मंत्रियो को मन का नहीं मिला विभाग

सतना। जिस तरीके से समुद्र मंथन के बाद अमृत निकला था ठीक उसी तरीके से बड़े मंथन के बाद मध्य प्रदेश के अंदर मंत्रियों को विभाग का बंटवारा कर दिया गया सबसे चौंकाने वाला निर्णय जो पूरे प्रदेश के अंदर चर्चा में है कि गृह विभाग किसी भी मंत्री को नहीं दिया गया गृह विभाग मुख्यमंत्री मोहन यादव अपने पास ही रखेंगे। इतना ही नहीं सामान्य प्रशासन विभाग भी मुख्यमंत्री मोहन यादव ही संभालेंगे क्योंकि प्रशासनिक दृष्टिकोण से जिन अधिकारियों का पदांकन जहां करना है वे स्वतंत्रता पूर्वक कर सकेंगे। इसके अलावा प्रदेश के अंदर औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की जिम्मेदारी भी स्वयं मुख्यमंत्री ही संभालेंगे। जनसंपर्क जैसा प्रमुख विभाग भी मुख्यमंत्री अपने पास ही रखेंगे क्योंकि कई बार जनसंपर्क मंत्री का कद सरकारी विज्ञापन अखबारों को देने के कारण मुख्यमंत्री से बड़ा हो जाता है कई बार ऐसा देखा गया है की मीडिया हाउस मुख्यमंत्री से ज्यादा जनसंपर्क मंत्री को महत्व देने लगते हैं इसलिए जनसंपर्क मंत्री मध्य प्रदेश के अंदर किसी को नहीं बनाया गया। पूरे देश के अंदर खनिज विभाग को भी मलाईदार विभाग माना जाता है कई खनिज मंत्रियों के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप भी लग चुके हैं इस लिहाज से इस मलाईदार विभाग को भी मुख्यमंत्री ने अपने पास ही रखा है। जैसी संभावना थी कि उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा को वित्त मंत्रालय का कार्य भार सौंपा जाएगा वैसा ही हुआ। दूसरे उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला जो कि पेशे से इंजीनियर हैं उन्हें अब बीमा चिकित्सालय एवं बिगड़े डॉक्टर को सुधारने का जिम्मा दिया गया है। विंध्य क्षेत्र के अंदर चिकित्सा सुविधाओं का हमेशा से रोना रहा है राजेंद्र शुक्ल ने काफी कुछ सुधारने का प्रयास किया है लेकिन अब पूरे प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को सुधारने की जिम्मेदारी जब उनके कंधों पर हो तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि विंध्य क्षेत्र राजेंद्र शुक्ल के प्रयास से एक बड़ी मेडिकल हब के रूप में डेवलप हो सकता है। कहने का अभिप्राय साफ है कि उन्हें लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा विभाग का मंत्रालय सौंपा गया है। विजय शाह को सिर्फ नाम का मंत्रालय पकड़ाया गया है क्योंकि उनकी छवि बड़ी विवादास्पद है इसलिए उन्हें जनजातिय कार्य मंत्री बनाया गया है। जगदीश देवड़ा और विजय शाह दोनों शिवराज सिंह के मंत्रिमंडल में भी मंत्री थे। जबलपुर से सांसद रह चुके राकेश सिंह जो पहली बार विधायक बने हैं इन्हें लोक निर्माण मंत्री बनाया गया है पूरे प्रदेश की बिगड़ी हुई सडक़ों को सुधारने का जिम्मा अब राकेश सिंह के पास है। श्रमिकों को संगठित कर उन्हें उनका हक दिलाने की राजनीति करने वाले प्रहलाद पटेल को श्रम मंत्रालय के साथ-साथ पंचायत मंत्री भी बनाया गया है पूरे प्रदेश के अंदर पंचायत में जिस तरीके से भ्रष्टाचार का पंचायती करण हुआ है अब देखना यह है कि उस भ्रष्टाचार को प्रहलाद पटेल रोक पाते हैं या नहीं। