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दो मंत्रियों में मल्ल युद्ध

सतना। भारतीय जनता पार्टी की वर्तमान सरकार में भारतीय जनता पार्टी के लोगों की ही नहीं सुनी जा रही है भाजपा समर्थक मंत्री सिंधिया समर्थक की नहीं सुनते सिंधिया समर्थक मंत्री भाजपा समर्थकों की नहीं सुनते। 2018 के पहले भारतीय जनता पार्टी की अंतरकलह सडक़ पर कभी नहीं आती थी लेकिन 2020 से जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं तब से भारतीय जनता पार्टी का अंतर कलह अंदर से भी बाहर आ जाता है। पहले गोविंद सिंह राजपूत गोपाल भार्गव और शिवराज समर्थक मंत्री भूपेंद्र सिंह में ठनी। अब जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक माने जाते हैं और कृषि मंत्री कमल पटेल शिवराज सिंह के समर्थक माने जाते हैं उनके बीच ठन गई है। गोपाल भार्गव भूपेंद्र सिंह का मामला केंद्रीय नेतृत्व के सामने तक गया तब जाकर मंत्रियों की आपस की कड़वाहट दूर हुई थी।
सत्ता और संगठन के लोग चाहते हैं कि मिलजुल कर चुनाव लड़ा जाए लेकिन नेताओं के अहंकार आपस में इस तरीके से टकरा रहे हैं की एक को मनाओ तो दूजा रूठ जाता है। इस समय जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और कृषि मंत्री कमल पटेल के बीच में मल्ल युद्ध शुरू हो चुका है। व्यापारियों की ठगी का शिकार हुए अपने ही विधानसभा क्षेत्र के किसानों की उपज का भुगतान जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट नहीं करवा पा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा है। कृषि मंत्री कमल पटेल को भी बता चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। किसानों की पीड़ा देखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। मंत्री सिलावट के मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अमित चौरसिया ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, शिवराज जी क्या सिंधिया समर्थक मंत्रियों की आपकी सरकार में पूछ परख खत्म हो गई है या फिर किसानों के प्रति आपकी हमदर्दी महज दिखावा है। तुलसी सिलावट अपनी विधानसभा के पीडि़त किसानों के मुआवजे के लिए कमल पटेल सहित आप से विगत एक वर्ष से गुहार लगा रहे हैं। यह पत्र बता रहा है कि सरकार और संगठन में अंतर्कलह का भीषण द्वंद्व छिड़ा हुआ है। श्रीमंत के खिलाफ भाजपा लामबंद हो गई है। दरअसल, करीब चार साल पहले वर्ष 2019 में सांवेर विधानसभा क्षेत्र के 186 किसानों ने इंदौर के खंडेलवाल परिवार की पांच व्यापारिक फर्मों में गेहूं बेचा था। व्यापारी गेहूं खरीदते रहे और किसानों को आश्वासन दिया कि कुछ दिन में भुगतान कर देंगे। इस बीच व्यापारियों की नीयत में खोट आया और कुछ भुगतान करके किसानों का पैसा रोक लिया। कुछ दिन इंतजार के बाद परेशान किसानों ने मंडी समिति और जिला प्रशासन को शिकायत की। किसान संगठनों ने उपज का भुगतान कराने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर कई विधायकों, मंत्री सिलावट, भाजपा नेता विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी सहित सभी जनप्रतिनिधियों को भुगतान कराए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन दिए हैं। वहीं कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। वे स्वयं इस मुद्दे को देख रहे है।
2023 चुनावी साल है इसलिए किसानों ने भी नेताओं के ऊपर दबाव बना दिया है यदि फसल का भुगतान नहीं हुआ तो इसका खामियाजा 2023 के विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। दरअसल, चार साल पुराना मामला चुनावी साल में नेताओं के लिए सिरदर्द बन रहा है। सांवेर विधानसभा सहित जिले के 186 किसानों का मंडी व्यापारियों पर करीब पौने तीन करोड़ रुपए बकाया है। लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी इंदौर में एक व्यापारी परिवार ने चार साल पहले किसानों से हजारों क्विंटल गेहूं खरीदा था, लेकिन भुगतान किए बिना ही भाग गया। एफआईआर हुई, लेकिन रिकवरी नहीं हो सकी। संपत्ति नीलामी के जरिए मात्र 74 लाख रुपए मिले, बाकी दो करोड़ किसानों को आज तक नहीं मिल सका है। व्यापारी परिवार ने इन फर्मों के अलावा अपने नौकर के नाम से एक और फर्म राधेश्याम ट्रेडिंग कंपनी बना रखी थी। इस फर्म के जरिए उसने सांवेर क्षेत्र के किसानों से हजारों क्विंटल गेहूं खरीदा था। किसान चाहते हैं कि मंडी व्यापारी लाइसेंसी होते हैं तो मंडी निधि से उनका भुगतान कराया जाए। बाद में उसका एडजस्ट व्यापारियों से वसूलकर करते रहें। अब सिलावट ने एक बार फिर चुनावी साल में यह बात उठाई है। पीडि़त किसानों का कहना है कि सिलावट इससे पहले भी 2019 में कांग्रेस की सरकार में मंत्री रहते हुए यह पत्र लिख चुके हैं, लेकिन न तब कुछ हुआ, न अब हो रहा है। हालांकि, सूत्रों का दावा है कि ये अकेले इंदौर जिले का मामला नहीं है। कई जिलों में किसानों का पैसा इसी तरह से व्यापारियों ने अटका रखा है। कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि सरकार पूरी तरह से किसानों के साथ है। मुझे किसी पत्र की जानकारी नहीं है, लेकिन फिर भी पूरे मामले को खुद ही समझ कर जल्द ही दिखवाता हूं। व्यापारियों ने अगर किसानों के साथ धोखाधड़ी की है तो जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई करवाएंगे और किसानों को पूरा पैसा दिलवाएंगे।
सीएम को पत्र लिख बताई पीड़ा
अपने विधानसभा क्षेत्र के किसानों की समस्या को लेकर सिंधिया गुट के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कृषि मंत्री कमल पटेल पर हमला बोल दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर अपनी पीड़ा का इजहार किया है। सिलावट का आरोप है कि वे किसानों के मुद्दे पर कृषि मंत्री को अवगत करा चुके है। इसके बावजूद वे इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। मंत्री ने चिट्ठी में कहा है कि कृषि मंत्री कमल पटेल को भी पत्र लिख चुका हूं, पर किसानों का भुगतान अभी नहीं हुआ है। चिट्ठी सामने आने पर मंत्री सिलावट ने कहा कि जल्द ही किसानों को साथ ले जाकर मुख्यमंत्री से भी मिलूंगा। दूसरी तरफ पटेल ने इन आरोपों का प्रतिवाद करते हुए कहा कि किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। वे स्वयं इस मुद्दे को देख रहे है। सिंधिया खेमे के मंत्री सिलावट को कृषि मंत्री कमल पटेल के विभाग से जुड़े मामले में सीधे शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखना कई चर्चाओं को जन्म दे रहा है। दरअसल, दोनों ही शिवराज सरकार के सीनियर मंत्री माने जाते हैं। यह भी बता दें कि मंत्री सिलावट हरदा के प्रभारी मंत्री हैं, जहां से कमल पटेल आते है। बहुत संभव है की तुलसी सिलावट ने कमल पटेल का कोई काम ना किया हो इसलिए कमल पटेल भी अब तुलसी सिलावट की बात नहीं सुन रहे अब देखना यह है इन दोनों मंत्रियों का विवाद कब कहा और कैसे सुलझता है।

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