मिनर्वा अस्पताल ने टीआई की जान से क्यों किया खिलवाड़

सतना। सिविल लाइन थाना प्रभारी हितेंद्र नाथ शर्मा को मिनर्वा हॉस्पिटल में भर्ती तो कर लिया था लेकिन मिनर्वा हॉस्पिटल के पास ऐसे डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे जो सिविल लाइन थाना प्रभारी का ऑपरेशन करके गोली निकाल देते लेकिन पैसे की भूख में मिनर्वा हॉस्पिटल में सिविल लाइन थाना प्रभारी को एडमिट कर लिया अगर समय रहते रीवा के विधायक राजेंद्र शुक्ला नहीं होते तो सिविल लाइन थाना प्रभारी की जान मुश्किल में पड़ जाती पता चला है की राजेंद्र शुक्ला संजय गांधी मेडिकल कॉलेज के एक सर्जरी स्पेशलिस्ट को मिनर्वा अस्पताल भेजा उसके बाद जबलपुर और भोपाल से एक डॉक्टर से कांटेक्ट करके उन्हें भी तत्काल प्रभाव से रीवा बुलाया गया तब जाकर सिविल लाइन थाना प्रभारी की सर्जरी हुई और उनकी गोली निकाली जा सकी। मामला पुलिस महकमे का था इसलिए पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला हो गए लेकिन अब सवाल यह उठता है कि जब मिनर्वा हॉस्पिटल के पास स्पेशलिस्ट डॉक्टर की टीम नहीं थी तो सिविल लाइन थाना प्रभारी को एडमिट करके उनकी जान को जोखिम में डालने का प्रयास क्यों किया गया जब इतने हाई प्रोफाइल मामले में मिनर्वा हॉस्पिटल का प्रबंध टीआई की जान से खिलवाड़ करने में नहीं चूका तो इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मिनर्वा हॉस्पिटल का प्रबंध आम आदमी के साथ किस तरीके से लूट और किस तरीके से चिकित्सकीय लापरवाही बरतता होगा। कायदे से पूरे मामले में पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला को मिनर्वा हॉस्पिटल के प्रबंधन से यह बात पूछनी चाहिए और जिला प्रशासन को भी मिनर्वा हॉस्पिटल के विरुद्ध आम आदमी की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने का मुकदमा जरूर दर्ज करना चाहिए।




