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भाजपा की अंतिम उम्मीद नरेन्द्र सिंह तोमर

सतना। भारतीय जनता पार्टी कितनी भी आधुनिक हो गई हो लेकिन टोटके और शगुन पर अब भी उसका विश्वास है नरेंद्र सिंह तोमर की चुनाव समिति के संयोजक पद पर नियुक्ति कम से कम यही बताती है। मध्य प्रदेश के अंदर युद्ध शिवराज सिंह किसी नेता के साथ कंफर्ट जोन में है तो उसे नेता का नाम है नरेंद्र सिंह तोमर। शिवराज सिंह को नरेंद्र सिंह तोमर के ऊपर इतना भरोसा है कि वे कुछ भी करें लेकिन शिवराज सिंह के कद को कम नहीं करेंगे शिवराज सिंह को धक्का नहीं मारेंगे शिवराज सिंह के साथ कोई धोखा नहीं करेंगे। नरेंद्र सिंह तोमर भारतीय जनता युवा मोर्चा के मध्य प्रदेश के अध्यक्ष रह चुके हैं नरेंद्र सिंह तोमर भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं । नरेंद्र तोमर को मध्य प्रदेश चुनाव समिति का संयोजक इसलिए भी बनाया गया है कि नरेंद्र सिंह तोमर की ही नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने 2008 और 2013 का चुनाव लड़ा था जिसमें भारतीय जनता पार्टी की स्पष्ट बहुमत की सरकार बनी थी। 2018 में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं बन पाई उसे समय भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जबलपुर के सांसद राकेश सिंह थे। नरेंद्र सिंह तोमर की नियुक्ति दो महीना में भी महत्वपूर्ण है एक तो यह कि उनकी नियुक्ति से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में यह संदेश गया की चंबल और ग्वालियर संभाग में आज भी नरेंद्र सिंह तोमर ही महत्वपूर्ण नेता है क्योंकि कुछ लोगों को ज्योतिरादित्य सिंधिया के भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करने के बाद ऐसा लगने लगा था कि कहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया का का नरेंद्र सिंह तोमर से बड़ा तो नहीं हो गया लेकिन जिस तरीके से नरेंद्र सिंह तोमर को मध्य प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक नियुक्त किया गया है उसे ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी साफ तौर पर एक संदेश चला जाएगा कि भारतीय जनता पार्टी अपने पुराने कार्यकर्ताओं पर ही ज्यादा यकीन और भरोसा करती है दूसरा नरेंद्र सिंह तोमर की इस नियुक्ति से ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी भविष्य में फायदा होने वाला है यदि 2023 के विधानसभा चावन में ग्वालियर चंबल संभाग में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों की हार होती है तो इसका ठीकरा सीधे तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के ऊपर नहीं फोड़ा जाएगा क्योंकि नरेंद्र सिंह तोमर वर्तमान में मुरैना के सांसद हैं ग्वालियर के रहने वाले हैं इसलिए ग्वालियर चंबल संभाग में नरेंद्र सिंह तोमर का भी अच्छा खासा प्रभाव और वर्चस्व है इसलिए कहीं ना कहीं चुनाव परिणाम आने के बाद सीधे तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा यदि ग्वालियर चंबल संभाग में अच्छा प्रदर्शन भारतीय जनता पार्टी ने किया तो इस बात का श्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ-साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी दिया जाएगा लेकिन यदि भारतीय जनता पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया तो इस बात के लिए सीधे तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया जिम्मेदार नहीं होंगे। नरेंद्र तोमर और शिवराज सिंह की जोड़ी ने 2008 और 2013 में मध्य प्रदेश के अंदर जीत का जादुई आंकड़ा बड़ी सहजता के साथ छू लिया था । भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक जितने भी सर्वे कराए हैं उसे सर्वे में एक ही बात निकाल कर सामने आ रही है कि भारतीय जनता पार्टी 60 सीट से ज्यादा चुनाव नहीं जीत का रही है ऐसे में भारतीय जनता पार्टी को जीत के मुहाने तक पहुंचाने के लिए निश्चित तौर पर एक सक्षम और काबिल व्यक्ति की जरूरत थी नरेंद्र सिंह तोमर के पक्ष में 2008 और 2013 के आंकड़े हैं । इस लिहाज से भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र सिंह तोमर को मध्य प्रदेश के हिसाब से शुभंकर मानते हुए मध्य प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक नियुक्त किया है उम्मीद की जा रही है कि नरेंद्र सिंह तोमर मध्य प्रदेश की हारी हुई बाजी को जीत में पलट कर देश के प्रधानमंत्री को एक बड़ा तोहफा सौंपेंगे ।

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