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अब सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की तो खैर नहीं

प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव सरकार ने अब मुख्यमंत्री शिकायत प्रकोष्ठ पर झूठी शिकायत कर अधिकारियों कर्मचारियों को ब्लैक करने वालों पर शिकंजा कस दिया है बहुत अच्छी बात है जो लोग ब्लैकमेल करते हैं उनके ऊपर शिकंजा कसा जाना चाहिए लेकिन क्या सरकार ऐसा भी कोई नियम बनाएगी जिसमें अधिकारी कर्मचारी सही शिकायत को भी जनता के ऊपर दबाव बनाकर बंद कर देते हैं या कूट रचना करके बंद कर देते हैं ऐसे में क्या सरकार उन कर्मचारियों और उन अधिकारियों के खिलाफ भी शिकंजा कसेगी। जो लोग मुख्यमंत्री बनते हैं मंत्री बनते हैं वह जनता के वोट से बनते हैं जब मुख्यमंत्री और मंत्री बन जाते हैं तब सारे नियम कानून जनता के विरुद्ध बनाते हैं आज तक कोई भी मंत्री मुख्यमंत्री इस प्रदेश के अंदर आसान नहीं हुआ जिसने अधिकारी कर्मचारी की लापरवाही के विरुद्ध कभी शिकंजा कसा हो । जब भी कोई अधिकारी लापरवाही करता है सरकार उसको बचाती है जब भी कोई अधिकारी भ्रष्टाचार करता है तो सरकार उसको बचाती है लेकिन उसके ऊपर से गंजा करने का कोई कानून कोई प्रावधान लागू नहीं होता अब उन लोगों के ऊपर सरकार ने शिकायत दिया है जो शिकायत करके अधिकारियों और कर्मचारियों को ब्लैकमेल करते हैं क्या उन लोगों के विरुद्ध भी कभी शिकंजा कसा जाएगा जो लोग जनता को ब्लैकमेल करते हैं क्या ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों के विरुद्ध भी कभी शिकंजा कसा जाएगा । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने लोक सेवा प्रबंधन विभाग के माध्यम से कलेक्टरों को निर्देश जारी कराया है क्या ऐसी लोगों की जानकारी टाइप फॉर्मेट में दी जाए। अब मुख्यमंत्री के इस प्रयोग से सरकार के लोग किसी भी व्यक्ति को फर्जी शिकायत करता बात कर उसे परेशान करना शुरू करेंगे अभी तक तो लोग मुख्यमंत्री शिकायत प्रकोष्ठ में शिकायत करके कुछ अधिकारी कर्मचारियों के ऊपर दबाव बनाकर काम करवा भी लेते थे लेकिन अब इस नियम के आ जाने के बाद लोग शिकायत करने से भी डरेंगे। जो लोग भी शिकायत करके ब्लैकमेलिंग करते हैं उनके लिए नियम बनाने की क्या जरूरत थी ब्लैक मीनिंग के लिए तो पहले से ही प्रावधान है उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता था लेकिन इस तरीके की सूचना जारी करके इस तरीके का प्रॉपर गंदा करके सरकार ने अब शिकायतकर्ताओं को भी डरने की कोशिश की है।

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