगेश मिश्रा ने रिश्वत की रकम मांगी और बाकायदा उस रकम को लिया जब मामला तूल पकडऩे लगा तो योगेश मिश्रा झूठ बोलने पर उतारू हो गए इतने सारे प्रमाण देने के बाद भी आखिरकार जनपद में बैठी सीईओ और जिला पंचायत के सीईओ इन भ्रष्ट सचिव और रोजगार सहायकों के विरुद्ध कार्यवाही क्यों नहीं करती यह अपने आप में बड़ा सवाल है जमीन भ्रष्टाचारियों का संरक्षण बड़े स्तर पर होता है तो इससे एक बात साबित होने लगती है कि कहीं न कहीं भ्रष्ट लोगों के ऊपर जिन व्यक्तियों के पास कार्यवाही करने के अधिकार है यदि वे इस तरीके की कार्यवाही नहीं करते तो कहीं न कहीं इस तरीके के भ्रष्टाचार में वे लोग भी शामिल है जो इन्हें संरक्षण दे रहे हैं सुनिए रोजगार सहायक योगेश मिश्रा ने भूपेंद्र सिंह से क्या बातचीत की और इस बातचीत से यह साबित हो जाता है कि योगेश मिश्रा नंबर एक का भ्रष्ट व्यक्ति है।

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