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श्रीनिवास के नाती बने भाजपा के साथी

सतना। किसी ने स्वपन में भी नहीं सोचा होगा कि श्रीनिवास तिवारी की राजनीतिक रियासत संभालने वाले सिद्धार्थ तिवारी को कांग्रेस दूध में गिरी हुई मक्खी की तरह निकाल कर फेंक देगी । कहने का अभिप्राय बिल्कुल साफ है कि कांग्रेस ने त्यौंथर से टिकट मांग रहे श्रीनिवास तिवारी के नाती सिद्धार्थ तिवारी की जगह रमाशंकर पटेल को चुनना उचित समझा । किसी जमाने में श्रीनिवास तिवारी बिना क्षेत्र की तमाम टिकट डिसाइड किया करते थे खासतौर से रीवा जिले में किसको टिकट मिलेगी यह तो दादा श्रीनिवास तिवारी ही तय करते थे लेकिन राजनीति में एक ऐसा भी दूर आ गया की दादा के नाती को भी कांग्रेस की टिकट नसीब नहीं हुई । हालांकि कांग्रेस पार्टी ने पिछला लोकसभा चुनाव सिद्धार्थ तिवारी को रीवा से लड़ाया था और सिद्धार्थ तिवारी चुनाव हार गए थे लेकिन अगर इस तरीके से देखा जाए तो हर तो अजय सिंह राहुल भी सीधी से गए थे उसके बाद भी उन्हें चुरहट विधानसभा से टिकट दी गई। अपनी उपेक्षा से आहत सिद्धार्थ तिवारी ने अंतत: कांग्रेस को अलविदा कह दिया और भारतीय जनता पार्टी का कमल पकड़ लिया । उम्मीद की जा रही है कि भारतीय जनता पार्टी सिद्धार्थ तिवारी को त्यौंथर विधानसभा से टिकट दे सकती है लेकिन अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी । किसी जमाने में विंध्य क्षेत्र के अंदर दो ही नेता कद्दावर माने जाते थे । एक अर्जुन सिंह दूसरे दादा श्री निवास तिवारी दोनों में 36 का आंकड़ा था । लेकिन आज की तारीख में श्रीनिवास तिवारी के नाती सिद्धार्थ तिवारी की तो कांग्रेस से टिकट ही काट दी गई और अजय सिंह राहुल की भी स्थिति कांग्रेस में बहुत अच्छी नहीं है कमलनाथ कमलेश्वर पटेल के माध्यम से अजय सिंह राहुल को विंध्य क्षेत्र में कमजोर करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। अर्जुन सिंह के न रहने के बाद विंध्य क्षेत्र में अधिकांश टिकटों का निराकरण या वितरण अजय सिंह राहुल ही किया करते थे लेकिन आज की तारीख में अजय सिंह राहुल के समर्थकों की भी विंध्य क्षेत्र में कई टिकट काट दी गई । जिस तरीके से कमलनाथ अजय सिंह राहुल की उपेक्षा कर रहे हैं उसे देखते हुए तो नहीं लगता कि भविष्य में भी अजय सिंह राहुल को कमलनाथ उबरने देंगे । किसी जमाने में कमलेश्वर के पिता जी इंद्रजीत कुमार अर्जुन सिंह के खास समर्थक माने जाते थे लेकिन आज की तारीख में कमलेश्वर पटेल अर्जुन सिंह के सुपुत्र अजय सिंह राहुल को कमजोर करने की कोई कोशिश नहीं छोड़ते जिस तरीके से विंध्य में राजनीतिक घरानों को कांग्रेस खत्म करने की कोशिश कर रही है और नए घरानों को मजबूत कर रही है उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है की आने वाले दिनों में विंध्य क्षेत्र में नए राजनीतिक घराने बड़ा स्वरूप लेने वाले हैं।

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