नेताओं को जबरिया घर बैठा देती है भाजपा

हिंदुस्तान की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है जो नेताओं को जबरिया घर बैठा देती है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है लालकृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर जोशी जिन्हें मार्गदर्शक मंडल बनाकर घर बैठा दिया ऐसा नहीं है कि यह सिलसिला सिर्फ देश में ही शुरू हुआ मध्य प्रदेश के अंदर भी कई नेता जबकि जिन नेताओं को घर बैठाया गया है वह नेता अपना राजनीतिक पुनर्स्थापना चाहते हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी उनके राजनीतिक कैरियर को सींचेगी या यहीं पर समाप्त कर दे हम मध्य प्रदेश के कई नेताओं के संदर्भ में आपको यह खबर बताने जा रहे हैं जिन्हें भारतीय जनता पार्टी ने जबरिया घर बैठा दिया उसमें सबसे पहला नाम है अनूप मिश्रा। अनूप मिश्रा देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के भांजे हैं ग्वालियर के रहने वाले है । अनूप मिश्रा तो यही मानकर चल रहे थे कि मध्य प्रदेश की भाजपा माने अनूप मिश्रा क्योंकि अनूप मिश्रा भारतीय जनता पार्टी के एक ऐसे नेता के भांजे हैं जिनकी छवि न सिर्फ देश में थी बल्कि उनकी छवि विदेश में भी बहुत अच्छी थी विदेश में भी लोकप्रिय अनूप मिश्रा यह मानकर चल रहे थे कि अटल बिहारी वाजपेई का भांजा होने के नाते उन्हें कभी राजनीतिक संकट नहीं आएगा लेकिन उन्हें घर बैठा दिया गया अब उनकी भारतीय जनता पार्टी में कोई पूंछ परख नहीं होती । लिए हम दूसरे नेता की बात करते हैं जिनका नाम है उमा भारती मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री रही केंद्र में कई बार मंत्री रही एक बार तो उत्तर प्रदेश से भी उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया गया था यह अलग बात है कि उनके चेहरे पर उत्तर प्रदेश में सरकार भारतीय जनता पार्टी की नहीं बन पाई। पिछले लोकसभा चुनाव में उमा भारती को टिकट नहीं दी गई इसके बाद उमा भारती ने शराब के विरोध में आंदोलन प्रदर्शन किया कुछ दुकानों में पत्थर भी मारे उम्मीद की जा रही थी उमा भारती की पत्थर मार कार्यवाही से उनका राजनीतिक व्यवस्थापन हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ अभी कुछ दिनों से उमा भारती यह कहने लगी है कि वह अगला चुनाव लड़ेंगे कि जब भारतीय जनता पार्टी उन्हें टिकट देगी तब तो चुनाव लड़ेंगे यदि टिकट नहीं देंगे तो क्या चुनाव लड़ेगी निर्दलीय चुनाव लड़कर उमा भारती की जीतने की हैसियत नहीं है एक बार उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से अलग होकर भारतीय जनशक्ति पार्टी भी बनाया था लेकिन उसका हास्य क्या हुआ या किसी से छुपा नहीं। भारतीय जनता पार्टी में कभी वैश्य समुदाय के बड़े नेता माने जाते थे उमाशंकर गुप्ता मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल में गृह मंत्री जैसे पद को उन्होंने सुशोभित किया लेकिन आज की तारीख में भारतीय जनता पार्टी में उनकी पूंछ परख नहीं होती गुमनामी की अंधेरे में हैं।चौथे नेता के रूप में हम कुसुम सिंह मैदेली की बात कर रहे हैं कुसुम सिंह पन्ना की रहने वाली है सुंदरलाल पटवा शिवराज सिंह चौहान उमा भारती सभी के मंत्रिमंडल में मंत्री नहीं लेकिन पिछले 10 वर्षों से वह भी अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित है अब इस बात की संभावना भी काम है कि उनका राजनीतिक भविष्य अब उज्जवल होगा क्योंकि उनके राजनीतिक भविष्य में बृजेंद्र प्रताप सिंह ग्रहण लगा चुके हैं अब इस बात की संभावना कम ही है की कुसुम महदेले का पुराना दिन लौटेगा । किसी जमाने में कप्तान सिंह सोलंकी मध्य प्रदेश की टिकट बांटते थे मध्य प्रदेश के बाद उन्हें राज्यपाल बनाया गया लेकिन आज की तारीख में कप्तान सिंह सोलंकी कहां है क्या कर रहे हैं शायद ही किसी को मालूम होगा उन्हें भी राजनीतिक रंगमंच से विदा कर दिया गया है। उज्जैन से एक बड़े नेता हुआ करते थे सत्यनारायण जटिया अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में मंत्री भी थे लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें भी घर बैठने में कोई संकोच नहीं किया। सुदर्शन गुप्ता भी इंदौर के विधायक रहे उम्मीद की जा रही थी इनकी राजनीति कुछ लंबी चलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आईपीएस सेवा से रिटायर होने के बाद रुस्तम सिंह ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन किया प्रदेश की सरकार में ही मंत्री भी बनाया गया लेकिन एक वक्त के बाद भारतीय जनता पार्टी यदि किसी नेता के अंदर भविष्य की संभावना नहीं देखती तो उसे घर बैठने में देर नहीं लगती । भारतीय जनता पार्टी की राजनीति में एक नाम था तपन भौमिक भोपाल से सांसद भी रहे । लेकिन दूसरी बार उन्हें टिकट नहीं दी गई अब उन्हें भी भारतीय जनता पार्टी नजरअंदाज करने की मुद्रा में है कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि भारतीय जनता पार्टी कब किस नेता को घर बैठा देगी कहां नहीं जा सकता। लोग तो यहां तक कहते हैं कि शिवराज सिंह को भी घर बैठने की तैयारी की जा चुकी थी लेकिन मोहन यादव की सरकार बनने के बाद जिस तरीके से शिवराज सिंह के पीछे लोगों का कारवां निकल पड़ता था उसे देखकर भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व घबरा गया और मजबूरी में उन्हें विदिशा से लोकसभा की टिकट देकर केंद्र में मंत्री बनाया गया। भारतीय जनता पार्टी में राजनीतिक बढ़िया करण किसका कर दिया जाएगा कुछ कहा नहीं जा सकता अब आने वाले दिनों में किस घर बैठा दिया जाए कुछ निश्चित नहीं है । भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व या नीति नियंत्रक किसी भी नेता के अंदर यह देखते हैं कि इस नेता के अंदर वोट कबड़ाने की संभावना है भविष्य का यह नेता है या नहीं यदि किसी नेता के अंदर यह दिखाई देना बंद हो जाता है कि यह भविष्य का नेट नहीं है या कोई नेता चुनाव हारा तो उसकी दुर्गति होना तय है ।




