ऊषा ने मारा ठूसा

सतना। उषा चौधरी के भाजपा में शामिल होने के बाद रैगांव के नए समीकरण क्या हो सकते हैं। उषा चौधरी को भारतीय जनता पार्टी ने अपने दल में शामिल कर चौधरी वोट बैंक में सेंध लगाई है इसके अलावा यदि भारतीय जनता पार्टी ने पुष्पराज बागरी और प्रतिमा बागरी से दूरी बनाई तो उषा चौधरी को भारतीय जनता पार्टी से टिकट भी मिल सकती है। उषा चौधरी के आ जाने से पुष्पराज बागरी एवं जुगल किशोर बागरी के राजनीतिक घराने का कैरियर खत्म भी हो सकता है। यदि उषा चौधरी को टिकट मिली तो प्रतिमा बागरी का भी राजनैतिक भविष्य क्या होगा अभी से कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन इतना तो जरूर है कि उषा चौधरी के भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाने के बाद बागरी परिवार यदि उन्हें टिकट नहीं मिली तो बगावत की संभावना पर भी विचार कर सकता है वैसे इस बात की उम्मीद इसलिए भी कम है कि पुष्पराज बागरी बस चलाते हैं और देवराज बागरी राइस मिल यदि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो सरकारी चाबुक चलाकर भाजपा इन्हें परेशान भी कर सकती है। लेकिन सब कुल मिलाकर इतना कहा जा सकता है कि उषा चौधरी के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद पुष्पराज बागरी के सीने में राजनैतिक अनिश्चितता का दर्द तो जरूर उठने लगेगा वैसे भी पुष्पराज बागरी अपने भाई देवराज बागरी और बहू बंदना बागरी से कम परेशान नहीं थे बंदना बागरी और देवराज बागरी पुष्पराज बागरी को पिछले विधानसभा उपचुनाव में सीधे तौर पर चुनौती देते देखे गए थे अभी भी इन दोनों भाइयों के राजनैतिक मनमुटाव खत्म नहीं हुए। ऐसे में बहुत संभावना है कि यदि बागरी परिवार से ही टिकट देनी पड़ी तो भाजपा बंदना बागरी पर भी दांव लगा सकती है।




