ब्राह्मण शंख बजाएगा हाथी बढ़ता जाएगा

सतना। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्य समिति के सदस्य सुभाष शर्मा डोली आखिरकार हाथी पर बैठ ही गए। मजेदार बात यह है कि जिस समय सुभाष शर्मा डोली भारतीय जनता पार्टी की सदस्य ले रहे थे उस समय बहुजन समाज पार्टी के उत्साहित कार्यकर्ता नारा लगा रहे थे ब्राह्मण शंख बजाएगा हाथी बढ़ता जाएगा। यह नारा उस समय उत्तर प्रदेश में प्रचलित हुआ था जब उत्तर प्रदेश के अंदर किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला करता था। बहुजन समाज पार्टी के साथ सतीश मिश्रा नामक अधिवक्ता जुड़े जिनकी रणनीति ने बहुजन समाज पार्टी की उत्तर प्रदेश में स्पष्ट बहुमत की सरकार बना दी। बहुजन समाज पार्टी का जब जन्म हुआ था उसे समय उत्तर प्रदेश के अंदर सबसे पहले यही नारा बुलंद हुआ कि तिलक तराजू और तलवार इनको मारो जूते चार। इस नारे के आधार पर बहुजन समाज पार्टी उत्तर प्रदेश में 75 सीट से 150 सीट तक तो चली जाती थी लेकिन स्पष्ट बहुमत की सरकार नहीं बन पाती थी। तिलक तराजू और तलवार के नारे पर एक समाज विशेष के लोग जुडक़र 75 से 150 विधायक बना लेते थे लेकिन जब सरकार बनाने की बात आती थी तो यही विधायक टूट कर दूसरे दलों में चले जाते थे। बहुजन समाज पार्टी के नेताओं को भी यह नहीं सोच रहा था कि आखिरकार उत्तर प्रदेश में स्पष्ट बहुमत की सरकार बहुजन समाज पार्टी बनाई तो कैसे बनाएं। जब बहुजन समाज पार्टी ने तिलक तराजू और तलवार इनको मारे जूते चार नारे को तिलांजलि दी और और इस नारे को अपनाया कि ब्राह्मण शंख बजाएगा हाथी बढ़ता जाएगा तो उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की स्पष्ट बहुमत की सरकार बनी जो 5 साल चली भी। बहुजन समाज पार्टी का जो कर वोटर था उसमें भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने भी सेंध लगाई है जिसके चलते बहुजन समाज पार्टी अपना प्रभाव होती जा रही है बावजूद इसके जहां बहुजन समाज पार्टी का प्रभाव था आज भी वहां 10 से 20000 वोटर बहुजन समाज पार्टी के हैं। चित्रकूट विधानसभा से बहुजन समाज पार्टी का एक बार विधायक रह चुका है। सतना जिले के अंदर तीन विधानसभा सीट ऐसी है जहां से बहुजन समाज पार्टी के विधायक जीत चुके हैं जिसमें चित्रकूट विधानसभा से गणेश बारी बहुजन समाज पार्टी से विधायक बने। इसके अलावा रामपुर बघेलान तथा रैगांव से भी बहुजन समाज पार्टी के विधायक जीत चुके हैं। चित्रकूट से जब गणेश बारी विधायक बने तो चुनाव परिणाम आने के पहले चित्रकूट की जनता उन्हें ठीक से जानती भी नहीं थी लेकिन जब चुनाव परिणाम आए और उन्होंने जीत का प्रमाण पत्र ले लिया तब लोगों ने जाना कि गणेश बारी ये हैं। चित्रकूट विधानसभा की जब भी चर्चा होती है तो लोग यह कह देते हैं यदि गणेश बारी विधायक बन सकते हैं तो चित्रकूट से कोई भी विधायक बन सकता है। भारतीय जनता पार्टी ने 39 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए थे जिसमें चित्रकूट से सुरेंद्र सिंह गहरवार को प्रत्याशी बनाया गया था। जिस दिन से सुरेंद्र सिंह गहरवार को प्रत्याशी बनाया गया है उसी दिन से सुभाष शर्मा ने बगावती तेवर अपना लिए थे। सतना जिले की चित्रकूट विधानसभा से करीब करीब चुनाव की तस्वीर काफी कुछ साफ हो चुकी है भारतीय जनता पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है कांग्रेस निश्चित तौर पर अपने सिटिंग एमएलए नीलांशु चतुर्वेदी को ही अपना प्रत्याशी बनाएगी और जिस तरीके से सुभाष शर्मा डोली ने बहुजन समाज पार्टी का दामन थामा है उससे यह बात भी स्पष्ट हो चुकी है कि बहुजन समाज पार्टी से सुभाष शर्मा डोली चुनाव लड़ेंगे। तीन पार्टियों के प्रत्याशी करीब करीब स्पष्ट हो चुके हैं अब देखना यह है कि आम आदमी पार्टी से कौन व्यक्ति चुनाव लड़ता है। चित्रकूट क्षेत्र में राजनीति करने वाले नेता किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे करीब-करीब यह स्पष्ट हो गया है लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने एक बार शंकर दयाल त्रिपाठी नामक व्यक्ति को चुनाव लड़ाया था आज की तारीख में उनका राजनीतिक भविष्य कहीं कुछ दिखाई ही नहीं पड़ रहा है। भाजपा से सुरेंद्र सिंह गहरवार को टिकट मिल चुकी है सुभाष शर्मा डोली बहुत संभावना है कि बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ेंगे। नीलांशु चतुर्वेदी कांग्रेस के मैदान में आएंगे शंकर दयाल क्या करेंगे यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है जिस तरीके के राजनीतिक हालात निर्मित हुए हैं उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि अब शंकर दयाल त्रिपाठी का राजनीतिक भविष्य अधर में है।




