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अमरपाटन में सरेआम गुंडई

सतना। जातिवाद की राजनीति तो पूरे देश में हावी है लेकिन जिस तरीके से सतना जिले में जातिवाद के नाम पर नफरत के बीज बोए जा रहे हैं उसका दूरगामी परिणाम अच्छा नहीं आने वाला। 2023 नवंबर में विधानसभा के चुनाव है और चुनाव में हर नेता को हर जाति का वोट चाहिए लेकिन चुनाव जीत जाने के बाद नेता सिर्फ यह मानने लगता है कि वह सिर्फ अपनी सजातीय वोटो की वजह से चुनाव जीत रहा है निश्चित तौर पर इस तरीके की धारणा किसी भी नेता के लिए अच्छी नहीं है। गलत को गलत कहने की क्षमता जिस नेता में होती है उसी को सर्व समाज का नेता माना जाता है लेकिन जिस तरीके से अमरपाटन और सतना शहर में मारपीट के वीडियो वायरल हो रहे हैं और उसके बाद भी अपराधियों का बचाव सत्ता का मसनद लगाकर किया जा रहा है उसे किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं कहा जा सकता ब्राह्मणों का वोट हर नेता को चाहिए लेकिन ब्राह्मणों को चोट पहुंचने में किसी भी समाज का नेता पीछे नहीं रहता। अमरपाटन विधानसभा क्षेत्र के खरमसेड़ा गांव का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें पंडितताई करने वाले व्यक्ति को कई युवक पीट रहे हैं। ब्राह्मण समाज का वोट हर नेता को चाहिए लेकिन इस जोर-जुल्म के खिलाफ कोई भी नेता बोलना नहीं चाहता आश्चर्यजनक बात तो यह है की अमरपाटन सीट से यदि रामखेलावन पटेल की टिकट कटती है तो कई पंडितों का नाम विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के रूप में चल रहा है जिसमेंअरुण दुवेदी हरीश कांत त्रिपाठी धर्मेंद्र सिंह तिवारी और विनीत पांडे टिकट की लाइन में लगे हैं लेकिन एक पंडित की जिस तरीके से पिटाई हो रही है उस पंडित के समर्थन में कोई भी पंडित नेता अपनी जुबान खोलने से डर रहा है या यूं कहें कि सारे पंडित नेताओं की मुंह में दही जम गई है। जिस पंडित को दो युवक पीट रहे हैं उस पंडित की हालत यह है कि उसने डर के मारे रिपोर्ट भी नही लिखाई। पुलिस प्रशासन पूरी तरह से तमासबीन बना हुआ है। इस पूरे मामले में सतना के धर्मेश चतुर्वेदी के अलावा राजेश द्विवेदी ने भी अपना विरोध जाहिर किया है इसके अलावा सतना जिले के अंदर तमाम पूंछ और मूछ और दाढ़ी वाले पंडित नेता हैं लेकिन किसी ने बोलना उचित नहीं समझा जिले के अंदर पंडितों की हालत ठीक है एक वेश्या की तरह हो चुकी है तलबगार तो सब है लेकिन तरफदार कोई नहीं है।

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