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नीलांशु ने क्यो छुए राहुल के पांव

राजनीति में अब आज के दौर में पराक्रमी नेता खोजना अपने आप में बड़ा मुश्किल काम है । ज्यादातर नेता चरण चुंबन और परिक्रमा लगाकर आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं कुछ दिनों पूर्व भारतीय जनता पार्टी के एक नेता का वीडियो केंद्रीय नेता का चरण स्पर्श करते हुए वायरल हुआ । ऐसा नहीं है कि चरण चुंबन करने वाले नेता सिर्फ भारतीय जनता पार्टी में ही हैं। ऐसे नेताओं की कमी कांग्रेस में भी नहीं हैं। सोशल मीडिया में एक फोटो वायरल हो रही है जिसमें चित्रकूट के विधायक नीलांशु चतुर्वेदी प्रतिपक्ष के नेता रह चुके अजय सिंह राहुल का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करने की मुद्रा में और मजेदार बात यह है कि अजय सिंह राहुल भी नीलांशु चतुर्वेदी को आशीर्वाद देने की मुद्रा में दिखाई दे रहे एक दौर था कि बड़ा से बड़ा नेता ब्राह्मणों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेता था लेकिन आज का दौर बदल चुका है अब धर्म-कर्म रीति नीति संस्कृति और संस्कार रुतबे और पैसों के आधार पर सब कुछ बदले जा चुके हैं । जिस नेता का जितना बड़ा नाम उसे नेता के चरण छूने वाले की संख्या भी उतनी ही बड़ी है लोग आज भी बताते है कि जब स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी का लोग चरण स्पर्श नहीं करते थे तो दादा उसे घूर कर देखा करते थे हालांकि काम दादा सबका करते थे लेकिन कहीं ना कहीं उस व्यक्ति का चरण लक्षण ना दादा को अखरता था आज की तारीख में दादा इस दुनिया में नहीं है लेकिन राजनीति के क्षेत्र में कई दादा पैदा हो चुके हैं और ये सारे दादा यही चाहते हैं की भरी सभा में लोग उनका चरण चुंबन करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें इससे उस नेता का ओहदा समाज के भीतर बढ़ता है और वह नेता अपने आपको गौरवान्वित महसूस करता है कि उसका पाउच होने वाले लोगों की संख्या समाज में सैकड़ों में है हजारों में है । पहले इस तरीके की चरण चुंबन की फोटो छुप जाया करती थी लेकिन आज की तारीख में हर आदमी की जेब में मोबाइल है और किसकी फोटो कब खिंच जाएगी किसका वीडियो कब बन जाएगा इस संबंध में कुछ कहा नहीं जा सकता । आज के राजनीतिक दौर में पांव छूना आम बात हो गई है अधिकांश नेता जात-पात की दीवार तोड़कर अपना नंबर बढ़ाने के लिए पांव छूने का सहारा लेते हैं । बहुत संभव है चित्रकूट के विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने अपना बड़प्पन दिखाते हुए अजय सिंह राहुल के प्रति सम्मानित नजरिए से उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेने की कोशिश की होगी । आज के तमाम नेता इस तरीके के चरण स्पर्श को बुरा भी नहीं मानते छूने वाला भी बुरा नहीं मानता और जिस के चरण छुए जा रहे हैं वह भी बुरा नहीं मानता लेकिन एक दौर था जब लोग ब्राह्मणों से जल्दी अपना पांव नहीं छुआते थे ।

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