क्या तीन पंडित करेंगे बगावत

सतना। राजनीति विविधताओं का भी खेल है और कभी-कभी राजनीति में ऐसे हालात और परिस्थितियों निर्मित हो जाती है कि आदमी अंदाजा ही नहीं लगा पता कि सामने वाला राजनीतिक की क्या निर्णय करेगा। यदि सतना सीट से सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू ही चुनाव लड़ते हैं तो अजय सिंह राहुल की इस चुनाव में क्या भूमिका होगी।
अजय सिंह राहुल के सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू से संबंध अच्छे नहीं है इस लिहाज से अजय सिंह राहुल के समर्थक सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू का प्रचार नहीं करेंगे लेकिन वहीं दूसरी तरफ गणेश सिंह ने भी अजय सिंह राहुल को लोकसभा चुनाव हराया है जितनी कड़वाहट अजय सिंह राहुल के मन में सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू को लेकर है उतनी ही कड़वाहट राजनीतिक तौर पर गणेश सिंह के लिए भी है।
इन हालातो में अजय सिंह राहुल क्या फैसला लेंगे यह कहना तो अभी जल्दबाजी होगा लेकिन जब चुनाव लडऩे वाले दो व्यक्ति बराबर के दुश्मन हो तो फैसला करना जरा कठिन होता है। कमोवेश इसी तरीके के हालात राजाराम त्रिपाठी के साथ भी बनते हैं जब राजा राम त्रिपाठी लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे तब सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू ने एक वीडियो बनाकर आम जनता के बीच में मैसेज दिया था कि मैं इस चुनाव से अपने आपको अलग करता हूं निश्चित तौर पर जब उन्होंने लोकसभा चुनाव से अपने आप को अलग कर लिया तो जाहिर सी बात है की डब्बू के समर्थकों ने राजाराम त्रिपाठी को वोट तो नहीं ही दिया होगा दूसरी तरफ राजाराम त्रिपाठी भी गणेश सिंह से लोकसभा चुनाव हारे हुए हैं ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनाव में राजाराम त्रिपाठी की क्या भूमिका होगी यह भी अपने आप में एक बड़ा सवाल है।
इतना ही नहीं विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह के भी सतना शहर में तमाम अनुयाई और समर्थक है सिद्धार्थ कुशवाहा के राजेंद्र सिंह से भी अच्छे ताल्लुकात नहीं है ऐसे में सतना विधानसभा में राजेंद्र सिंह किसकी मदद करेंगे यह भी अपने आप में बड़ा सवाल है क्योंकि राजेंद्र सिंह के सिद्धार्थ कुशवाहा से अच्छे संबंध नहीं है और राजेंद्र सिंह इस बात का आरोप भी लगा चुके हैं कि अमरपाटन में कुशवाहा वोट 2018 के चुनाव में कांग्रेस को नहीं मिले इस बात की कसक तो राजेंद्र सिंह को है ही लेकिन अब उनके सामने एक बड़ा प्रश्न यह भी खड़ा होता है कि आखिरकार मदद किसकी करें गणेश सिंह ने राजेंद्र सिंह को भी लोकसभा चुनाव हराया है ऐसे में अजय सिंह राहुल, राजेंद्र सिंह और राजा राम त्रिपाठी 2023 के विधानसभा चुनाव में कायदे से न तो सिद्धार्थ कुशवाहा के साथ जाने की इच्छा रखेंगे और न ही गणेश सिंह के साथ ऐसे में निश्चित तौर पर यह बड़े नेता किसी तीसरे मजबूत विकल्प की तलाश करेंगे। अब मजबूत विकल्प के रूप में बहुजन समाज पार्टी ही कोई ऐसा प्रत्याशी उतार दे जिसे आम जनता का भी समर्थन प्राप्त हो तो निश्चित तौर पर सतना का चुनावी समीकरण काफी कुछ बदल सकता है।




