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डर गए डब्बू

जैसे ही भारतीय जनता पार्टी ने सतना विधानसभा से वर्तमान सांसद गणेश सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित किया वैसे ही कांग्रेस के तमाम ऐसे लीडर जो सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा उर्फ डब्बू के समर्थक है उन्होंने सतना शहर में एक नई चर्चा छेड़ दी और कहने लगे कि अब सतना से मनीष तिवारी को टिकट देनी चाहिए और सिद्धार्थ कुशवाहा को नागौद से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए । राजनीति में बहुत दिनों तक लुका छुपी का खेल नहीं चलता जब पिछली बार गणेश सिंह सतना से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे और राजा राम त्रिपाठी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे उसे समय सतना के विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा और डब्बू ने अपना एक वीडियो वायरल करते हुए यह कहा था कि मैं वर्तमान में अपने आप को इस चुनाव से अलग करता हूं ऐसा कहने के पीछे भी सिद्धार्थ कुशवाहा का क्या उद्देश्य था इस बात को उन्होंने कभी सार्वजनिक तौर पर उजागर भी नहीं किया लेकिन उसे वीडियो के माध्यम से जो जनता में संदेश गया उसे किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं कहा जा सकता । सिद्धार्थ कुशवाहा को स्वप्न में भी इस बात की उम्मीद नहीं रही होगी कि भारतीय जनता पार्टी गणेश सिंह को सतना विधानसभा से चुनावी मैदान में उतार देगी । सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू सतना विधानसभा से चुनाव लड़ते हैं तो निश्चित तौर पर इस बार दो पिछड़ों की लड़ाई में सवर्णों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी । और सवर्ण किसी भी नेता का उसके गुण दोष के आधार पर ही चुनाव करेंगे । सतना विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण मतदाताओं के अलावा वैश्य एवं सिंधी मतदाताओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी । यह तीनों समाज जिसके पक्ष में जाएगा उसकी जीत सुनिश्चित हो जाएगी । सांसद गणेश सिंह को सतना विधानसभा से टिकट मिलने के बाद सतना जिले की चुनावी रणनीति काफी संभावनाओं से अलग चली गई है। राजनीतिक विश्लेषक यह मानते थे की दल भले ही अलग हो लेकिन सतना के सांसद और सतना के विधायक में आपसी ताल मेल अच्छा है । बीते चार-पांच वर्षों में ऐसा कभी महसूस नहीं हुआ की संसद और विधायक में कहीं कोई विरोधाभास है लेकिन जब महापौर के चुनाव हुए तब सांसद गणेश सिंह ने विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा पर हमला करते हुए कहा था कि इनकी नजर स्मार्ट सिटी के फंड पर है इतना कहने के बाद भी सिद्धार्थ कुशवाहा ने सांसद के इस बयान का कोई पलट बार नहीं किया था । लेकिन अभी हाल-ताज में ही विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू ने विकास के मुद्दे पर सांसद पर हमला करते हुए कहा था कि 20 साल से सांसद है क्या विकास किया । अब यदि सिद्धार्थ कुशवाहा भागे नहीं तो गणेश सिंह से आमने-सामने का चुनावी मुकाबला होगा निश्चित तौर पर इस चुनावी मुकाबले में जुबानी जंग भी होगी अब इस जंग में कौन जीतता है यह तो आने वाला समय बताएगा।

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