अखिलेश की कांग्रेस को दो टूक अगर MP में गठबंधन नहीं तो भविष्य में भी नहीं होगा

लखनऊ। आगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में एनडीए को टक्कर देने के लिए विपक्षी दलों ने INDI गठबंधन बनाया है. लोकसभा चुनाव को लेकर बने ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच एमपी में सीटों को लेकर मतभेद बढ़ता जा रहा है. पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में सीटों के तालमेल को लेकर दोनों तरफ से खुलकर बयानबाजी हो रही है.
लोकसभा चुनाव साल 2024 में होने है. एनडीए को टक्कर देने के लिए विपक्षी दलों ने INDI गठबंधन बनाया है. अब चुनाव से पहले INDI गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा भी शुरू हो गई है या फिर इसे सियासी खींचतान भी कह सकते हैं. गौर करने वाली बात ये है कि लोकसभा चुनाव से पहले 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं और अब यहीं गठबंधन की असली परीक्षा नजर आने लगी है. कुल मिलाकर सीटों को लेकर पार्टियों के बीच मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं.
अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस के फैसले से नाराज होकर दो टूक कह दिया है कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को INDI गठबंधन के बारे में तय करना है कि ये गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर होगा या प्रदेश स्तर पर. अगर अभी प्रदेश स्तर गठबंधन नहीं किया गया तो भविष्य में भी प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं होगा. अखिलेश ने सीटों के तालमेल को लेकर हुई चर्चा का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि यही समय है जब तय करना होगा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव के लिए होगा या INDI गठबंधन का हिस्सा विधानसभा चुनाव भी होंगे.
अब अखिलेश यादव के इस बयान के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. लेकिन इस बीच इतना तो साफ हो गया है कि INDI गठबंधन में सब ठीक नहीं चल रहा है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों एक दूसरे को लेकर असहज नजर आ रही हैं. समाजवादी पार्टी को उम्मीद थी कि मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उसके पार्टी उसके लिए कुछ सीटें छोड़ देगी लेकिन हुआ इसके विपरीत. कांग्रेस ने उन सीटों पर भी उम्मीदवार उतार दिए हैं जहां पिछली बार समाजवादी पार्टी मजबूत थी.
अखिलेश यादव ने पहले मध्य प्रदेश की कई सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया. इसके बाद अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी कर साफ कह दिया है कि अगर प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं हुआ तो भविष्य में भी प्रदेश स्तर पर भी गठबंधन नहीं होगा. अब देखना दिलचस्प हो गा कि अखिलेश यादनव के इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी का क्या रुख रहता है.




