क्यों बाहर हुआ जिला चिकित्सालय कायाकल्प से

सतना। सतना जिला चिकित्सालय इस बार कायाकल्प अभियान से बाहर हो गया है इसकी मुख्य वजह यह है कि नेताओं की सरपरस्ती में एक ऐसे लापरवाह व्यक्ति को सीएस बनाया गया है जो स्वयं अपना कायाकल्प करने में जुटा हुआ है। हैसियत भी नहीं है कि वह किसी डॉक्टर से यह भी कह सके कि आप टाइम से ड्यूटी आइए। शहर के जिम्मेदार नेता जिला चिकित्सालय की दीवारों का निरीक्षण करके खुश हो जाते हैं लेकिन जिला चिकित्सालय में चिकित्सकीय व्यवस्था घटिया दर्जे की है। इसे सुधारने की दिशा में ना तो शहर का नेता कोई प्रयास करता है और ना ही जिम्मेदार अधिकारी जनता मरती है तो मारती रहे सीएस का कायाकल्प तो हो ही रहा है। जिला चिकित्सालय के कायाकल्प से सीएस को कोई लेना देना भी नहीं है। कुछ अधिकारी होते है वे स्वयं सोचते हैं ईश्वर ने ऐसे पद पर बिठाया है तो कुछ ऐसा काम करें कि लोग पद पर ना रहने के बाद भी याद करें। अगर देखा जाए तो आदमी दो तरीके से जिंदा होता है एक तो जब तक सांस चलती है तब तक जिंदा रहता है और जब उस व्यक्ति का लोग मरने के बाद भी नाम ले तो वाकई में वह व्यक्ति सही मायनो में जिंदा तभी होता है। लेकिन आज के दौर में लोग इतने स्वार्थी हो गए हैं कि उन्हें आम आदमी का दुख दर्द समझ में ही नहीं आता। वर्तमान में जिला चिकित्सालय की यदि रैंकिंग जारी की जाए तो प्रदेश के अंदर सबसे निचली रैंक आएगी।



