भाजयुमो की गंगा, लुच्चा, लोफर, लफंगा

सतना। बघेलखंड में एक कहावत बड़ी मशहूर है कि सिखाए पूत दरबारे नहीं जाते। चरण चुंबन करके कोई पद हासिल तो किया जा सकता है लेकिन उसके साथ न्याय करने के लिए योग्यता क्षमता चाहिए जो सौभाग्य केसरी में बिल्कुल नहीं है। 23 फरवरी 2022 को सौभाग्य केसरी को भारतीय जनता पार्टी का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया था यहां कोई गफलत ना पाले कि सौभाग्य केसरी बड़े योग्य व्यक्ति थे और यह चुनाव लड़े और जीत गए ऐसा कदापि नहीं । कई बार चरण चुंबन का भी प्रसाद इतना मीठा होता है कि रातों-रात लोग रंक से राजा बन जाते हैं । सौभाग्य केसरी के साथ यही हुआ सौभाग्य केसरी एक सामान्य सा मैरिज गार्डन चलाने वाले व्यक्ति हैं लेकिन जैसे ही वे युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने उन्हें लगा कि वे सत्ता का सबसे बड़ा पावर सेंटर बनकर उभर गए उनका फोन युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनने के बाद निजी सचिव उठाने लगे काफी कुछ तरक्की 24 से 48 घंटे में ही कर ली थी लेकिन वास्तविक तरक्की का मूल्यांकन तो 1 साल बाद हुआ। विशाल खबर के दर्शक इस बात का अंदाजा सहज ही लगाते हैं कि सौभाग्य केसरी को 23 फरवरी 2022 को भारतीय जनता युवा मोर्च का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया और सौभाग्य केसरी इतनी योग्य व्यक्ति थे कि वे साल भर में अपनी कार्यकारिणी घोषित नहीं कर पाए बड़ी मुश्किल से 1 साल बाद कार्यकारिणी घोषित की तो उस कार्यकारिणी में लुच्चे ,लोफर , लफंगों की लंबी फेहरिस्त थी । किसी ने सच ही कहा है कि जो व्यक्ति जैसा होता है उसके आचरण से उसके क्रियाकलाप से उसकी वास्तविकता सामने आ ही जाती है विशाल खबर में बहुत पहले सौभाग्य केसरी की एक सटोरिए के साथ खबर चलाई थी यह दूसरा अवसर है जब सौभाग्य केसरी का संपर्क और संबंध लुच्चे लोफर और लफंगों के साथ प्रमाणिकता के साथ सामने आया है । भारतीय जनता पार्टी अपने आपको चाल चरित्र चेहरा वाली पार्टी कहती है सौभाग्य केसरी कहीं ना कहीं भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने हैं तो किसी ऐसे व्यक्ति की ही कृपा से बने हैं जिसका जिसकी चाल चरित्र चेहरा बेदाग है लेकिन सौभाग्य केसरी को जरा भी शर्म नहीं आई कि जिनके सहारे में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष पद तक पहुंचे हैं जिस तरीके की कार्यकारिणी सौभाग्य केसरी ने घोषित की उससे कहीं न कहीं तो उस व्यक्ति के निर्मल कपड़ों में भी कीचड़ के छीटें तो पड़ेंगे ही । भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष सौभाग्य केसरी ने 1 साल की कड़ी मेहनत मशक्कत के बाद बड़ी मुश्किल से कार्यकारिणी घोषित की और घोषणा के ठीक बाद ही सोशल मीडिया में सौभाग्य केसरी का दुर्भाग्य सामने आने लगा आनन-फानन में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष सतीश शर्मा को यह बयान देना पड़ा कि भाजपा का अपराधियों से कोई लेना-देना नहीं । सतीश शर्मा ने जब अपना चाबुक चलाया तो सौभाग्य केसरी की पीठ पर उतर के निशान साफ साफ दिखाई देने लगे सौभाग्य केसरी ने घोषित कार्यकारिणी को रद्द कर दिया अब आप इससे भी अंदाजा लगा सकते हैं कि कितना योग्य सक्षम और काबिल व्यक्ति है सौभाग्य केसरी जिसने 24 घंटे पूर्व कार्यकारी घोषित की थी और 24 घंटे बाद ही कार्यकारिणी रद्द करनी पड़ी । अब यहां पर सवाल यह भी उठता है कि क्या बिना वरिष्ठ लोगों को सूची दिखाएं सौभाग्य केसरी ने कार्यकारिणी घोषित कर ऐसा तो संभव नहीं है निश्चित तौर पर जिन लुच्चे लोफर लफंगों को भारतीय जनता युवा मोर्चा में शामिल किया गया है उनके कोई न कोई आता तो होंगे जिन्होंने फोन करके भारतीय जनता युवा मोर्चा की कार्यकारिणी में उन्हें सुशोभित करने का कार्य किया होगा बेहतर होगा कि सौभाग्य केसरी उन नामों का खुलासा कर दें हालांकि ऐसा संभव नहीं है सौभाग्य केसरी ना तो इतने दबंग है और ना ही इतने काबिल कि वे सच्चाई को सामने ला सकें बिल्ली के भाग्य से छींका टूटा था सौभाग्य केसरी युवा मोर्चा के अध्यक्ष बन गए शायद सौभाग्य केसरी के राजनीतिक जीवन का यह अंतिम पद होगा क्योंकि इनकी योग्यता क्षमता देखने के बाद अब शायद ही भारतीय जनता पार्टी इन्हें कोई पद जल्दी दे कर अपनी छीछालेदर तो नहीं कराई यदि भारतीय जनता पार्टी के अंदर जरा भी पवित्रता और शुद्धता है चाल चरित्र चेहरे की बात करती है तो सौभाग्य केसरी को तत्काल प्रभाव से युवा मोर्चा के पद से हटा देना चाहिए।




