ताजा ख़बरें

योगी हैं संत, अति का अंत

सतना। अब उत्तर प्रदेश की सरकार अपराधियों को यह गाना नहीं सुनाती । कि मार दिया जाए कि छोड़ दिया जाए बोल तेरे साथ क्या सलूक किया जाए अब तो सीधे-सीधे उत्तर प्रदेश की पुलिस एक गाना गाती है कि मार दिया जाए और ठोक दिया जाए हर हाल में तुझे शूट किया जाए। जब अतीक अहमद का आतंक पूरे इलाहाबाद जिले में था तब शायद किसी ने अतीक अहमद के आंख में आंसू नहीं देखे होंगे। लेकिन वर्षों बाद लोगों ने अतीक के आंख में आंसू देखे । अतीक के आंख में आंसू इसलिए भी आए अतीक का बेटा असद उत्तर प्रदेश की एसटीएफ की मुठभेड़ झांसी के पास मारा गया। कितना बड़ा से बड़ा अपराधी क्यों न हो लेकिन जब उसके परिवार का कोई व्यक्ति मरता है तो उसके आंख में भी आंसू आ ही जाते हैं। यह अलग बात है जब अपराधी किसी दूसरे महिला की गोद उजाड़ता है तो वह बिल्कुल नहीं सोचता कि मेरी वजह से किसी मां की गोद लड़ गई तब वह नहीं सोचता कि मेरी वजह से किसी का सुहाग उजड़ गया तब वह नहीं पूछता कि मेरी वजह से कोई बहन भाई की कलाई में राखी नहीं बांध पाएगी । जब अपराधियों के सिक्के बुलंद होते हैं और प्रशासन हिजड़ा हो चुका होता तब गुंडे मवाली अपराधी अपहरण भी करते वसूली भी करते हैं गुंडा टैक्स भी वसूलते हैं घरों पर कब्जा करते हैं जो मन पड़ता है वह करते हैं और पुलिस अपराधियों के द्वारा किए जाने वाले इन सारे कृत्यों को न सिर्फ तमाशबीन बनकर देखती है बल्कि भांटो की तरह ढोलक और तबला बजाकर वाह-वाह करती है । यही उत्तर प्रदेश पुलिस है जिसका सरकार ने हाथ बांध दिया था और यह पुलिस गुंडे मवालीयों के सामने बेबस दिखा करती थी । लेकिन जब से उत्तर प्रदेश में योगी का राज आया है तब से पुलिस अपराधियों के सीने पर इस तरीके से निशाना साधते है जैसे बच्चे बचपन में कंचा और बंटी खेलते हुए निशाना साधा करते थे । उत्तर प्रदेश में जब समाजवादी पार्टी की सरकार हुआ करती थी तो लखनऊ का दान हुआ करता था अन्ना शुक्ला, लखनऊ के आसपास के जिलों में उसकी सरकार चलाकर प्रतापगढ़ में कुंडा के गुंडा की सरकार होती थी इलाहाबाद में अतीक अहमद सरकार चलाते थे बनारस और जौनपुर मैं अलग गुंडों की सरकार होती थी पूर्वांचल में मुख्तार अंसारी की सरकार चला करती थी । उत्तर प्रदेश की जनता ने कभी यह उम्मीद भी नहीं किया था कि इन अपराधियों गुंडे मवालीओ की सरकार कभी खत्म भी होगी । लेकिन हिंदुस्तान में एक कहावत कही गई है अति का अंत होता है योगी की सरकार होने के बाद भी अतीक अहमद और अतीक अहमद के गुर्गे जिस तरीके से हिम्मत जुटाई उसे कहीं न कहीं इन अपराधियों का दुस्साहस ही कहेंगे । अतीक के बेटे असद ने यह सोचा था कि उमेश पाल की हत्या कर देंगे तो कहीं ना कहीं उत्तर प्रदेश की सरकार डर जाए लेकिन हुआ ठीक इसका उल्टा उत्तर प्रदेश की सरकार उमेश पाल की हत्या के बाद और खूंखार हो उठी। उत्तर प्रदेश की सरकार नहीं है खा लिया किसी भी कीमत में किसी भी सूरत में उमेश पाल के हत्यारों को उमेश पाल के पास ही पहुंचा दिया जाएगा । एक-एक करके हुआ भी वही। उत्तर प्रदेश की एसटीएफ ने उमेश पाल हत्याकांड में फरार माफिया अतीक के बेटे असद और उसके सहयोगी गुलाम को एनकाउंटर में मार गिराया दोनों के ऊपर पांच ?500000 का इनाम घोषित था । एसटीएफ ने दावा किया है इन अपराधियों के पास विदेशी हथियार थे। उत्तर प्रदेश के जितने भी सरगना थे या तो वे दिनों में घुस गए या तो वह मार दिए गए या तो वह जेलों में सड़ रहे है। जिस अतीत के बारे में कहा जाता था इलाहाबाद में जिस मकान या जिस जमीन में अधिक ने नजर डाल दी वह जमीन और मकान उसका होगा आज स्थिति यह है अतीक अहमद अपना स्वयं का घर और मकान नहीं संभाल पा रहे उनके परिवार के लोग दर-दर की ठोकरें खाते हुए इधर उधर भटक रहे मुख्तार अंसारी कहा फिर भी किसी से छुपा नहीं मुख्तार अंसारी का बेटा और उसकी बहू भी जेल में है । आम जनता को चाहिए क्या आम जनता को चाहिए कानून का राज और आज की तारीख में उत्तर प्रदेश में अति का अंत हो चुका है।

Related Articles

Back to top button
Close