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जब आरटीओ का कांस्टेबल अरबपति तो…

सतना। आरटीओ विभाग के पूर्व सिपाही के घर में 2.85 करोड रुपए कैश 60 किलो चांदी की सिल्लयां डिस्कवरी जैसी चार ह्यह्व1 कार और नोट गिनने की बड़ी मशीन मिली है अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आरटीओ विभाग के एक सिपाही के घर का यह मामला है जब आरटीओ विभाग के एक सिपाही के घर में इस तरीके की चीज मिल सकती है तो प्रदेश के अंदर ऐसे तमाम आरटीओ है जिनके घर में अगर छापा मारा जाए तो क्या-क्या चीज मिल सकती है कितना भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है अभी कुछ दिनों पूर्व मध्य प्रदेश के कुछ पत्रकारों की लिस्ट प्रकाशित हुई थी जिसमें इस बात का खुलासा किया गया था कि मध्य प्रदेश के तमाम पत्रकारों को आरटीओ विभाग हर महीने लिफाफा जाता है प्रदेश के अंदर बड़ा हो मोहल्ला मचा लेकिन इस सिपाही के यहां जिस तरीके की रकम बरामद हुई है उसे यह बात सिद्ध तो नहीं होती कि पत्रकारों को हर महीने पैसा जाता रहा होगा लेकिन कहीं ना कहीं संदेह तो होता है कि आरटीओ विभाग जिस तरीके से भ्रष्टाचार करता है उस भ्रष्टाचार को दबाने के लिए कहीं ना कहीं पत्रकारों को अखबारों को मैनेज तो किया जाता है जिसके चलते पत्रकार एवं अखबार अपना मुंह बंद रखें आरटीओ विभाग पूरे प्रदेश के अंदर भ्रष्टाचार करता है लेकिन जल्दी आपको किसी भी अखबार में आरटीओ विभाग के विरुद्ध खबर प्रकाशित होते हुए नहीं दिखेगी कई जगह तो यह भी सुनने में आता है कि कुछ अखबारों के ब्यूरो कार्यालय के कर्मचारियों की पूरी वेतन ही आरटीओ विभाग देता है।
अब यदि किसी अखबार के कर्मचारियों की वेतन आरटीओ विभाग देने लग जाए तो उस अखबार में आरटीओ के विरुद्ध खबर कैसे छपेगी। मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा के भोपाल स्थित घर पर लोकायुक्त ने छापा मारा जिसमे बड़े कुलसी हो रहे छापे में अब तक दो करोड़ पचासी लाख रुपए कैश इसके अलावा 50 लाख कीमत के सोने चांदी और डायमंड की जेवरात मिले हैं 60 किलो चांदी की सिल्लयां भी मिली है चार-पांच कार भी मिले हैं जानकारी के अनुसार सौरभ 2015 में पिता की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्त पर आरटीओ विभाग में नौकरी मिली थी लेकिन महत्व 7 साल की नौकरी करने के बाद सौरव ने नौकरी छोड़ दी अब अगर एक कांस्टेबल के यहां इतनी बड़ी रकम बरामद हो रही है तो जो बड़े और उच्च स्तर के अधिकारी हैं उनके यहां कितनी रकम निकल सकती है उनके यहां भ्रष्टाचार का कितना बड़ा लेवल है कई बार तो यह भी सुनने में आता है कि मध्य प्रदेश के कई आरटीओ नाकों में प्राइवेट कर्मचारी लगे रहते हैं। कई ऐसे चेक पोस्ट है जिनमें बिना इंट्री दिए कोई नहीं चल सकता। फिलहाल जिस तरीके से एक कांस्टेबल के यहां इतनी बड़ी रकम बरामद हुई है उसे देखते हुए तो यह कहा जा सकता है की मध्य प्रदेश के लोकायुक्त विभाग को गोपनीय तौर पर प्रदेश के जितने आरटीओ अधिकारी है उनकी कुंडली तैयार करनी चाहिए और यह ढूंढना चाहिए कि उनके पास आज की तारीख में कितनी संपत्तियां है और यदि इस बात का कूट परीक्षण हो जाए तो शायद ही मध्य प्रदेश का कोई आरटीओ ऐसा निकलेगा जिसके यहां भारी भरकम राशि या भारी भरकम संपत्तियां या भारी भरकम उद्योग प्रमाणिकता के साथ न मिले।

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