भाजपा: सतना की जिला अध्यक्षी बनी तमाशा

सतना। सतना के अंदर जब तक भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष की घोषणा नहीं हो जाती तब तक जिस आदमी की औकात वार्ड अध्यक्ष बनने की नहीं है वे लोग भी सोशल मीडिया में अपने आप को अध्यक्ष बनाने का दावा कर रहे हैं। अपने समर्थकों से बधाइयां ले रहे हैं लोग कहते थे कि भारतीय जनता पार्टी अनुशासित दल है लेकिन अध्यक्ष बनने के पहले सोशल मीडिया में जिस तरीके की पोस्ट वायरल हो रहे हैं उससे तो अनुशासन तार-तार होता नजर आ रहा। पहले इस बात की चर्चा जोरो पर थी कि सतीश शर्मा रिपीट होंगे। सतीश शर्मा के रिपीट होने में क्या व्यवधान आया यह तो पार्टी ही जाने और सतीश शर्मा जाने लेकिन जिस तरीके से विलंब हो रहा है उसे ऐसा लगता है कि सतीश शर्मा के अध्यक्ष बनने की संभावना क्षीण हो चुकी है। विजय तिवारी का नाम चला कुछ लोगों ने कहा कि पार्टी के प्रभावित लोग विजय तिवारी के लिए लॉविंग कर रहे हैं फिर उनके बारे में एक चर्चा चली कि वह कांग्रेस से भाजपा में आए हैं इसलिए उन्हें जिला अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा यह बात अपने आप में गले के नीचे नहीं उतरती दूसरे दल से आए व्यक्तियों को सांसद बना दिया जाता है विधायक बना दिया जाता है मंत्री बना दिया जाता है लेकिन जिला अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। इसके बाद भगवती पांडे का नाम बहुत तेजी से सोशल मीडिया में उन्हें बधाइयां भी मिलने लगी भगवती पांडे की बॉडी लैंग्वेज बदल गई और भगवती पांडे यह मानकर चलने लगे कि अब हम अध्यक्ष हो ही गए हैं लेकिन भगवती पांडे के नाम की भी घोषणा नहीं हुई। अब इसके बाद एक बिल्कुल बुझा हुआ नाम सोशल मीडिया में प्रचारित किया जा रहा है जिसका नाम है शंकर दयाल त्रिपाठी जिस व्यक्ति को भारतीय जनता पार्टी ने चित्रकूट विधानसभा से उपचुनाव के दौरान टिकट दी थी भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी शिवराज सिंह जैसा लोकप्रिय मुख्यमंत्री 10 दिन चित्रकूट में पड़ा रहा।
बावजूद इसके शंकर दयाल त्रिपाठी 14333 मतों से 2017 में चित्रकूट विधानसभा का चुनाव हार गए इससे अब अंदाज लगाया जा सकता है कि शंकर दयाल त्रिपाठी कितने लोकप्रिय है। शंकर दयाल त्रिपाठी के बारे में भी सोशल मीडिया में कई पोस्ट वायरल हो रही है जिसे हम दिखा भी रहे हैं भारतीय जनता पार्टी न हुई सडक़ पर चलने वाली कबाड़ा बस हो गई जब जिसका मन पड़ता है चढ़ जाता है जब जिसका मन पड़ता है कहीं भी रोक लेता है फिर वह उतर जाता है सोशल मीडिया में भारतीय जनता पार्टी का जिस तरीके से कबाड़ा हो रहा है या जिस तरीके से तमाशा बनाया जा रहा है और वरिष्ठ नेता जिस तरीके से चुप्पी साध कर बैठे हैं उसे देखते हुए तो ऐसा लग रहा है कि यह एक अनुशासित दल नहीं बल्कि उद्दंड विद्यार्थियों का एक समूह है। जिसका जहां मन पड़ रहा है वह उद्दंडता कर रहा है। अब जो शंकर दयाल त्रिपाठी का नाम जिला अध्यक्ष के लिए उछाला जा रहा है वह व्यक्ति चित्रकूट का चुनाव हारने के बाद गुमनामी के अंधेरे में खो गए थे अब यदि उन्हें कहीं देखना हो तो उन्हें पंडित गणेश प्रसाद मिश्रा सेवा न्यास के कार्यालय में देखा जा सकता है। या यूं कहा जाए की शंकर दयाल त्रिपाठी का राजनीतिक पावर हाउस सतना स्थित बंधनगवाना ही है। इसके अलावा श्रीराम मिश्रा का भी नाम चल रहा है लोग यह कहते हैं कि विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के नाते श्री राम मिश्रा भी अध्यक्ष बन सकते हैं। अरुण द्विवेदी के नाम की भी कुछ लोग चर्चा कर रहे हैं और यदि रीवा में कोई ब्राह्मण जिला अध्यक्ष बनने पाया तो सतना जिले में पिछड़ा वर्ग से भी अध्यक्ष बनाया जा सकता है उसमें विनोद यादव का भी नाम लिया जा रहा है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सतना जिले के अंदर भारतीय जनता पार्टी की जिला अध्यक्ष को लेकर जिस तरीके से रायता फैला हुआ है जब तक जिला अध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं हो जाती तब तक यह रायता फैलता ही रहेगा।