ताजा ख़बरें

तीन विधायक गिरा रहे हैं भाजपा की साख

भारतीय जनता पार्टी के तीन विधायक पार्टी की साख में बट्टा लगा रहे हैं । पहले विधायक है कटनी जिले के विजय राघवगढ़ के संजय पाठक संजय पाठक के ऊपर 443 करोड रुपए के अवध खनन के मामले में सनी कर रहे हाईकोर्ट के जज विशाल मिश्रा को फोन लगाने का खुलासा होने के बाद अब पाठक की पहली करने वाले वकील भी उनसे मुंह मोड़ चुके इनके ऊपर सहारा जमीन की खरीदी में भी गोलमाल करने के आरोप है। संजय पाठक यह मानकर चल रहे थे कि वह सट्टा रोड दल के विधायक है खनन के नाम पर वह कुछ भी कर ले उनके विरुद्ध सरकार कोई कार्यवाही नहीं करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ सरकार ने उनके ऊपर 443 करोड़ का मामला बना दिया है अब इस बात को लेकर संजय पाठक परेशान है। अब अगर 443 करोड़ का मामला उनके ऊपर बन गया है और वह भारतीय जनता पार्टी के विधायक है तो कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी की छवि संजय पाठक की वजह से धूमिल हो रही है आश्चर्य को इस बात पर है कि पार्टी इस मामले में कोई दिशा निर्देश क्यों जारी नहीं करती या ऐसी गड़बड़ी करने वाले विधायकों को कायदे से पार्टी सेनिष्कासित कर देना चाहिए लेकिन फिलहाल पार्टी ने अभी ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है लेकिन इतना तो सबको मालूम है कि संजय पाठक मध्य प्रदेश के अंदर भारतीय जनता पार्टी की साख पर्याप्त मात्रा में गिरी है इसके अलावा दूसरे विधायक है पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के भतीजे जिनका नाम है सुरेंद्र पटवा रायसेन जिले के भोजपुरी से विधायक है । शिवराज सिंह के मंत्रिमंडल में एक बार मंत्री भी रह चुके इनके ऊपर बैंकों के साथ करोड़ों रुपए के गबन के आरोप है । एक गरीब व्यक्ति गबन कर तो बात समझ में आती है अब अगर कोई करोड़पति व्यक्ति ही गबन करने लग जाए तो बात समझ में नहीं आती सुरेंद्र पटवा पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के भतीजे है पैसों की उनके पास कोई कमी नहीं थी बावजूद इसके इन्हें ऐसा कदम क्यों उठाना पड़ा यह बात भी समझ से परे है । सुरेंद्र पटवा की विरुद्ध बीते 10 दिन में दो बार वारंटी जारी हो चुके हैं इन्हें एमपी एमएलए कोर्ट से 6 माह की चेक बाउंस के मामले में सजा भी पड़ चुकी है । इसके अलावा तीसरे विधायक हैं विजय शाह जो वर्तमान में मंत्री भी है इनके पास जनजातीय कार्य मंत्रालय का पदभार है इन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चर्चित तथा हिंदुस्तान का प्रतिनिधित्व करने वाली करनाल सोफिया कुरैशी के लिए बेशर्म बयान दिए थे जिस मामले में कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है । भारतीय जनता पार्टी के इन तीनों विधायकों की वजह से पार्टी को पूरे देश के अंदर शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है लेकिन कई बार पार्टी चाह कर भी कुछ कर नहीं पाते इन तीनों विधायकों के मामले में कुछ ऐसा ही है। संजय पाठक अरबपति विधायक कहीं ना कहीं उनके पास इतना पैसा है कि पार्टी उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही करने के पहले कई बार सोचेगी ।यह उनकी जगह कोई साधारण व्यक्ति होता जिसके पास इतना पैसा नहीं होता तो बहुत संभव है पार्टी उसके विरुद्ध कार्यवाही कर चुकी होती इसके अलावा सुरेंद्र पटवा के विरुद्ध इसलिए भी पार्टी कार्यवाही नहीं कर रही है क्योंकि सुरेंद्र पटवा सुंदरलाल पटवा की भतीजे मध्य प्रदेश के अंदर भारतीय जनता पार्टी कुछ सुधार करने में सुंदरलाल पटवा का महत्वपूर्ण योगदान था इसलिए शायद सुरेंद्र पटवा को अभयदान दिया जा रहा है जबकि वहीं कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी को भारतीय जनता पार्टी ने टिकट तक नहीं दी थी जिसके चलते उन्हें कांग्रेस में शामिल होना पड़ा तीसरी विधायक है विजय शाह आदिवासी नेता है उन्हें हटाने के पहले आदिवासी वोट होने का भारतीय जनता पार्टी को डर है इसलिए उनके विरुद्ध कोई भी कार्यवाही करने से भारतीय जनता पार्टी डरती है या कतराती है

Related Articles

Back to top button
Close