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सुभाष शर्मा लड़ सकते हैं चुनाव

सतना। भारतीय जनता पार्टी ने सतना जिले की चित्रकूट सीट से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया चित्रकूट से विधायक रह चुके सुरेंद्र सिंह गहरवार को भारतीय जनता पार्टी ने मजबूत दावेदार माना है लेकिन जैसे ही सुरेंद्र सिंह का नाम घोषित हुआ वैसे ही क्षेत्र के 2 पंडित आक्रामक मुद्रा में आ गए विशाल खबर में अपनी एक खबर में पहले ही घोषणा की थी सुरेंद्र सिंह अगर प्रत्याशी बने तो 3 पंडित क्या करेंगे 2 पंडित तो आक्रामक मुद्रा में आ गए एक पंडित गुपचुप तरीके से विरोध करने की योजना बना रहा है। एक तरफ जहां पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार अपनी चुनावी तैयारी में जुड़ गए हैं वहीं भारतीय जनता पार्टी के सुभाष शर्मा डोली निर्दलीय किसी अन्य दल से चुनाव लड़ने की योजना बनाने लगे हैं ऐसा सुनने में आ रहा है जब इस संबंध में सुभाष शर्मा डोली से विशाल खबर ने बातचीत की तो उन्होंने कहा कि हमारे समर्थकों ने बैठक की और हमें बुलाया हम उस बैठक में गए इस तरीके से चित्रकूट के अन्य क्षेत्रों में भी हमारे कार्यकर्ता बैठक करेंगे हम उस क्षेत्र में जाएंगे कार्यकर्ता जो तय करेगा हम वही करेंगे । लेकिन सुभाष शर्मा डोली ने विशाल खबर से बातचीत करते हुए यह साफ किया कि हमने कोई बैठक नही बुलाई । सुनिए सुभाष शर्मा डोली ने विशाल खबर से क्या कहा । इसके अलावा चित्रकूट विधानसभा से चंद्र कमल त्रिपाठी भी भारतीय जनता पार्टी से टिकट मांग रहे थे लेकिन सुरेंद्र सिंह अहिरवार की टिकट घोषित हो जाने के बाद उन्होंने अपने पत्ते तो नहीं खोले हैं लेकिन अपने समर्थकों के साथ आए दिन बैठक कर रहे हैं आने वाली रणनीति उनकी क्या होगी अभी से तो कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन इतना तो तय है कि सुरेंद्र सिंह गहरवार की टिकट घोषित हो जाने के बाद चंद्र कमल त्रिपाठी मायूस है । इसके अलावा भी चित्रकूट क्षेत्र में कुछ भारतीय जनता पार्टी के नेता टिकट मांग रहे थे वह चुपचाप घर बैठ गए हैं । कुछ लोग इस बात का प्रयास कर रहे हैं कि जब नेता मानने आएगा थोड़ी बहुत जलवा जुलूस दिखाकर मान जाएंगे लेकिन कुछ लोग भीतर घाट कर सकते हैं । कुछ भी हो भारतीय जनता पार्टी की तरफ से सुरेंद्र सिंह अहिरवार सुनिश्चित है इसके अलावा कांग्रेस की सिटिंग एमएलए नीलांशु चतुर्वेदी की भी टिकट पक्की ही है अब देखना यह है कि बहुजन समाज पार्टी समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी से चित्रकूट विधानसभा से कौन सा प्रत्याशी मैदान में उतरता है इसमें कोई दो मत नहीं है कि अभी चित्रकूट विधानसभा में जितने भी प्रत्याशी नजर आ रहे हैं उनमें से ऐसा कोई प्रत्याशी नजर नहीं आता जिसका व्यक्तित्व जादुई हो । यदि ऐसा व्यक्तित्व किसी का होता तो वह व्यक्ति निर्दलीय चुनाव लड़कर विधायक बन जाता। हालांकि चित्रकूट विधानसभा आश्चर्यजनक परिणाम देने के लिए भी जानी जाती है एक बार बहुजन समाज पार्टी से चित्रकूट विधानसभा से गणेश बारी चुनाव जीत गए थे । गणेश्वरी को चुनाव के पहले तक कोई नहीं जानता था जब चुनाव परिणाम आया तभी लोगों ने गणेश्वरी को जाना और पहचान जब कलेक्टर ने उन्हें जीत का प्रमाण पत्र दे दिया। उसे चुनाव में भी चित्रकूट से नमकीन चेहरे ही चुनाव लड़ रहे थे।उस समय चित्रकूट से चुनाव लड़ने वालों में पूर्व मंत्री रामानंद सिंह पूर्व मंत्री रामचंद्र बाजपेई जैसे बड़े नाम थे उसके बाद भी गणेश्वरी ने इन दोनों नाम को धूल चटा दी । कई बार जनता का आक्रोश आम आदमी समझ नहीं पाता देखने में रामानंद सिंह और रामचंद्र बाजपाई बड़े नेता थे लेकिन जनता इन दोनों नेताओं से रुष्ट हो चुकी थी जिसके चलते बहुजन समाज पार्टी के गणेश्वरी चुनाव जीत गए । चुनाव के समय में जनता ही भगवान है जिसके पक्ष में उसने मतदान कर दिया वह पहलवान बन गया और जिसके विरोध में मतदान कर दिया वह फिर 5 साल सड़क की खाक छानने के लिए तैयार रहें । फिलहाल चित्रकूट के चुनाव की मैथमेटिक्स किसी भी दल के लिए इतनी आसान नहीं है। चुनाव से पूर्व जितने भी लोग जीत का दावा प्रस्तुत करते हैं उसे थोथा ही माना जाना चाहिए । फिलहाल आज की तारीख में जितनी चर्चा चित्रकूट विधानसभा में सुरेंद्र सिंह अहिरवार की है उतनी ही चर्चा सुभाष शर्मा डोली की भी है सुभाष शर्मा डोली को लेकर यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वे चुनाव लड़ेंगे या नहीं । वैसे मेरी व्यक्तिगत धारण आया है कि किसी भी व्यक्ति को या तो राजनीति करनी नहीं चाहिए और यदि वह राजनीति कर रहा है तो उसे अपनी इतनी व्यक्तिगत हैसियत बनानी चाहिए कि वह निर्दलीय भी चुनाव लड़े तो विधायक बन सके।

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