हम मैहर नही आएंगे, तुम देखते रहियो

सतना। बागेश्वर धाम के संत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की आए दिन किसी न किसी मामले में चर्चा होती रहती है या यूं कहें कि वे हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री वर्तमान में विंध्य क्षेत्र में इसीलिए चर्चा में बने हुए हैं कि उन्हें मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी के बुलावे पर 3से सात मई तक मैहर में कथा सुनानी थी लेकिन आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस आयोजन को रद्द कर दिया । इस आयोजन के रद्द हो जाने के बाद लोग तरह तरह की टिप्पणियां करते देखे गए । उसमें तो सबसे महत्वपूर्ण टिप्पणी सुनने और समझने में आई उस टिप्पणी में यह कहा गया कि क्या अब व्यासपीठ को राजनीति पीट संचालित करेगी । मैहर का कार्यक्रम रद्द होने के बाद लोगों ने आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की वह फोटो सोशल मीडिया में वायरल जिसमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मिल रहे उसी फोटो को आधार बनाकर सोशल मीडिया में यह बात उठाई जा रही है कि कहीं न कहीं मैहर की कथा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इसलिए रद्द कर दी क्योंकि उनके ऊपर कथा न करने का राजनैतिक दबाव था हालाकि इस पूरे मामले में मैहर के विधायक नारायण त्रिपाठी ने जो अपना आधिकारिक बयान जारी किया है उसमें नारायण त्रिपाठी ने न तो शिवराज सिंह के संबंध में कोई बात कही और ना ही आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के संबंध सुनिए उन्होंने क्या कहा। सोशल मीडिया के ज्ञानियों को ज्ञान देने का अवसर चाहिए और उन्हें यह अवसर मिला जितने मुंह उतनी बातें लेकिन राजनीतिक विश्लेषक भी इस कथा रद्द होने के बाद यह कहने लगे कि कही न कही मैहर में इस कथा के संपन्न होने के बाद विंध्य क्षेत्र के अंदर नारायण त्रिपाठी का कद काफी कुछ बढ़ जाता वैसे भी नारायण त्रिपाठी विंध्य जनता पार्टी के नाम से रीवा और शहडोल संभाग की 30 सीटों पर अपने आप को केंद्रित किए हुए आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा के माध्यम से नारायण त्रिपाठी इनकी सीटों का समीकरण भी साधने की कोशिश कर रहे थे लेकिन नारायण त्रिपाठी की सधी हुई चालों को जिस तरीके से सत्तारूढ़ दल के लोगों ने अप्रत्यक्ष रूप से कमजोर किया है उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि जिस स्तर की तैयारी नारायण त्रिपाठी ने की थी उसके चलते काफी कुछ उन्हें आर्थिक रूप से भी नुकसान उठाना पड़ेगा राजनैतिक सामाजिक और धार्मिक नुकसान तो उन्हें होगा ही इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी नारायण त्रिपाठी ने हार नहीं मानी है उन्होंने अपने बयान में कहा है कि वे 15 अप्रैल को जहां कथा होनी थी वहा शाम 5:00 बजे हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे । नारायण त्रिपाठी ने बिंद क्षेत्र के उन तमाम निवासियों से निवेदन किया है कि वे इस कार्यक्रम में शामिल हो । आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा रद्द होने से और किसी को खुशी हुई हो या ना हुई लेकिन मैहर विधानसभा से जो लोग भी चुनाव लडऩे का मन बना रहे हैं या मन बना चुके हैं उन्हें कहीं न कही इस कथा के रद्द होने से जितना आत्मिक सुख और सुकून मिला होगा जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता । लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी एक सवाल तो यह है तारीख पहले से तय हो चुकी थी नारायण त्रिपाठी पूरी तरह से तैयारियां कर रहे थे 60 एकड़ में वातानुकूलित पंडाल लगाया जा रहा था 50000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा रही थी 20 एकड़ में लोगों के खाने की व्यवस्था की जा रही थी इतना सब कुछ होने के बाद आखिरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के सामने ऐसी कौन सी मजबूरी थी जिसके चलते उन्हें मैहर का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा । धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री तो हमेशा यह कहते हैं उनकी सरकार तो बालाजी सरकार है वह सिर्फ बालाजी सरकार की ही सुनते हैं वह किसी से डरते नहीं फिर आखिरकार ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने मैहर का कार्यक्रम रद्द कर कार्यक्रम के रद्द हो जाने के बाद आम जनता के बीच में यह चर्चा तो छोड़ गई है कि नारायण त्रिपाठी ने कहीं न कहीं सरकार की नाक में दम कर रखा है जिसके चलते सरकार डेरी हुई है और और कहीं ना कहीं जिस तरीके से यह कार्यक्रम रद्द हुआ है उसके पीछे किसी ने किसी बड़ी राजनीतिक शक्ति का हाथ तो जरूर नजर आता है ।