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री रह चुके मालवा के कद्दावार नेता कैलाश विजयवर्गीय को नगरीय विकास एवं आवास संसदीय कार्य मंत्री बनाया गया है मध्य प्रदेश के नगरों को सुंदर और व्यवस्थित बनाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी कैलाश विजयवर्गीय के कंधों पर है इसके अलावा होशंगाबाद के सांसद रह चुके राव उदय प्रताप सिंह को परिवहन मंत्रालय सौंपा गया है परिवहन मंत्रालय भ्रष्टाचार के लिए जाना जाता है प्रदेश के अंदर जितने भी नेक हैं वहां पर बिना रोक टोक वसूली जारी रहती है व्यापक पैमाने पर पहले इस भ्रष्टाचार को क्या राव उदय प्रताप सिंह रोक पाएंगे इसके अलावा इन्हें स्कूल शिक्षा मंत्री भी बनाया गया है मध्य प्रदेश में स्कूली शिक्षा भी निम्न से निम्नतम पायदान पर है। बिगड़ी शिक्षा व्यवस्था को राव उदय प्रताप सिंह कैसे पटरी पर लाते हैं यह अपने आप में एक बड़ा सवाल होगा। इंदर सिंह परमार इन्हें उच्च शिक्षा मंत्री बनाया गया है पिछली बार के मंत्रिमंडल में स्कूली शिक्षा मंत्री थे हालांकि स्कूल शिक्षा की स्थिति को इंदर सिंह परमार सुधार नहीं पाए थे अब उच्च शिक्षा मंत्री होने के बाद क्या कुछ कर पाएंगे यह अपने आप में विचारणीय प्रश्न है करण सिंह वर्मा को राजस्व मंत्री बनाया गया है वही नारायण सिंह कुशवाहा को सामाजिक न्याय उद्यानिकी खाद्य प्रसंस्करण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है राकेश शुक्ला को नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा का मंत्रालय सौंपा गया है इंदल सिंह कंसाना को किसान कल्याण मंत्री बनाया गया है वहीं प्रद्युमन सिंह तोमर ऊर्जा मंत्री का दायित्व संभालेंगे तुलसीराम सिलावट को पिछली बार वाला ही विभाग सौंपा गया है वे जल संसाधन विभाग के मंत्री होंगे जबकि गोविंद सिंह राजपूत को इस बार खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बनाया गया है पिछली बार में परिवहन एवं राजस्व मंत्री थे चैतन्य काश्यप सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्रालय संभालेंगे वहीं निर्मला भूरिया को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय सौंपा गया है संपत्तियों उनके लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग संभाल लेंगे जबकि नागर सिंह चौहान वन एवं पर्यावरण अनुसूचित कल्याण मंत्री होंगे जिन 6 मंत्रियों को स्वतंत्र प्रभार का मंत्री बनाया गया था उसमें धर्मेंद्र सिंह लोधी संस्कृति एवं पर्यटन विभाग तथा दिलीप जायसवाल कुटीर ग्राम उद्योग मंत्रालय संभालेंगे वहीं गौतम टेटवाल तकनीकी शिक्षा एवं कौशल तथा लखन पटेल पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालेंगे नारायण सिंह पवार को मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विभाग सोपा गया है इसके अलावा मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल में चार मंत्रियों को राज्य मंत्री बनाया गया था जिसमें दो महिलाएं हैं। दोनों ही महिलाएं पहली बार विधायक बनी है और इनको मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है सतना जिले की रैगांव विधानसभा से प्रतिमा बागरी को नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री बनाया गया है वहीं राधा सिंह को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग दिया गया है नरेंद्र शिवा पटेल लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय संभालेंगे तो दिलीप अहिरवार वन एवं पर्यावरण मंत्रालय का दायित्व देखेंगे।




