रैगांव में हाथी मुकाबले में

सतना। जब रैगांव विधानसभा में उपचुनाव हुए थे तो चुनाव में कल्पना वर्मा जीत गई थी । इस संबंध में राजनीतिक विश्लेषकों अपने विश्लेषण में कहा था की उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी चुनाव नहीं लड़ी थी इसलिए कांग्रेस की जीत हो गई 2023 के विधानसभा चुनाव में रैगांव विधानसभा से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी देवराज अहिरवार है निश्चित तौर पर उपचुनाव में जो वोट बहुजन समाज पार्टी के कांग्रेस को मिले थे वह बहुजन समाज पार्टी को मिलेंगे यदि ऐसा हुआ तो कांग्रेस प्रथम दृश्य मुकाबले में कमजोर दिखाई देगी इसके अलावा नागौर विधानसभा से बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर यादवेंद्र सिंह चुनाव लड़ रहे हैं । लोग कहते हैं कि यदि यादवेंद्र सिंह नागौर विधानसभा से ज्यादा राय गांव विधानसभा में मजबूत है यदि यादवेंद्र सिंह ने ईमानदारी के साथ बहुजन समाज पार्टी का साथ दिया तो बहुजन समाज पार्टी राय गांव में मजबूत होती हुई दिखाई पड़ रही है इसके अलावा सतना विधानसभा से भाजपा से बगावत करके रत्नाकर चतुर्वेदी शिवा बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। सोहावल में शिवा के मामा रहते हैं और सोहावल रैगांव विधानसभा में आता है ।यदि रत्नाकर चतुर्वेदी शिवा ने भी रैगांव विधानसभा में ईमानदारी से काम किया तो रैगांव के प्रत्याशी देवराज अहिरवार मजबूत होते हुए दिखाई दे रहे हैं इतना ही नहीं यदि बहुजन समाज पार्टी के तीनों प्रत्याशी एक दूसरे की मदद कर दें तो तीनों प्रत्याशी चमत्कारिक परिणाम हासिल कर सकते हैं यदि यादवेंद्र सिंह राय गांव के अलावा सतना में भी बहुजन समाज पार्टी की मदद करेंगे तो निश्चित तौर पर बहुजन समाज पार्टी को फायदा होगा इसके अलावा देवराज अहिरवार यदि सतना में अपने समाज का पूरा वोट ट्रांसफर कराने पाए तो बहुजन समाज पार्टी का हाथी सतना में चिघडऩे लगेगा । वैसे यदि देखा जाए तो बहुजन समाज पार्टी ने इस बार सतना जिले में बेहतरीन टिकट का वितरण किया है बहुजन समाज पार्टी वर्तमान समय में चित्रकूट और रामपुर बघेलान में भी लड़ाई में बनी हुई है । अमरपाटन से छंगेलाल कोल हमेशा सम्मानजनक वोट पाते रहे हैं । बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी सतना जिले के अंदर जब भी जीते तो उनके जीत का आकलन किसी ने भी पूर्व में कभी नहीं किया बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशियों को हमेशा राजनीतिक विश्लेषकों ने कमतर ही आंका । जब सतना लोकसभा से सुखलाल कुशवाहा सांसद बने थे तो संसद बनने के पूर्व तक उनके नाम की कहीं कोई चर्चा भी नहीं होती थी लेकिन जैसे ही सांसद सुखलाल कुशवाहा ने दो पूर्व मुख्यमंत्री की सतना से चुनाव पराजित किया जिसमें अर्जुन सिंह और वीरेंद्र कुमार सकलेचा थे वैसे ही रातोरत सुखलाल कुशवाहा कर सुर्खियों में आ गए चित्रकूट से जब गणेश बारी विधायक बने तो उन्हें देखने के लिए भीड़ लग गई कि आखिर कार ये गणेश बारी कौन है । उषा चौधरी और राम लखन को लोग जानते थे लेकिन इनकी जीत का भी अनुमान जब तक यह चुनाव नहीं जीत गए तब तक कोई नहीं लगता था। सतना और मैहर जिले के अंदर इस बार बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी वेल नोन हैं । इसलिए इन्हें इस बात का फायदा मिल सकता है अब देखना यह है की राजनीतिक समीकरण किस विधानसभा में कैसे बैठते हैं और कौन चुनाव जीत सकता है लेकिन इसमें कोई दो मत नहीं है कि बहुजन समाज पार्टी सतना और मैहर जिले की हर सीट पर दमदारी के साथ चुनाव लड़ रही है और उसके जीतने की भी संभावनाओं पर लोग चर्चा कर रहे हैं जीतना हरना समय के गर्त में छुपा हुआ है इसलिए इस संबंध में अभी से कोई भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी लेकिन इतना तो कहा जा सकता है कि बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को कोई कम न आंके।




