नारायण की एक अबूझ पहेली

सतना। नारायण त्रिपाठी के कोख से जन्म लेने वाली विंध्य जनता पार्टी का सदस्यता अभियान 14 जुलाई से शुरू होगा जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की तिथियां नजदीक आएंगे वैसे-वैसे विंध्य जनता पार्टी अंगड़ाई लेगी। मैहर के विधायक नारायण त्रिपाठी वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी से विधायक हैं। नारायण त्रिपाठी मध्य प्रदेश की राजनीति में आज भी एक अबूझ पहेली की तरह हैं। नारायण त्रिपाठी पहली बार समाजवादी पार्टी की टिकट पर विधायक चुने गए उसके बाद उनका मोह समाजवादी पार्टी से भंग हो गया उन्होंने समाजवादी पार्टी छोडक़र कांग्रेस ज्वाइन कर ली। नारायण त्रिपाठी एक बार कांग्रेस की टिकट पर भी विधायक रहे लेकिन जैसे ही अजय सिंह राहुल सतना लोकसभा से चुनाव लड़े वैसे ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी की नाव से कूद कर भारतीय जनता पार्टी की नाव में बैठना उचित समझा। जब अजय सिंह राहुल लोकसभा चुनाव का प्रचार कर रहे थे उसी समय नारायण त्रिपाठी का कांग्रेस से इस्तीफा देना अपने आप में एक बड़ी बात थी। नारायण त्रिपाठी खुले तौर पर इस बात को तो नहीं कहते लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों के माध्यम से एक बात तो सामने आई है कि मैं सीधी जिले में जाकर जब राजनीति नहीं करता तो कोई व्यक्ति सतना जिले में आकर राजनीति क्यों करें यही एक बड़े विरोध का कारण था इसीलिए नारायण त्रिपाठी ने कांग्रेस पार्टी छोडक़र भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली। जिसके कारण अजय सिंह राहुल को चुनाव हारना पड़ा। यदि नारायण त्रिपाठी लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी नहीं छोड़ते तो इस बात की संभावना थी कि अजय सिंह राहुल चुनाव जीत जाते। नारायण त्रिपाठी ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया उसके बाद मैहर में उपचुनाव हुए। भारतीय जनता पार्टी ने पूरी ताकत के साथ यह चुनाव लड़ा और नारायण त्रिपाठी उपचुनाव जीते भी। 2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने नारायण त्रिपाठी को इसलिए भी टिकट दी कि वह सिटिंग एमएलए थे। 2018 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं बनी तो नारायण त्रिपाठी ने कमलनाथ के साथ मोहब्बत का कलमा पढऩा शुरू कर दिया और नारायण त्रिपाठी काफी हद तक कामयाब भी थे। नारायण त्रिपाठी के कलमे में इतनी दम थी की कमलनाथ ने मैहर को जिला घोषित कर दिया यह तो मैहर के निवासियों का दुर्भाग्य था कि प्रदेश के अंदर से कांग्रेस की सरकार गिर गई और मैहर जिला बनने से रह गया। हालांकि मैहर को जिला बनाने की घोषणा प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी की थी लेकिन नेताओं की घोषणा का कोई मतलब भी नहीं होता और अगर शिवराज सिंह की घोषणाओं का यदि लेखा जोखा जुटाया जाए तो शायद शिवराज सिंह इतिहास के सबसे झूठ व्यक्ति साबित हुए क्योंकि शिवराज सिंह को घोषणा करने में वक्त नहीं लगता और उसे निभाने कि उन्हें फुर्सत नहीं है। जबसे मध्य प्रदेश के अंदर कांग्रेस की सरकार गिरी है और भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है तब से नारायण त्रिपाठी के और भारतीय जनता पार्टी से अलग है। कोई कहता है की नारायण विंध्य जनता पार्टी से चुनाव लड़ेंगे और पूरे विंध्य क्षेत्र में अपने प्रत्याशी उतार कर कांग्रेस को अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करेंगे। कुछ लोग कहते हैं की कमलनाथ के साथ नारायण त्रिपाठी की इतनी नजदीकियां है कि वह कांग्रेस से ही चुनाव लड़ेंगे। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि यदि भारतीय जनता पार्टी ने नारायण त्रिपाठी को टिकट दी तो वह मना नहीं करेंगे। जिस तरीके से महाभारत के दौरान द्रोपदी का चीर हरण हुआ और जब कृष्ण की कृपा से द्रौपदी का चीर दुशासन नहीं खींच पाया उस समय एक जुमला चर्चित हुआ कि सारी बीच नारी है, कि नारी की ही सारी है साड़ी में नारी है। नारायण त्रिपाठी ठीक इसी तरीके से मध्य प्रदेश की राजनीति में एक अबूझ पहेली बनेंगे कि यह कांग्रेस के हैं कि भाजपा के हैं कि विंध्य जनता पार्टी के हैं कि तीनों पार्टी के हैं कि किसी पार्टी के नहीं है। नारायण त्रिपाठी को समझना वाकई में इतना आसान नहीं है किसी जमाने में अजय सिंह राहुल से विरोध लेकर गणेश सिंह को जीतने का काम करते हैं और अब गणेश सिंह को मैहर में घुसने नहीं देंगे इस तरीके की भाषा का उपयोग करते हैं अब सवाल यह उठता है कि प्रदेश की राजनीति में भी है किसके साथ करना क्या चाहते हैं। फिलहाल नारायण त्रिपाठी के विंध्य जनता पार्टी का एक पोस्टर सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है 14 जुलाई से उसकी सदस्यता शुरू हो जाएगी अब देखना यह है की विंध्य जनता पार्टी की सदस्यता कब तक चलती है और यह पार्टी कब तक अस्तित्व में रहती है और यह पार्टी विंध्य को लेकर कितनी बड़ी लड़ाई लड़ती है। इस बात में कोई दोमत नहीं है कि बिना क्षेत्र का आदमी अलग से बिना प्रदेश बनाना चाहता है लेकिन इस बात के लिए ईमानदार पहल करनी पड़ेगी और अभी तक विंध्य की बात चाहे जितने भी लोगों ने उठाई हो लेकिन आज तक विंध्य के निवासियों को यह भरोसा कोई भी नहीं दिल पाया कि उनके द्वारा की जाने वाली पहल ईमानदार है।




