सिद्धार्थ जा सकते है भाजपा में

सतना। एक दौर था जब विंध्य की सियासत में दो नाम बड़ी प्रतिष्ठा के साथ लिए जाते थे जिसमें पहला नाम था पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह का और दूसरा नाम था विधानसभा अध्यक्ष रह चुके स्वर्गीय श्री निवास तिवारी का । अर्जुन सिंह के निधन के बाद उनकी राजनीतिक रियासत उनके सुपुत्र अजय सिंह राहुल संभाल रहे हैं तो श्रीनिवास तिवारी के निधन के बाद उनकी राजनीतिक रियासत सुंदरलाल तिवारी संभाल रहे थे लेकिन उनका भी निधन हो चुका है । उसके बाद सुंदरलाल तिवारी के सुपुत्र सिद्धार्थ तिवारी रीवा की राजनीति में सक्रिय हुए उन्हें कांग्रेस ने रीवा से लोकसभा टिकट भी दिया था लेकिन भी चुनाव हार गए थे 2023 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सिद्धार्थ तिवारी त्योथर विधानसभा से तैयारी कर रहे थे । लेकिन अचानक से एक लिस्ट जारी होती है जिसमें सिद्धार्थ तिवारी को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का महामंत्री बना दिया जाता है उसे देखते हुए सिद्धार्थ तिवारी के समर्थकों ने रीवा जिले के अंदर इस्तीफे की झड़ी लगा दी । जब प्रदेश के अंदर दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री हुआ करते थे तब श्रीनिवास तिवारी विधानसभा अध्यक्ष हुआ करते थे और दिग्विजय सिंह हमेशा यह कह दिया करते थे कि रीवा के मुख्यमंत्री तो दादा ही है और मुख्यमंत्री रहते हुए दिग्विजय सिंह श्रीनिवास तिवारी का चरण वंदन करने से नहीं चुका करते थे लेकिन आज राजनीतिक हालात बदल चुके है । एक दूर होता था जब अर्जुन सिंह को कमजोर करने के लिए दिग्विजय सिंह श्रीनिवास तिवारी का साथ ढूंढा करते थे आज दूर बदल चुका है आज इस दुनिया में श्रीनिवास तिवारी नहीं है इसलिए श्रीनिवास के नाती सिद्धार्थ तिवारी से दिग्विजय सिंह भला अपना रिश्ता क्यों मजबूत करना चाहेंगे । श्रीनिवास तिवारी की अनुपस्थिति में दिग्विजय सिंह सिद्धार्थ तिवारी को क्यों मजबूत करेंगे या उनका साथ क्यों देंगे । जिस तरीके से सिद्धार्थ तिवारी को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का महामंत्री घोषित किया गया उससे कहीं ना कहीं इस बात का संकेत दिया गया है कि त्यौंथर से सिद्धार्थ तिवारी को टिकट नहीं मिलेगी । उम्मीद की जा रही है कि यदि भारतीय जनता पार्टी ने सिद्धार्थ तिवारी को टिकट का आश्वासन दे दिया तो बहुत संभव है कि सिद्धार्थ तिवारी भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर त्यौंथर का चुनाव लड़े ।




