पनौती कौन

सतना। विश्व कप क्रिकेट में जब इंडिया फाइनल मैच हार गई तो उस मैच के बाद पूरे देश के अंदर एक शब्द ने काफी सुर्खियां बटोरी उस शब्द का हम यहां पर उल्लेख कर रहे हैं शायद 2023 में सबसे ज्यादा अगर किसी शब्द का उपयोग किया गया तो वह शब्द था पनौती। वल्र्ड कप में इस शब्द के उपयोग होने के बाद इस शब्द का व्यापक पैमाने पर जगह-जगह उपयोग हुआ। इस शब्द का सतना में भी पर्याप्त उपयोग हुआ जैसे ही चार बार के सांसद गणेश सिंह विधानसभा का चुनाव हारे तो लोगों ने यह जानने की कोशिश की कि आखिरकार एक ऐसा व्यक्ति जिसने जब से चुनाव जीतना शुरू किया तब से कभी चुनाव हारा ही नहीं फिर ऐसी कौन सी वजह हो गई जिसके कारण गणेश सिंह विधानसभा का चुनाव हार गए दबी जुबान तमाम लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया कि गणेश सिंह के साथ इस बार कई पनोतिया लगी हुई थी जिसमें एक नेता वैसे समाज के उनके साथ जुड़े हुए थे उनके बारे में भी यह कहा जाता है कि महापौर के चुनाव में भी सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू के साथ थे इसलिए डब्बू चुनाव हार गए। इस बार वैसे समाज के लोकप्रिय नेता गणेश सिंह के साथ थे। लोगो ने यहां तक कह दिया कि इस बार गणेश सिंह के साथ कई पनोतिया लगी हुई थी ब्राह्मण समुदाय एक व्यक्ति के बारे में भी यह कहा जा रहा है कि वे जिनके साथ रहते हैं वह चुनाव हार जाता है वे कभी हर्ष सिंह के साथ थे तो हर्ष सिंह चुनाव हार गए उसके बाद सईद अहमद के साथ थे तो सईद अहमद चुनाव हार गए उसके बाद शंकर लाल तिवारी के साथ थे तो शंकर लाल तिवारी हार गए और इस बार यह नेताजी गणेश सिंह के साथ थे तो गणेश सिंह चुनाव हार गए। हालांकि हम इस तरह की बातों पर यकीन नहीं करते कोई भी नेता का जीतना और हारना अपने कर्मों से है लेकिन हारने के बाद इस तरीके की चर्चाएं तो शुरू हो जाती है और लोग चटखारे लेकर इस तरीके की चर्चाएं सुनते भी हैं। मीडिया जगत में ज्यादातर इसी तरीके की खबरें भी बनती है जिसमें लोग चटखारा ले। हमें भी यह लगा कि जिस तरीके की चर्चा गली और चौराहों में हो रही है अगर उस चर्चा को सोशल मीडिया का सहारा दे दिया जाए तो निश्चित तौर पर वह चर्चा आम हो जाएगी।




