अब कितने दिन भाजपा में रहेंगे अनिल

सतना। चद्दर की तरह राजनीतिक पार्टियां बदलने वाले अनिल अग्रहरी शिव ने एक बार पुन: भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। अब देखना यह है कि अनिल अग्रहरी शिवा कितने दिन भारतीय जनता पार्टी में रहते हैं। अनिल अग्रहरी शिवा बीते तीन दशक से राजनीति में सक्रिय अनिल अग्रहरी शिवा के पिता उमा चरण गुप्ता चित्रकूट विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रह चुके हैं उनकी माताजी जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी है इनकी माताजी पार्षदी का चुनाव कांग्रेस पार्टी से महापौर का चुनाव समाजवादी पार्टी से लड़ चुकी है। अनिल अग्रहरी युवक कांग्रेस के पदाधिकारी रह चुके हैं कुछ दिनों तक यह पूर्व विधानसभा के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह के नजदीकी माने जाते थे तो कुछ दिनों तक अजय सिंह राहुल के नजदीकी माने जाते थे पिछले महापौर के चुनाव में सिद्धार्थ कुशवाहा के नजदीकी हो गए थे जब अनिल अग्रहरी को लगा कि कांग्रेस से टिकट नहीं मिल सकती तो इन्होंने बहुजन समाज पार्टी से टिकट लेने की कोशिश की हालांकि अनिल अग्रहरि एक बार बहुजन समाज पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ चुके हैं और चुनाव हारने के बाद बसपा के हाथी से कूद पड़े। जब तक रत्नाकर चतुर्वेदी को टिकट नहीं मिली थी तब तक शहर में इसी बात की चर्चा थी कि अनिल अग्रहरी बसपा से सतना के प्रत्याशी होंगे लेकिन तोल मोल के बोल में अनिल अग्रहरी कमजोर पड़ गए और टिकट रत्नाकर चतुर्वेदी को मिल गई ऐसे में अनिल अग्रहरि अपना राजनीतिक वजूद बचाने के लिए और राजनीति में चर्चा में रहने के लिए भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए चुनाव का सीजन है कोई किसी भी दल में शामिल होना चाहता है तो कोई भी दल मना नहीं करता। मतदान के पूर्व तक कौन कहां किस दल में शामिल हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन जिस तरीके से चुनावी सीजन में नेता एक दल छोडक़र दूसरे दल में शामिल होते हैं उन्हें बरसाती मेंढक से ज्यादा कुछ कहा नहीं जा सकता।




