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जेलर के लॉकर ने उगला सोना

सतना- सरकार किसी की भी बने सरकार किसी की भी रहे लेकिन हिंदुस्तान की अधिकांश जेलो में साम्राज्य अपराधियों का ही चलता है बहुत सारे अपराधी जेल से ही अपना गिरोह संचालित करते हैं तमाम अपराधियों को जेल में फाइव स्टार सुविधाएं मिलती है ऐसा प्रायः सुना जाता है और कहा भी जाता है अगर जेल से जुड़ी तमाम कहानियों को निकाला जाए और खंगाला जाए तो शायद जेल की अनियमितताएं और जेल के जंगलराज पर एक ग्रंथ लिखा जा सकता है फिलहाल अभी हाल ताज में दो जेल चर्चा में रहे उत्तर प्रदेश की एक जेल थी जिसमें मुख्तार अंसारी के बेटे बंद थे उन्हें जेल में इतनी आजादी प्राप्त थी कि जिस तरीके से एक पति पत्नी अपने घर में मुलाकात कर सकता है ठीक उसी तरीके से मुख्तार अंसारी के बेटे जेल में भी अपनी पत्नी को बुलाते थे और उनके साथ उनकी दिनचर्या जेल में भी ठीक घर की तरह होती थी जब यह मामला सामने आया तो कलेक्टर और एसपी ने छापा मारा जेलर सहित अन्य कई लोगों पर मुकदमे दर्ज हुए लेकिन ऐसा नहीं है कि इस तरीके की हरकतें या इस तरीके का गिरोह या इस तरीके के क्रियाकलाप सिर्फ एक या 2 दिन में ही चल रहे हैं किसी जेल का जेलर ज्यादा दबंग है तो उसकी अराजकता दबंगई के साथ चलती है और कोई जेलर कम दबंग है तो उसकी अराजकता दबे छुपे चलती है लेकिन इसमें कोई दो मत नहीं है कि हिंदुस्तान की हर जेल में सुविधाओं के नाम पर पैसा लगता है। मध्य प्रदेश की उज्जैन जिले की भैरव गढ़ जेल इस समय चर्चा में है वहां की जेलर रही उषा राज इस समय सलाखों में है ।उषा राज को सतना के भी तमाम लोग इसलिए भी जानते हैं कि वे सतना में भी जेलर रह चुकी है । सतना में भी उनका विवाद सैफ अली तिवारी से हुआ था शेफाली तिवारी ट्रांसफर होकर सतना नई जेलर के रूप में आई थी और उषा राज मकान नहीं खाली कर रही थी जिसको लेकर काफी दिनों तक विवाद चला उसके बाद उषा राज को मकान खाली करना पड़ा। अब उषा राज जेल पहुंच गई है तब उनके तमाम कारनामे उजागर हो रहे है । उषा राज के बैंक लॉकर को खुलवाया गया जिसमें सर्चिंग के दौरान तकरीबन 3 किलो सोना डायमंड की ज्वेलरी एफडी सहित कई प्रॉपर्टी संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज पुलिस ने अब तक जप्त किए है उषा राज ने पीएफ मामले में करोड़ों का घोटाला किया है जिसके चलते उनके विरुद्ध जांच भी चल रही है और उषा राज जेल में भी है। उषा राज के ऊपर भैरवगढ़ जेल में ब्लैक मेलिंग का भी मामला दर्ज किया गया है जिसमें बंद कैदियों को सुविधा देने के नाम पर उनके परिजनों से ब्लैक मेलिंग करने का मामला सामने आया है इंदौर के रहने वाले करण सिंह राणा ने इस मामले में पुलिस को बताया कि उसके पिता गुरजीत सिंह दो हजार अट्ठारह से गंभीर अपराध में आजीवन कारावास की सजा काट रहे उन्हें जेल में प्रताड़ित नहीं करने के नाम पर पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज जगदीश परमार और जेल प्रहरी देवेंद्र सिंह ने उनसे 80000 की बसों की थी इसके अलावा सुविधा देने के नाम पर 10000 महीने देने को कहा इस संबंध में शिकायतकर्ता ने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के दस्तावेज प्रस्तुत किए इसके अलावा ऑडियो और वीडियो भी सबूत के तौर पर दिखाएं जिसके बाद इन तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया।

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