कैसे हुआ भाजपाई कब्जा बेदखल

सतना। मध्य प्रदेश के सतना जिले के रहिकवारा गांव में जहां सैकड़ो प्रधानमंत्री आवास पूर्व सरपंच और सचिव के घालमेल से चोरी हो गए थे इस पूरे मामले में पूर्व सरपंच और सचिव जेल भी गए थे रहिकवारा पंचायत में सिर्फ इतना ही घोटाला नहीं था इस पंचायत में घोटाले की लंबी फेहरिस्त थी जिसे विशाल खबर ने बड़ी दमदारी के साथ दिखाया भी था। राजनीतिक प्रभाव के चलते इस बात की उम्मीद कम थी कि प्रशासनिक अमला कार्यवाही करेगा लेकिन प्रशासनिक अमले ने भी दम दिखाया और पूर्व सरपंच द्वारा अवैध तरीके से पंचायत भवन की दुकानों पर जिन लोगों द्वारा कब्जा किया गया था उसे प्रशासनिक अमले ने हटा दिया। इस कार्यवाही से भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं का गुरुर धूल धूसरित हो गया। मुख्यमंत्री के बाल सखा कहलाने वाले नेता यह भ्रम पाल रखा था कि उनके विरुद्ध कभी कोई कार्यवाही नहीं होगी चाहे पूरे पंचायत भवन को बेंच दे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रशासनिक अमले ने पूर्व सरपंच द्वारा कराए गए अवैध कब्जे को खाली कराकर मुख्यमंत्री के बाल सखा को यह संदेश दे दिया है गलत तो गलत ही होता है। नागौद रहिकवारा ग्राम पंचायत गांधी चौक स्थिति पंचायत भवन एवं शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय भवन में एक दशक से ज्यादा समय से चले आ रहे हैं अवैध कब्जा को प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में हटाने की कार्यवाही की गई। उल्लेखनीय है कि पंचायत भवन एवं शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय भवन में रोहिणी प्रसाद कुशवाहा, शिवेंद्र सिंह बघेल एवं औषधालय में राजवेंद्र सिंह बघेल ने अवैधानिक रूप से कब्जा कर रखा था जिसमें मिनरल वाटर रासायनिक खाद एवं ऑनलाइन डिलीवरी सामग्री की दुकान का संचालन लंबे समय से किया जा रहा था। ग्राम पंचायत के स्वामित्व की एक दर्जन से ज्यादा दुकानें भी हैं जिनमें लोगों ने कब्जा कर रखा है इसकी पुष्टि भी ग्राम पंचायत के सरपंच ने की है।
ग्राम पंचायत भवन में कब्जा होने के कारण वर्तमान में पंचायत का संचालन सामुदायिक भवन में किया जा रहा है क्योंकि पंचायत भवन गांव के मध्य में स्थित है जबकि समुदायिक भवन नदी के उस पार गांव से 2 किलोमीटर दूर पर है जिससे ग्रामीणों को कामकाज के लिए जाने में दिक्कत होती है, नदी का पुल टूटा है पंचायत द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को पत्राचार करते हुए भवन खाली कराने की मांग की गई थी बुधवार की दोपहर एसडीएम धीरेंद्र सिंह थाना प्रभारी पंकज शुक्ला तहसीलदार आंचल अग्रहरी पुलिस दलबल के साथ मौके में पहुंचकर पंचायत भवन शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय को अवैध कब्जे से मुक्त करा कर पंचायत के आधिपत्य में सौंप दिया काबिले गौर है पंचायत के आधिपत्य में 13 दुकानें की है जिनका रिकॉर्ड ग्राम पंचायत में नहीं है इन दुकानों में लोगों का कब्जा है ग्राम पंचायत के पास इन दुकानों के आवंटन के संबंध में दस्तावेज उपलब्ध नहीं है और ना ही दुकानदारों द्वारा मासिक किराया भी जमा कराया जाता उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार के मामले में इस पंचायत में कई लोगों के आवास चोरी होने का मामला उजागर हुआ था तत्कालीन सरपंच सचिव को जेल जाना पड़ा था अब यहां शासकीय भवन मैं कब्जे को लेकर बड़ी खबर है किसकी सहमत से दुकानों का आवंटन किया गया।
इनका कहना है
प्रकाश द्विवेदी सरपंच ने बताया पंचायत भवन में कब्जा होने से पंचायत के संचालन में दिक्कत हो रही थी क्योंकि 80 प्रतिशत आबादी इस इलाके में है जहां पंचायत भवन बना है नदी में पुल टूटा है एवं 20 पर्सेंट आबादी जहां है वहां शासकीय सामुदायिक भवन में पंचायत का संचालन वर्तमान में हो रहा है जिससे वृद्धजनों को वहां पहुंचने में तकलीफ होती है ग्पंचायत द्वारा अवैध कब्जा हटाने के लिए एसडीएम से मांग की गई थी जिस पर कार्रवाई की गई है इन्होंने दुकानों के कब्जे होने की पुष्टि की है लेकिन पंचायत के पास किसी भी तरह का रिकॉर्ड मौजूद नहीं है दुकानों को अतिक्रमण से मुक्त करा कर आवंटन कराया कराया जाएगा जिससे पंचायत को राजस्व प्राप्त हो सके।




