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आज से शुरू हुआ स्वदेशी अभियान

प्रदेश में 2 अक्टूबर तक स्वदेशी जागरण सप्ताह चलेगा। इस महाअभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज रवींद्र भवन में मध्यप्रदेश जन-अभियान परिषद और स्वदेशी जागरण मंच के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में रैली को रवाना कर किया। इसके साथ ही सत्ता, संगठन और संघ एकजुट होकर मैदान में उतर गए हैं। यह रैली स्वदेशी वस्तुओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनके उपयोग को प्रोत्साहित करने का संदेश देगी। स्वदेशी जागरण सप्ताह का आयोजन प्रदेश के 313 विकासखंडों में किया जाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य स्वदेशी उत्पादों का प्रचार-प्रसार करना और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में लोगों को प्रेरित करना है। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से स्वदेशी वस्तुओं के महत्व को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देशवासियों से स्वदेशी अपनाने की अपील के बाद बाद राज्य सरकार स्वदेशी को बढ़ाने के लिए हर स्तर पर जुट गई है। भाजपा और सरकार दोनों की ओर से अलग-अलग अभियान चलाए जाएंगे। वहीं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपने स्तर पर छह महीने तक स्वदेशी का अभियान चलाएगा। इसके तहत प्रदेशभर उपभोक्ताओं को स्वदेशी खरीदने के लिए प्रेरित किया जाएगा। दुकानदारों को स्वदेशी वस्तुओं रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। वहीं स्वदेशी उत्पादकों की स्वदेशी उत्पाद का ज्यादा से ज्यादा निर्माण करने को कहा जाएगा। इसके लिए तीन स्तरों पर कार्य की रूपरेखा बनाई गई है। प्रदेश में स्वदेशी अभियान की लेकर सरकार, भाजपा संगठन और संघ एकजुट होकर काम कर रहे हैं।
इस तरह चलेगा अभियान
स्वदेशी जागरण का यह अभियान आज से शुरू हुआ है। सरकार 2 अक्टूबर तक अभियान पर काम करेगी। वहीं भाजपा लगातार तीन महीने 25 दिसंबर तक प्रदेश में इस अभियान को चलाएगी। इधर, संघ ने स्वदेशी को लेकर अगले छह महीने की कार्ययोजना बनाई है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनुषांगिक संगठन स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, साकार भारती, लघु उद्योग भारती और ग्राहक पंचायत मिलकर अभियान को घर-घर पहुंचाएगे। सरकार की तरफ से जनअभियान परिषद भी इस काम में जुटेगा। आमजन को बताया जाएगा कौन से ब्रांड स्वदेशी हैं और कौन विदेशी। देशभर में स्वदेशी उत्पादों में स्वदेशी का लोगो लगाने के लिए केंद्र सरकार और स्वदेशी जागरण मंच के बीच बातचीत चल रही है। स्वदेशी अपनाने के लाभ क्या है। इसकी जरूरत क्यों हैं। स्वदेशी नहीं अपनाने पर देश की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इसके लिए सरकार की तरफ से आज से अभियान शुरू किया गया है। संघ ने देशभर में छह माह का अभियान चलाने का निर्णय लिया है। पहली बार है जब आरएसएस के संगठन मिलकर स्वदेशी के लिए इतना बड़ा अभियान चलाने जा रहे हैं। अभियान के अंतर्गत प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर बड़े स्वदेशी मेले आयोजित किए जाएंगे।
अभियान के लिए बनाई गई टीम
अभियान के लिए संघ से स्वदेशी जागरण, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, सहकार भारती आदि संगठन जुड़े हैं। सरकार के साथ अभियान में जन अभियान परिषद को जिम्मेदारी दी गई है। लोगों को बताया जाएगा कि कौन से उत्पाद विदेशी हैं और कौन स्वदेशी। भाजपा ने इसके लिए 20 सदस्यीय टीम बनाई गई है। हर जिले में स्थानीय उत्पादों का बखान किया जाएगा। स्वदेशी उपलब्ध कराने और ग्राहकों तक पहुंचाने में मदद की जाएगी। भाजपा ने प्रदेश में स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने का अभियान शुरू कर दिया है। इसके लिए 20 लोगों की टीम बनाई गई है। यह निचले स्तर पर जाकर स्वदेशी पर काम कर रही है। टीम हर जिलों में स्वदेशी वस्तुएं बनाने वाले उत्पादकों को चिन्हित कर रही है। इन उत्पादकों को भाजपा द्वारा बाजार उपलब्ध कराया जाएगा और उनके उत्पाद ग्राहक और दुकानदारों तक आसानी से पहुंच सकें, इस पर भाजपा के कार्यकर्ता और पदाधिकारी काम कर रहे है। भाजपा का यह अभियान 25 दिसंबर तक प्रदेशभर में चलेगा। यादव ने भी प्रदेशवासियों से स्वदेशी वस्तुएं अपनाने की अपील की है। माना जा रहा है कि इस बार त्योहारों पर प्रदेशभर में स्वदेशी उत्पादी की खरीदी-विक्री अधिक होगी। छोटे स्तर पर वस्तुओं के निर्माता अपने ढंग से अपनी क्षमता, योग्यता और कौशल के आधार पर वस्तुओं के उत्पादन करते हैं। इससे कई लोगों को रोजगार का अवसर मिलता है और गरीब परिवारों के जीवनयापन का माध्यम बनता है।

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