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अजय सिंह राहुल भी नहीं रोक पाए नारायण की टिकट

सतना। पिछले विधानसभा चुनाव तक अजय सिंह राहुल विंध्य क्षेत्र की 30 सीटों में अधिकांश टिकटे अपनी मन मर्जी के मुताबिक बांटा करते थे लेकिन 2023 में कमलनाथ ने काफी कुछ टिकते अजय सिंह राहुल की इच्छा के विरुद्ध भी बांट दी है । जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण है नागौर विधानसभा। अजय सिंह राहुल के कट्टर समर्थक यादवेंद्र सिंह यह मानकर चल रहे थे कि अजय सिंह राहुल उन्हें टिकट दिला ही देंगे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया । इसके अलावा अजय सिंह राहुल नहीं चाहते थे कि नारायण त्रिपाठी को मैहर से टिकट मिले । लेकिन अजय सिंह राहुल की इच्छा के विरुद्ध भी मैहर से नारायण त्रिपाठी को कांग्रेस की टिकट मिलने की संभावना प्रबल है क्योंकि कमलनाथ चाहते हैं की नारायण त्रिपाठी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े। सूत्रों से मिली खबरों के मुताबिक कांग्रेस की जो भी अगली लिस्ट जारी होगी उसमें यदि कोई बड़ा उलट फेर नहीं हुआ तो मैहर से नारायण त्रिपाठी की टिकट फाइनल हो चुकी है। अब सवाल यह उठता है कि जब कांग्रेस की तरफ से नारायण त्रिपाठी की टिकट फाइनल हो गई है तो मैहर में रामनिवास उर्मलिया और धर्मेश घई क्या करेंगे । लगातार 5 साल रामनिवास उरमालिया और धर्मेश भाई कांग्रेस के लिए जिंदाबाद करते रहे लेकिन जब टिकट मिलने का समय आया तो नारायण त्रिपाठी बाजी मार ले गए ऐसे में जमीनी कार्यकर्ता निश्चित तौर पर हताश और निराश होता है । फिर भी मैहर के लिए नारायण त्रिपाठी बड़ा नाम है और कांग्रेस सरकार बनाने की दृष्टिकोण से कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती कांग्रेस की कोशिश है की जीतने वाले चेहरे को ही टिकट दी जाए। 17 अक्टूबर को जिस तरीके से नारायण त्रिपाठी ने आकर मैहर में अपना जलवा जुलूस बिखेरा और मैहर की जनता को यह बताने की कोशिश की की मैहर को जिला बनाने में मेरी ही महत्वपूर्ण भूमिका थी और विंध्य बनाने में भी मेरी ही महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी । लेकिन अब सवाल यह उठता है कि जब नारायण त्रिपाठी कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ेंगे तो विंध्य की आवाज का क्या होगा क्योंकि कांग्रेस अलग विंध्य प्रदेश बनाने के पक्ष में तो नहीं है ।

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