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जिला चिकित्सालय की दुर्गंध बर्दाश्त नहीं कर पाईं मंत्री

सतना। मध्य प्रदेश शासन की नगरी निकाय राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी की यह तस्वीर देखिए। प्रतिमा बागरी जिला चिकित्सालय का दोबारा मौका मुआयना करने गई है लेकिन जिला चिकित्सालय में इस तरीके की बदबू है कि राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी को अपनी नाक साल से ढकनी पड़ी। अब अगर राज्य मंत्री के निर्देश से जिला चिकित्सालय में साफ सफाई होगी तो फिर जिला चिकित्सालय के जिम्मेदार अधिकारी को वहां बिठाकर एक मोटी तनख्वाह क्यों दी जा रही है। जिस व्यक्ति के जिम्मे जिला चिकित्सालय है अगर वह व्यक्ति साफ सफाई करने में भी अक्षम है तो आखिरकार ऐसे व्यक्ति को सिविल सर्जन क्यों बनाया गया है। जब जिले के सबसे बड़े चिकित्सालय में गंदगी का यह आलम है कि मंत्री को अपनी नाक अपनी साल से ढकनी पड़ रही है तो इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सतना जिले के अन्य चिकित्सालयों की स्थिति क्या होगी। इस तस्वीर को देखने के बाद ऐसा नहीं लगता कि जिले के जिम्मेदार नेता और अधिकारी सिर्फ अपना वक्त काट रहे हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है दिल्ली की सरकार में स्कूल और चिकित्सालयों को इस तरीके से बनाया गया कि लोग उसकी मिसाल देते हैं और उसके बाद भी आम आदमी पार्टी के नेताओं को जेल भेजा जा रहा है क्योंकि उन्होंने बुनियादी सुविधाओं को सही किया लेकिन मध्य प्रदेश के अंदर लगातार 20 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है कुछ दिनों के लिए कमलनाथ की सरकार मध्य प्रदेश में जरूर रही लेकिन अधिकांश तया प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का ही राज रहा है और अगर 20 वर्षों में भारतीय जनता पार्टी चिकित्सा व्यवस्था को नहीं सुधार पाई तो अब भारतीय जनता पार्टी को चिकित्सा व्यवस्था में सुधार करने के लिए कितना वक्त चाहिए। जब प्रतिमा बागरी पहली बार जिला चिकित्सालय गई तो विशाल खबर ने मंत्री प्रतिमा बागरी से समाचार के माध्यम से यह कहा था कि यदि आपका दृढ़ संकल्प नहीं है तो आप जिला चिकित्सालय जाकर अपनी फजीहत मत कराइए लेकिन राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी दोबारा जिला चिकित्सालय के दौरे पर गई। प्रतिभा बागरी के दोबारा दौरे को देखते हुए ऐसा लग रहा है की प्रतिमा बागरी ने ऐसा तय कर लिया है कि जिला चिकित्सालय की व्यवस्था को व्यवस्था में बदलना है। इसीलिए एक महीने में दोबारा दौरा करके वहां के नकारा और निकम्मे कर्मचारी और अधिकारी को बताने की कोशिश की गई है कि सुधर जाइए वक्त है नहीं तो चीजे बिगड़ेगी। फिलहाल प्रतिभा बागरी जिला चिकित्सालय की व्यवस्था को सुधारना चाहती हैं और जिला चिकित्सालय के बिगड़े डॉक्टर सुधारने के लिए तैयार नहीं है अब देखना यह है कि मंत्री और डॉक्टरों की यह नूरा कुश्ती किसी अंजाम तक पहुंचती है। फिलहाल जिला चिकित्सालय के हालात बद से बदतर है। जब मंत्री जी जिला चिकित्सालय की दुर्गंध बर्दाश्त नहीं कर पाई तो अंदाजा लगाइए आम आदमी वहां किस तरीके से इलाज कराता होगा और किस तरीके से वहां अपना जीवन निर्वाह करता होगा।

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