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मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस छोड़ी

सतना। जब नाव डूबने लगती है तो चूहे सबसे पहले भागते हैं तकरीबन कांग्रेस की आज की तारीख में यही हालत है। एक-एक करके कांग्रेस को तमाम नेता छोड़ते ही चले गए उसके पीछे की वजह कुछ भी रही हो लेकिन जिन्हें भविष्य की बड़ी राजनीति करनी है वे वह यह मान कर चल रहे हैं कि कांग्रेस का भविष्य उज्जवल नहीं है। पहले मध्य प्रदेश के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी छोड़ी इसके अलावा उत्तर प्रदेश से जतिन प्रसाद ने कांग्रेस का दामन छोड़ आरपीएन सिंह ने भी कांग्रेस को अलविदा कहने में वक्त नहीं लगाया अब महाराष्ट्र के दो बार के सांसद रह चुके मिलिंद देवड़ा ने 55 साल पुराना कांग्रेसी रिश्ता तोड़ दिया और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिव सेना में शामिल हो गए। कांग्रेस के तमाम नेताओं को अब यह लगने लगा है कि कांग्रेस जिस तरीके का स्टैंड ले रही है उस स्टैंड पर तो कांग्रेस की केंद्र में सरकार बनती हुई नहीं दिखाई पड़ रही है जब तमाम सर्वे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बना रहे थे मध्यप्रदेश में भी तमाम सर्वे यह कह रहे थे कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं बन रही है लेकिन जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी ने संघर्ष करके दांव पलटा उसे देखकर तमाम कांग्रेसी नेताओं का धीरे-धीरे मोह भंग होने लगा है जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी की लहर है या जनता के बीच में जिस तरीके से अधिकांश हिंदू वोटो का ध्रुवीकरण हो रहा है उसे देखते हुए तमाम कांग्रेसी नेता यह मानकर चल रहे हैं कि उनका भविष्य अब कांग्रेस में उज्जवल नहीं है, कई जगह तो लोग कांग्रेस की टिकट लेने में भी हिचकिचाएंगे। हालांकि कांग्रेस को जिंदा रखने के हिसाब से राहुल गांधी ने न्याय यात्रा की शुरुआत की है। लेकिन इसी न्याय यात्रा के बीच में महाराष्ट्र के मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस पार्टी छोडक़र निश्चित तौर पर अपने साथ तो न्याय किया है लेकिन कांग्रेस के साथ अन्याय कर दिया। अभी पूरी न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस को कितने झटका लगेंगे किन-किन परिस्थितियों से जूझना पड़ेगा कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि भारतीय जनता पार्टी जिस तरीके से मुद्दों को भांपती है जिस तरीके से मुद्दे जनता के बीच में ले जाती है उस तरीके से कांग्रेस करने में सफल नहीं हो पा रही है। कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश की जीत निश्चित तौर पर कांग्रेस को संजीवनी दिया था लेकिन तीन राज्यों में चुनाव हार जाने के बाद कांग्रेस फिर से मूर्छित है। अब देखना है कि राहुल गांधी की यह न्याय यात्रा कांग्रेस को कितना संजीवनी प्रदान करती है। हालांकि मिलिंद देवड़ा के कांग्रेस छोडऩे के बाद कांग्रेस के जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस में हजारों मिलिंद देवड़ा है जय राम रमेश जैसे व्यक्तियों के बयान ही कांग्रेस को कमजोर कर रहे हैं किसी भी प्रभावी नेता के दल छोड़ देने से असर तो पड़ता है यह सच्चाई स्वीकार करने में क्या बुराई है लेकिन जयराम रमेश जैसे नेता जिस तरीके से बयान दे रहे हैं उसे बड़बोला पान के अलावा कुछ नहीं कहा जा सकता।

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