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भाई बेरोजगार, बहनों को हजार

सतना। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार से बाहर हो गई थी अभी हाल बाद में जिस तरीके से सर्वे रिपोर्ट आई उस रिपोर्ट देखने के बाद सरकार के पांव में फफोले पड़ गए आनन-फानन में किसी को भी यह नहीं सोच रहा था कि आखिरकार भारतीय जनता पार्टी के वोटों का प्रतिशत कैसे बढ़ाया जाए । अगर मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार की सबसे लोकप्रिय योजना पर नजर डाली जाए तो उस योजना का नाम था लाडली लक्ष्मी योजना जिसके चलते शिवराज सिंह ने 15 वर्षों तक इस योजना के दम पर राज किया लेकिन अब यह योजना पुरानी पड़ गई या यूं कहें अब इस योजना की लोकप्रियता धूमिल पडऩे लगी है ऐसे में सरकार कोई नई योजना लाकर 2023 में एक बार पुन: सत्ता में काबिज होना चाहती है । शिवराज सिंह चौहान ने अभी हाल ही में लाडली बहना नामक योजना की घोषणा की है जिसमें महिलाओं को ?1000 उनके खाते में दिए जाएंगे अगर चुनाव सर पर नहीं होते तो निश्चित तौर पर यह दावे के साथ कहा जा सकता है कि लाडली बहना की याद नहीं आती । सहानुभूति जब स्वार्थ प्रेरित अभिनय के रूप में प्रकट होती है तो संवेदनशीलता सिर धुनने लगती है । आम आदमियों के मन का मरुस्थल महंगाई की मार से मिमिया रहा था ऐसे में लाडली बहना नामक योजना की घोषणा उन महिलाओं के लिए संजीवनी का काम करेगी जिनके पास आमदनी का कोई बड़ा जरिया नहीं है । प्रदेश के अंदर अगर कुछ महीनों को हटा दें तो बीते 20 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और इस सरकार में युवा बेरोजगारी के भवर में भटकता देखा जा सकता है लोगों ने कांग्रेस का कार्यकाल भी देखा था , आम जनता भाजपा की सरकार इसलिए लाई थी कि परिवर्तन की पराकाष्ठा दिखेगी उम्मीद का सूरत फिर से उगेगा लेकिन नजारा ठीक वही जैसा पहले था मुद्दतों से चांद थाली में परोसा जा रहा है कांग्रेसियों ने भी परोसा अब भाजपाई परोस रहे हैं। पहले भी रोटी की पीठ पर बैठकर लोग सियासत करते थे आज भी लोग रोटी की पीठ पर ही बैठकर सियासत कर रहे हैं जगनूओ की टिमटिमाहट से प्रदेश में रोशनी नहीं फैलेगी । चिडय़िों को चांदी का पिंजरा कभी अच्छा नहीं लगा कहने का अभिप्राय बिल्कुल साफ है कि यदि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के अंदर बेरोजगारों के लिए कुछ काम किया होता नौजवानों को कुछ काम सौंपा होता है जो नौजवानों की इनकम बड़ी होती तो शायद बहनों के खातों में ?1000 डालने की जरूरत नहीं पड़ती जिस तरीके से ऐन चुनाव के वक्त पर लाडली बहना योजना की घोषणा की गई उससे एक बात तो साफ होती है कि बहनों को एक हजार का लॉलीपॉप पकड़ा कर अपने आप को उडऩ खटोले में उडऩे की व्यवस्था पुख्ता करने की सोच स्पष्ट नजर आती है । अच्छी बात है आप बेटियों के प्रति संवेदनशील रहे आप लाडली लक्ष्मी योजना लेकर आए आप बहनों के प्रति संवेदनशील हैं आप लाडली बहना योजना लेकर आए लेकिन यह मत भूलिए किस प्रदेश में भाई लोग भी रहते हैं इन भाइयों को भी काम की जरूरत है इन भाइयों की आंखों में भी सपने हैं यह भाई लोग भी अपने सपनों को मूर्त रूप देना चाहते हैं लेकिन मामा जी आप माहौल तो दीजिए क्या सिर्फ बहनों के वोट से आपकी प्रदेश में सरकार बन जाएगी , यदि नहीं तो आपको प्रदेश के उन्नाव जवानों के बारे में भी सोचना होगा जिनके पास कोई काम नहीं है जो बेरोजगार बैठे हैं जो हताशा और निराशा का जीवन जी रहे हैं जो वाकई में कुछ करना चाहते हैं। बेहतर होगा चुनाव के पहले बेरोजगार भाइयों के लिए भी कुछ नवाचार मामा को करना चाहिए नहीं तो भाई बेरोजगार और बहनों के खाते में हजार से काम नहीं चलेगा।

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