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उमा का विकल्प बनेंगे बागेश्वर बाबा

सतना। मध्यप्रदेश के अंदर भारतीय जनता पार्टी 2023 में सरकार बनाने के लिए पूरी तरह से गंभीर है । एन केन प्रकारेण भारतीय जनता पार्टी सत्ता से बाहर नहीं होना चाहती । संगठन के लोग जिस तरीके से दौरा कर रहे हैं जिस तरीके से बैठकर हो रही है जिस तरीके से रूठे हुए लोगों को मनाने की कोशिश की जा रही है उसे देखते हुए ऐसा लग रहा है की पार्टी साम दाम दंड भेद किसी भी तरीके से सत्ता हासिल हो हर हाल में करना है । राजनीतिक क्षेत्र में इस समय एक चर्चा बहुत तेजी से उठ रही है कि क्या बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उमा भारती का विकल्प बनेंगे। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री रह चुकी उमा भारती भी किसी समय कथावाचक ही हुआ करती थी स्वर्गीय विजयाराजे सिंधिया के कहने पर उमा भारती राजनीति में आई । लेकिन आज भी उन्होंने गेरुआ वस्त्र धारण करना बंद नहीं किया । भारतीय जनता पार्टी युवा भारती की जिस तरीके से उपेक्षा कर रही है उसे देखते हुए युवा भारतीय आज की तारीख में भारतीय जनता पार्टी से नाराज भी चल रही है कई बार वे आंखे तरेर भी चुकी है । उमा भारती का बुंदेलखंड में अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी बुंदेलखंड से ही आते हैं इस लिहाज से भारतीय जनता पार्टी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का उपयोग उमा भारती के विकल्प के रूप में भी कर सकती है और भविष्य में खजुराहो लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकती है क्योंकि बागेश्वर धाम खजुराहो लोकसभा सीट के अंतर्गत ही आता है । धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री वैचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी के काफी नजदीक दिखाई पड़ते हैं क्योंकि वह अपने कथाओं में हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं वे अपनी कथाओं में घर वापसी की बात करते हैं। कमोवेश भारतीय जनता पार्टी की मात्र संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी इसी तरीके की अभियान को लेकर पूरे देश के अंदर सक्रिय है । बागेश्वर धाम के कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा का बागेश्वर धाम जाना उसके बाद विदिशा में एक कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री का बागेश्वर बाबा से मिलना उसके बाद मैहर की कथा का निरस्त होना उसकी तारीख को आगे बढ़ाया जाना यह सारे घटनाक्रम कहीं न कहीं कुछ न कुछ तो राजनीतिक संकेत दे रहे हैं। बहुत संभव है कि 2023 के चुनाव में बुंदेलखंड के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी बागेश्वर बाबा का चुनाव प्रचार में भी उपयोग किया जा सकता है यदि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी सहमति दे दी तो कोई बड़ी भारी बात नहीं कि भारतीय जनता पार्टी बागेश्वर बाबा को भविष्य में राजनीति में पदार्पण करने का मौका दे सकती है ।

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