ताजा ख़बरें

कट सकता है शिवराज का टिकट

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का टिकट भी क्या कट सकता है । ऐसा इसलिए भी सवाल उठ रहा है कि जिस तरीके से केंद्रीय मंत्रियों को मध्य प्रदेश की सरजमीं पर विधानसभा चुनाव लड़ने भेजा गया उससे तो ऐसा लगता है की केंद्रीय नेतृत्व शिवराज सिंह का टिकट काटकर उन्हें केंद्र में कोई बड़ी जवाबदारी और मध्य प्रदेश की बागडोर किसी अन्य नेता के हाथ में सौंपी जा सकती है । जिन-चार नेताओं को विधानसभा की टिकट दी गई है उनका नाम कई बार मुख्यमंत्री पद के लिए उठता रहा है सबसे पहले बात करते हैं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गी की । मालवा क्षेत्र का प्रभावी नाम माना जाता है इंदौर शहर में जब जो चाहे वैसा कर लेते हैं राजनीति का लंबा चौड़ा अनुभव है । पिछली बार अपने बेटे आकाश विजय वर्गी को भी विधायक बनकर इस बात का सबूत दे चुके हैं कि वे राजनीति में जो करना चाहते हैं वह कर लेते हैं। पश्चिम बंगाल जैसे कठिन राज्य का जहां ममता बनर्जी से हर पल दो दो हाथ करने की जरूरत रहती है उस राज्य का भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें प्रभारी बनाया था । जिस राज्य में वाम दलों ने कई दशक तक राज किया हो उसे राज्य में भारतीय जनता पार्टी को मुख्य विपक्षी दल के रूप में स्थान दिलाने में कैलाश विजयवर्गी का महत्वपूर्ण योगदान माना जा सकता है यदि प्रदेश के अंदर सरकार बनी तो कैलाश विजयवर्गी भी मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदारों में एक होंगे। वर्तमान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भी दिमनी विधानसभा चुनाव से मैदान में उतार दिया गया है नरेंद्र सिंह तोमर केंद्रीय नेतृत्व के विश्वशनीय माने जाते हैं मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहने के साथ-साथ मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल में भी मंत्री रह चुके हैं प्रदेश का अच्छा खासा अनुभव है पूरे प्रदेश के अंदर हर जिले के नेताओं से जीवंत तो संपर्क है । इसके अलावा भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रहलाद पटेल को भी नरसिंहपुर विधानसभा से चुनाव मैदान में उतार दिया है उनके उतरने से उनके भाई जालम सिंह की टिकट अवश्य कट गई लेकिन प्रहलाद पटेल जमीनी नेता माने जाते हैं छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं अपनी साफ गोई और स्पष्ट बयानी के लिए जाने जाते हैं यदि पार्टी ने पिछड़ा कार्ड खेला तो प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रहलाद पटेल ही बनेंगे । यदि प्रहलाद पटेल उमा भारती की लोक जनशक्ति पार्टी में नहीं जाते तो मध्य प्रदेश में शायद प्रहलाद पटेल को शिवराज सिंह चौहान से पहले मौका मिलता ।चौथे मुख्यमंत्री की दावेदार फग्गन सिंह कुलस्ते भी हो सकते हैं कुलस्ते को मध्य प्रदेश के अंदर आदिवासी चेहरा माना जाता है यदि प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने की बात चली तो भारतीय जनता पार्टी के पास फगन सिंह कुलस्ते के रूप में एक बड़ा चेहरा है । भारतीय जनता पार्टी ने इन्हें भी बतौर केंद्रीय मंत्री रहते हुए विधानसभा चुनाव मैदान में उतार दिया है । मध्य प्रदेश में यदि भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में आई तो कोई बड़ी बात नहीं है की दिल्ली से भी कोई चौंकाने वाला नाम प्रस्तुत कर दिया जाए। लेकिन इतना तो तय है कि भारतीय जनता पार्टी इस बार मध्य प्रदेश के अंदर शिवराज सिंह को मुख्यमंत्री नहीं बनाने वाली । यदि शिवराज सिंह चौहान को भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री बनना चाहती तो भारतीय जनता पार्टी का थीम सोंग एमपी के मन में बसे मोदी नहीं होता। प्रदेश के अंदर जितनी भी जन आशीर्वाद यात्राएं निकाली गई उन्हें यात्राओं के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री नहीं थे किसी ने किसी केंद्रीय नेता को इन यात्राओं का मुख्य अतिथि बनाकर भेजा गया । इससे एक बात साफ हो चुकी है कि शिवराज सिंह चौहान इस बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे ।

Related Articles

Back to top button
Close